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पांवटा साहिब में गन्ना किसानों के मेहनत पर फिरा पानी, कम रेट पर फसल बेचने को मजबूर - मौसम की बेरूखी

मौसम की बेरूखी ने इस बार पांवटा साहिब में गन्ना किसानों के मेहनत पर पानी फेर दिया है. गन्ना की उत्पादन कम और जिला में कोई उद्योग नहीं होने की वजह से किसान काफी परेशान हैं.

sugarcane crop
पांवटा साहिब में गन्ना किसान परेशान
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Published : Dec 12, 2019, 10:53 AM IST

पांवटा साहिब: देवभूमि हिमाचल में आज भी कई ऐसे किसान हैं जो गन्ने की खेती पर निर्भर हैं. गन्ने की फसल से होने वाली आय से ही अपना गुजर बसर करते हैं. लेकिन जिला सिरौमर के पांवटा दून इलाके में गन्ने की फसल ने इस बार किसानों की कमर तोड़ दी है.

मौसम की बेरुखी की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पिछले साल की तुलना में इस बार फसल काफी कम हुई है. जिला में कोई उद्योग भी नहीं होने से किसानों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. पांवटा किसान सभा के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह का कहना है कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में किसान गन्ने पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी ने सारे सपनों पर पानी फेर दिया है.

वीडियो

गुरविंदर सिंह ने कहा कि जिला में कोई उद्योग ना होने की वजह से फसलों को उत्तराखंड की मंडियों में पहुंचाया जाता है लेकिन हमें वहां भी सही रेट नहीं मिलता है. यहां के किसानों का कहना है कि राजनीतिक दल और प्रशासन को भी कई बार इस समस्या से कई बार अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. किसानों ने सरकार से जिला में गन्ना किसानों के लिए उद्योग और मंडी खुलवाने की मांग की है.

केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की बात तो करती है लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच नहीं पाता है. आज भी देवभूमि हिमाचल में कई ऐसे किसान है जिनको सरकारी की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में सरकार की ओर किसानों को जागरूक करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: सोलन नगर परिषद बना राजनीति अखाड़ा, बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार

पांवटा साहिब: देवभूमि हिमाचल में आज भी कई ऐसे किसान हैं जो गन्ने की खेती पर निर्भर हैं. गन्ने की फसल से होने वाली आय से ही अपना गुजर बसर करते हैं. लेकिन जिला सिरौमर के पांवटा दून इलाके में गन्ने की फसल ने इस बार किसानों की कमर तोड़ दी है.

मौसम की बेरुखी की वजह से किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पिछले साल की तुलना में इस बार फसल काफी कम हुई है. जिला में कोई उद्योग भी नहीं होने से किसानों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. पांवटा किसान सभा के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह का कहना है कि जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में किसान गन्ने पर ही निर्भर रहते हैं, लेकिन इस बार मौसम की बेरुखी ने सारे सपनों पर पानी फेर दिया है.

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गुरविंदर सिंह ने कहा कि जिला में कोई उद्योग ना होने की वजह से फसलों को उत्तराखंड की मंडियों में पहुंचाया जाता है लेकिन हमें वहां भी सही रेट नहीं मिलता है. यहां के किसानों का कहना है कि राजनीतिक दल और प्रशासन को भी कई बार इस समस्या से कई बार अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. किसानों ने सरकार से जिला में गन्ना किसानों के लिए उद्योग और मंडी खुलवाने की मांग की है.

केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों की बात तो करती है लेकिन सरकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच नहीं पाता है. आज भी देवभूमि हिमाचल में कई ऐसे किसान है जिनको सरकारी की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में सरकार की ओर किसानों को जागरूक करने की जरूरत है.

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Intro:पांवटा दून इलाकों के लोग गन्ना की फसल ने इस बार किसानों की कमर तोड़ दी किसानों गन्नों की फसल को उत्तराखंड पहुंचाने को मजबूर सरकार द्वारा निर्धारित किए गए रेट से कम दामों पर बेच रहे हैं गन्ना उद्योग ना होने की वजह से किसान परेशानBody:केंद्र के मुखिया किसानों की आय दोगुना करने का सपना देख रही है इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई जा रही है देव भूमि हिमाचल की बात की जाए तो यहां पर आज भी ऐसे कई किसान है जो गन्ने की खेती पर निर्भर रहते हैं गन्ने की इनकम से ही पूरे साल का अपना गुजर बसर करते हैं जिला सिरमौर के दून इलाको की बात की जाए तो गन्ने की फसल में इस बार किसानों की कमर ही तोड़ दी है किसानों को मेहनत ज्यादा आमदनी कम हो रही है इस बार अगर एक और मौसम की बेरुखी से पैदावार अच्छी नहीं हुई किसानों को गन्नो की फसल का काफी नुकसान हो दूसरा सबसे बड़ा कारण गन्ने का कोई भी उद्योग या ना होने की वजह से किसान परेशान हैं जो रेट सरकार ने निर्धारित किया गया है उतना भी किसानों को नहीं मिल पा रहा है यहां के किसान उत्तराखंड में जाकर अपना गन्ना बेच रहे हैं वह भी कम रेट पर रहा है प्रदेश सरकार जीरो खेती की बात भी कह रही है पर अगर यही योजना धरातल पर पहुंचाई जाए किसानों को जागरूक किया जाए किसानों की खराब हो रही फसल के बारे में जानकारी दी जाए तो पर इस बार आकाश दून इलाके के किसानों की बात की जाए तो किसान मायूस नजर आ रहे हैं

पांवटा किसान सभा के अध्यक्ष गुरविंदर ने बताया कि जिला सिरमौर के पोंटा साहिब किसान गन्ने पर ही निर्भर रहते हैं गन्ना पौण्टा आसपास के इलाकों के किसान गन्ने कि अपने खेतों पर उगाते हैं गन्नों के ही कमाई से अपना गुजर-बसर करते हैं पिछले वर्ष की भांति इस बार भी वही समस्या उत्पन्न हो गई है किसानों को अपने गन्ना उत्तराखंड पहुंचा कर बेचना पड़ रहा है ऐसे में यहां के किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं किसानों का कहना है कि यहां के दोनों दलों के नेता व प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं कि यहां पर गन्ने के उद्योग खोले जाए पर सुविधाओं के अभाव के कारण यहां से किसान मायूस नजर आते हैं हमें रोज कई टन गन्ना यहां से उत्तराखंड पहुंचाया जा रहा है यही नहीं सरकार द्वारा निर्धारित किए गए गन्ने के रेट भी किसानों को सही नहीं मिल पा रहे हैं किसानों को बस गन्ने की फसल पैदा करना अब मुश्किल हो रहा है Conclusion:यहां से किसान सभा के अध्यक्ष ने गुरविंदर सिंह ने भी प्रशासन से जोरदार आग्रह किया है कि उनकी मांगों को माना जाए और तुरंत इस पर कार्यवाही भी की जाए
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