सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के कई कई हिस्सों में भारी बारिश का दौर जारी है. बारिश के बाद सिरमौर जिले के उपमंडल संगड़ाह के अंतर्गत आने वाले गांव सीऊं में भारी जल भराव के चलते कुछ खेत 5 फुट तक गहरी झील में तब्दील हो गए हैं. दरअसल, इस झील ने दर्जन भर ग्रामीणों की करीब 40 बीघा भूमि पर लगी मक्के, अदरक और अरबी जैसे फसलो को बर्बाद कर दी है. जिससे किसान परेशान हैं. वही, सप्ताह भर से स्थानीय युवा अथवा ग्रामीण बारिश रूकने पर गर्मी तेज होने के दौरान स्वमिंग पुल की तरह यहां खूब गोते लगा रहे हैं.
रेणुकाजी बांध संघर्ष समिति के संस्थापक सदस्य प्रताप तोमर के अनुसार इस झील ने दर्जन भर ग्रामीणों की करीब 40 बीघा भूमि पर लगी मक्के, अदरक और अरबी जैसे फसलो को बर्बाद कर दी है. इसके बावजूद जमीन विद्युत विभाग के नाम होने के चलते यहां सरकार की ओर से मुआवजा नहीं दिया जाएगा. बता दें, अब तक करीब 200 करोड़ की मुआवजा राशि HPPCL अथवा सरकार से मिल चुकी है. इसलिए इस गांव को करोड़पतियों का गांव भी कहा जाता है.
बाढ़ से प्रभावित 7 परिवारों को राहत राशि जारी: कार्यवाहक एसडीएम संगड़ाह प्रोमिला धीमान ने बताया कि पटवारी इस झील का मुआयना कर चुके हैं, लेकिन जमीन HPPCL के नाम होने के चलते सीऊं और रेणुकाजी बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले अन्य गांवों के लोगों को नियमानुसार राहत और मुआवजा जारी नहीं किया जा सकता. इसके अलावा नागरिक उपमंडल संगड़ाह में सप्ताह भर में भारी बारिश अथवा बाढ़ से प्रभावित 7 परिवारों को राहत राशि जारी की जा चुकी है.
ग्रामीणों ने फैक्ट्री पर लगाए गंभीर आरोप: पांवटा साहिब के रामपुरहाट में लगातार हो रही बारिश ने अब किसानों की चिंताएं बढ़ा दी है. बारिश का पानी सड़कों पर आकर खेतों को भी नुकसान पहुंचा रहा है. कई बीघा भूमि बरसात के पानी और फैक्टरी के जहरीले केमिकल से खराब हो गई है. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि फसलें तबाह हो गई है. यहां पर बरेजा फैक्ट्री द्वारा जहरीला पानी बरसात के पानी के साथ मिलकर खेतों में पहुंच गया. मौजूदा स्थिति की बात की जाए तो खेतों में तीन-तीन फुट पानी इकट्ठा हो गया था जिससे फसल तबाह हो गई है. ऐसे में किसान परेशान हैं किसानों ने अपने स्तर पर धरना प्रदर्शन भी किया पर मांग की है कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान हूं अन्यथा इस धरने को और उग्र किया जाएगा.
गुस्साए ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर पानी की निकासी ना होने से सड़कों पर बरसाती पानी इकट्ठा हो गया है जिसके चलते किसानों की फसलें तबाह हो रही है. यहां पर क्रशर संचालक और फैक्ट्री लोगों के लिए आफत बन गई है. कई लोगों की जानें जा चुकी है लेकिन उसके बावजूद भी फैक्ट्री संचालक पर और क्रशर संचालक को कोई फिक्र नहीं पड़ रहा है. वहीं, माइनिंग विभाग और प्रदूषण विभाग भी इन पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है.
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