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गिरीपार की खश कनैत व भाट जाति का राजस्व रिकॉर्ड होगा ठीक, सीएम ने डीसी सिरमौर को दिए निर्देश

सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की प्रमुख दो जातियों खश कनैत व भाट ब्राह्मण के राजस्व रिकॉर्ड में गलत दर्ज नाम को ठीक करने का मामला आखिर सरकार व राजस्व विभाग ने सुलझा दिया है. गिरिपार खश- कनैत केंद्रीय समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व प्रधान सचिव एवं वितीय आयुक्त राजस्व को तथ्यों सहित एक पत्र लिखा था.

खश कनैत केंद्रीय समिति
खश कनैत केंद्रीय समिति
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Published : Dec 15, 2020, 2:30 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 3:01 PM IST

राजगढ़: जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की प्रमुख दो जातियों खश कनैत व भाट ब्राह्मण के राजस्व रिकॉर्ड में गलत दर्ज नाम को ठीक करने का मामला आखिर सरकार व राजस्व विभाग ने सुलझा दिया है. इन दोनों जातियों के नाम राजस्व रिकार्ड में गलत ढंग से साल 1955 में खश-कनैत का राजपूत व भाट का ब्राह्मण दर्ज कर दिया गया था.

गिरीपार खश-कनैत केंद्रीय समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व प्रधान सचिव एवं वित्तीय आयुक्त राजस्व को तथ्यों सहित एक पत्र लिखा था. सिरमौर के बंदोबस्त रिकार्ड व सिरमौर रियासत के 1934 के गजेटियर के अनुसार खश-कनैत दर्ज करने का अनुरोध किया था, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सीएम ऑफिस ने डीसी सिरमौर को उचित कार्रवाई के लिए भेजा था.

वीडियो रिपोर्ट.

खंड तहसीलदारों से उचित कार्रवाई का आग्रह

यह जानकारी देते हुए खश- कनैत समिति के अध्यक्ष वेद प्रकाश ठाकुर व महासचिव हरदेव वर्मा ने बताया कि डीसी ऑफिस से जिला राजस्व अधिकारी ने सभी तहसीलदारों को आगामी कार्रवाई के लिए निर्देश दिए थे. समिति की खंड इकाइयां तहसीलदारों से मिली थी और उचित कार्रवाई का आग्रह किया था, लेकिन उस पर कोई प्रभावी कार्रवाई की गई थी.

ब्राह्मण कल्याण समिति संगड़ाह ने उठाया था मसला

इसी दौरान ब्राह्मण कल्याण समिति संगड़ाह ने भी अपनी जाति का मामला सरकार से उठाया था, जिसके बाद खश-कनैत समिति ने प्रधान सचिव एवं वित्तीय आयुक्त राजस्व ऑफिस व उपायुक्त ऑफिस से उनके पत्रों पर क्या कार्रवाई हुई थी उसकी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. इस पर कार्रवाई करते हुए जिला राजस्व अधिकारी ने 7 दिसंबर को सभी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को पत्र दिए है.

सीएम, प्रधान सचिव और जिला प्रशासन का जताया आभार

इसमें स्पष्ट लिखा गया है कि गिरिपार क्षेत्र में राजपूत जाति का नाम खश-कनैत व ब्राह्मण का भाट बंदोबस्त रिकार्ड अनुसार दर्ज किया जाए. उन्होंने इन मामलों में प्रदेश सरकार व उच्च न्यायालय के आदेशों का भी हवाला दिया है, जिसमें बंदोबस्त रिकॉर्ड को ही सही माना गया है. गिरीपार खश कनैत केंद्रीय समिति ने इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रधान सचिव एवं वितीय आयुक्त राजस्व और जिला प्रशासन का आभार जताया.

खंड समितियों से नाम ठीक करवाने का अनुरोध

खश कनैत केंद्रीय समिति ने सभी खंड समितियों से अनुरोध किया कि वह अपने अपने क्षेत्रों में राजस्व रिकॉर्ड में राजपूत के स्थान पर खश-कनैत व ब्राह्मण के स्थान पर भाट दर्ज करवाने के लिए राजस्व अधिकारियों से संपर्क करके ठीक करवाने में सहयोग करे. इस निर्णय पर केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल व महामंत्री कुंदन शास्त्री व उपाध्यक्ष कुन्दन शास्त्री ने खश-कनैत समिति के प्रयासों की सराहना की और सरकार व जिला प्रशासन का आभार जताया. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से हाटी मुहिम को बल मिलेगा.

