पांवटा साहिब: एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार हिमाचल में फोर लेन सड़कें बनाने की बात कर रही हो तो दूसरी ओर हिमाचल में आज भी कई ऐसे गांव है जहां सड़क सुविधा ही नहीं है. कई इलाकों में आज भी सड़कों की स्थिती ऐसी है कि इस पर पैदल चलना भी मुश्किल है.
ऐसा ही एक मामला शिलाई का है. शावगा पंचायत के दर्जनों गांव को जोड़ने वाली सड़क अपनी बदहाली के आसू रो रही है. सड़क की हालत इतनी खराब है कि इस मार्ग पर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल है. जान जोखिम में डालकर लोग सफर करने को मजबूर हैं. पिछले 15 सालों में हिमाचाल बीजेपी-कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन शावगा पंचायत के दर्जनों गांवों को जोड़ने वाली सड़क की हालत नहीं सुधरी.
क्या बोले गांव के युवा व बुद्धिजीवियों
स्थानीय ग्रामीण रमेश ने कहा कि सड़क की हालत ऐसी है कि इस पर पैदल चलना भी मुश्किल है. अपातकालीन स्थिती में मरीज को कंधे पर उठाकर मुख्य मार्ग तक लेकर जाना पड़ता है. कई बार तो मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाता है और उसकी मौत हो जाती है.
गांव के नवयुग मंडल युवा प्रधान अनिल ठाकुर ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई. विभाग की लापरवाही की वजह से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वह जनमंच के दौरान मंत्रियों से इस समस्या की गुहार लगाएंगे. फिर भी अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ेगा.
एंटी क्राइम कंट्रोल प्रदेश चीफ नाथूराम ने कहा कि शिलाई के वर्तमान विधायक हर्षवर्धन चौहान व पूर्व विधायक बलदेव तोमर लोगों को ठग कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं. नाथूराम ने बताया कि बनोर तीन पंचायत में पहुंचने के लिए 90 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, जो कि मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर है.
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