पांवटा साहिब: देवभूमि हिमाचल में आज भी कई ऐसे किसान हैं जो गन्ने की खेती पर निर्भर हैं. गन्ने की फसल से होने वाली आय से ही अपना गुजर बसर करते हैं. लेकिन जिला सिरौमर के पांवटा दून इलाके में गन्ने की फसल ने इस बार किसानों की कमर तोड़ दी है.
मौसम की बेरुखी की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पिछले साल की तुलना में इस बार फसल काफी कम हुई है. जिला में कोई उद्योग भी नहीं होने से किसानों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. पांवटा किसान सभा के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह का कहना है कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में किसान गन्ने पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी ने सारे सपनों पर पानी फेर दिया है.
गुरविंदर सिंह ने कहा कि जिला में कोई उद्योग ना होने की वजह से फसलों को उत्तराखंड की मंडियों में पहुंचाया जाता है लेकिन हमें वहां भी सही रेट नहीं मिलता है. यहां के किसानों का कहना है कि राजनीतिक दल और प्रशासन को भी कई बार इस समस्या से कई बार अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. किसानों ने सरकार से जिला में गन्ना किसानों के लिए उद्योग और मंडी खुलवाने की मांग की है.
केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की बात तो करती है लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच नहीं पाता है. आज भी देवभूमि हिमाचल में कई ऐसे किसान है जिनको सरकारी की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में सरकार की ओर किसानों को जागरूक करने की जरूरत है.
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