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भारत की फटकार के बाद कनाडा के बदले सुर, कहा- पीएम मोदी, जयशंकर और NSA के खिलाफ कोई सबूत नहीं - CANADA CLARIFIES ON HARDEEP NIJJAR

Canada On Khalistani Terrorist Hardeep Nijjar: कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने यह बयान दिया.

Canada On Khalistani Terrorist Hardeep Nijjar
भारत की फटकार के बाद कनाडा के बदले सुर (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 22, 2024, 10:21 AM IST

ओटावा: कनाडा सरकार खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले पर एक बार बैकफुट पर आ गई है. ट्रडो सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस हत्याकांड और किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह पता चले कि भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल शामिल थे.

बता दें, भारत ने कनाडाई ग्लोब एंड मेल समाचार पत्र की उस रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें एनआईए द्वारा नामित आतंकवादी हरदीप निज्जर की मौत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से संबंध जोड़ने का प्रयास किया गया था. आज कनाडा ने आधिकारिक तौर पर इन रिपोर्टों का खंडन किया है.

प्रिवी काउंसिल की डिप्टी क्लर्क और प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार, नथाली जी ड्रोइन ने प्रिवी काउंसिल कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा कि 14 अक्टूबर को, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और निरंतर खतरे के कारण, आरसीएमपी और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधि को अंजाम देने के आरोपों को सार्वजनिक करने का असाधारण कदम उठाया. बयान में आगे कहा गया कि कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने वाले सबूतों के बारे में कुछ नहीं कहा है और न ही उसे इसकी जानकारी है.

बता दें, 20 नवंबर को भारत ने इन रिपोर्टों का जोरदार खंडन किया था और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयवाल ने कहा कि हम आम तौर पर मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं करते हैं. हालांकि, कनाडा सरकार के एक सूत्र द्वारा कथित तौर पर एक अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को उसी अवमानना ​​के साथ खारिज किया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं. इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं.

कुछ दिनों से कनाडा के साथ भारत के संबंधों में कड़वाहट देखी गई है, क्योंकि भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति तथा भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है तथा कनाडाई अधिकारियों से इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि पिछले साल कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के उनके पास 'विश्वसनीय आरोप' हैं.

भारत ने सभी आरोपों को नकारते हुए इन्हें 'बेतुका' और 'प्रेरित' बताया है और कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का आरोप लगाया है. इससे पहले, भारत ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा सरकार द्वारा उन्हें 'रुचि के व्यक्ति' घोषित किए जाने के बाद कनाडा से छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था. बता दें, निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी.

पढ़ें: निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा ने फिर जहर उगला, भारत ने सुनाई खरी-खोटी

ओटावा: कनाडा सरकार खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले पर एक बार बैकफुट पर आ गई है. ट्रडो सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस हत्याकांड और किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे यह पता चले कि भारत के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल शामिल थे.

बता दें, भारत ने कनाडाई ग्लोब एंड मेल समाचार पत्र की उस रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई थी, जिसमें एनआईए द्वारा नामित आतंकवादी हरदीप निज्जर की मौत के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से संबंध जोड़ने का प्रयास किया गया था. आज कनाडा ने आधिकारिक तौर पर इन रिपोर्टों का खंडन किया है.

प्रिवी काउंसिल की डिप्टी क्लर्क और प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया सलाहकार, नथाली जी ड्रोइन ने प्रिवी काउंसिल कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा कि 14 अक्टूबर को, सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण और निरंतर खतरे के कारण, आरसीएमपी और अधिकारियों ने भारत सरकार के एजेंटों द्वारा कनाडा में गंभीर आपराधिक गतिविधि को अंजाम देने के आरोपों को सार्वजनिक करने का असाधारण कदम उठाया. बयान में आगे कहा गया कि कनाडा सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी, मंत्री जयशंकर या एनएसए डोभाल को कनाडा के भीतर गंभीर आपराधिक गतिविधि से जोड़ने वाले सबूतों के बारे में कुछ नहीं कहा है और न ही उसे इसकी जानकारी है.

बता दें, 20 नवंबर को भारत ने इन रिपोर्टों का जोरदार खंडन किया था और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयवाल ने कहा कि हम आम तौर पर मीडिया रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं करते हैं. हालांकि, कनाडा सरकार के एक सूत्र द्वारा कथित तौर पर एक अखबार को दिए गए ऐसे हास्यास्पद बयानों को उसी अवमानना ​​के साथ खारिज किया जाना चाहिए जिसके वे हकदार हैं. इस तरह के बदनाम करने वाले अभियान हमारे पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और नुकसान पहुंचाते हैं.

कुछ दिनों से कनाडा के साथ भारत के संबंधों में कड़वाहट देखी गई है, क्योंकि भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद और हिंसा की संस्कृति तथा भारत विरोधी गतिविधियों के बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है तथा कनाडाई अधिकारियों से इन गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि पिछले साल कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के उनके पास 'विश्वसनीय आरोप' हैं.

भारत ने सभी आरोपों को नकारते हुए इन्हें 'बेतुका' और 'प्रेरित' बताया है और कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का आरोप लगाया है. इससे पहले, भारत ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में कनाडा सरकार द्वारा उन्हें 'रुचि के व्यक्ति' घोषित किए जाने के बाद कनाडा से छह राजनयिकों को वापस बुला लिया था. बता दें, निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गुरुद्वारे के बाहर हत्या कर दी गई थी.

पढ़ें: निज्जर हत्याकांड को लेकर कनाडा ने फिर जहर उगला, भारत ने सुनाई खरी-खोटी

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