नाहन: कृषि विभाग ने सिरमौर जिले में इस बार 25500 हैक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई का 50000 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है. कृषि विभाग ने इस बार करीब 5000 क्विंटल गेहूं का बीज जिले के किसानों को वितरित किया. बीज पर प्रति क्विंटल 1600 रुपये सब्सिडी किसानों को प्रदान की गई. इसके विपरीत 2021-22 में सिरमौर जिले में 25000 हैक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई थी. (Wheat production in Sirmaur)
मौसम में बदलाव की वजह से पिछले साल गेहूं का उत्पादन 30000 मीट्रिक टन तक सिमटकर रह गया. निर्धारित लक्ष्य से जिले में करीब 40 प्रतिशत गेहूं का उत्पादन कम हुआ. इसका बड़ा कारण फरवरी व मार्च माह में तापमान में बढ़ोतरी का होना था. गेहूं के उत्पादन में भारी गिरावट के कारण किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा. ऐसे में कृषि विभाग को उम्मीद है कि यदि इस बार मौसम अनुकूल रहा, तो जिले में गेहूं के उत्पादन के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा. (Target of wheat production in Sirmaur)
जिला कृषि उप निदेशक राजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि जिला सिरमौर के ऊपरी क्षेत्रों में गेहूं की बिजाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. नाहन व पांवटा साहिब के मैदानी इलाकों में यह कार्य चल रहा है. पिछले वर्ष तापमान में बढ़ोतरी की वजह से भी इस बार बहुत से किसानों ने 15 अक्टूबर तक गेहूं की बिजाई के कार्य को संपन्न कर लिया. जिले में 60 से 70 प्रतिशत बिजाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. (Wheat production in Sirmaur)
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में जिले में एफसीआई के कालाअंब, धौलाकुआं व पांवटा साहिब केंद्रों के माध्यम से 721 किसानों से लगभग 18000 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई. जबकि अधिकतर किसानों ने या तो पड़ोसी राज्यों में गेहूं को बेचा या फिर उत्पादन कम होने की वजह से फसल को स्वयं के परिवार के लिए रख लिया. जिला कृषि उपनिदेशक राजेंद्र सिंह ठाकुर ने जिले में गेहूं की बिजाई कर रहे किसानों को सलाह देते हुए कहा कि बीज को उपचारित कर बिजाई करें.
प्राकृतिक खेती से गेहूं की बिजाई करने वाले किसान जीवामृत से उपचार कर बीज को लगाएं, ताकि आने वाले फंगल व अन्य बीमारियों से फसल को बचाया जा सके. उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो इस बार निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जाएगा. दूसरी तरफ बारिश न होने की वजह से काफी किसानों ने सिंचाई की सुविधा न होने के कारण गेहूं की बिजाई का कार्य शुरू नहीं किया है. लिहाजा यहां किसान आसमान की तरफ भी टकटकी लगाए बैठे हैं. अमूमन नवंबर माह में बिजाई का कार्य पूरा कर लिया जाता है.
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