पढ़ें: संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ ने काले बिल्ले लगाकर किया काम, सरकार पर अनदेखी का आरोप

राजगढ़: जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की प्रमुख दो जातियों खश कनैत व भाट ब्राह्मण के राजस्व रिकॉर्ड में गलत दर्ज नाम को ठीक करने का मामला आखिर सरकार व राजस्व विभाग ने सुलझा दिया है. इन दोनों जातियों के नाम राजस्व रिकार्ड में गलत ढंग से साल 1955 में खश-कनैत का राजपूत व भाट का ब्राह्मण दर्ज कर दिया गया था.

गिरीपार खश-कनैत केंद्रीय समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व प्रधान सचिव एवं वित्तीय आयुक्त राजस्व को तथ्यों सहित एक पत्र लिखा था. सिरमौर के बंदोबस्त रिकार्ड व सिरमौर रियासत के 1934 के गजेटियर के अनुसार खश-कनैत दर्ज करने का अनुरोध किया था, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए सीएम ऑफिस ने डीसी सिरमौर को उचित कार्रवाई के लिए भेजा था.

वीडियो रिपोर्ट.

खंड तहसीलदारों से उचित कार्रवाई का आग्रह

यह जानकारी देते हुए खश- कनैत समिति के अध्यक्ष वेद प्रकाश ठाकुर व महासचिव हरदेव वर्मा ने बताया कि डीसी ऑफिस से जिला राजस्व अधिकारी ने सभी तहसीलदारों को आगामी कार्रवाई के लिए निर्देश दिए थे. समिति की खंड इकाइयां तहसीलदारों से मिली थी और उचित कार्रवाई का आग्रह किया था, लेकिन उस पर कोई प्रभावी कार्रवाई की गई थी.

ब्राह्मण कल्याण समिति संगड़ाह ने उठाया था मसला

इसी दौरान ब्राह्मण कल्याण समिति संगड़ाह ने भी अपनी जाति का मामला सरकार से उठाया था, जिसके बाद खश-कनैत समिति ने प्रधान सचिव एवं वित्तीय आयुक्त राजस्व ऑफिस व उपायुक्त ऑफिस से उनके पत्रों पर क्या कार्रवाई हुई थी उसकी सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी. इस पर कार्रवाई करते हुए जिला राजस्व अधिकारी ने 7 दिसंबर को सभी तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों को पत्र दिए है.

सीएम, प्रधान सचिव और जिला प्रशासन का जताया आभार

इसमें स्पष्ट लिखा गया है कि गिरिपार क्षेत्र में राजपूत जाति का नाम खश-कनैत व ब्राह्मण का भाट बंदोबस्त रिकार्ड अनुसार दर्ज किया जाए. उन्होंने इन मामलों में प्रदेश सरकार व उच्च न्यायालय के आदेशों का भी हवाला दिया है, जिसमें बंदोबस्त रिकॉर्ड को ही सही माना गया है. गिरीपार खश कनैत केंद्रीय समिति ने इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रधान सचिव एवं वितीय आयुक्त राजस्व और जिला प्रशासन का आभार जताया.

खंड समितियों से नाम ठीक करवाने का अनुरोध

खश कनैत केंद्रीय समिति ने सभी खंड समितियों से अनुरोध किया कि वह अपने अपने क्षेत्रों में राजस्व रिकॉर्ड में राजपूत के स्थान पर खश-कनैत व ब्राह्मण के स्थान पर भाट दर्ज करवाने के लिए राजस्व अधिकारियों से संपर्क करके ठीक करवाने में सहयोग करे. इस निर्णय पर केंद्रीय हाटी समिति के अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल व महामंत्री कुंदन शास्त्री व उपाध्यक्ष कुन्दन शास्त्री ने खश-कनैत समिति के प्रयासों की सराहना की और सरकार व जिला प्रशासन का आभार जताया. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से हाटी मुहिम को बल मिलेगा.

पढ़ें: संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ ने काले बिल्ले लगाकर किया काम, सरकार पर अनदेखी का आरोप

Last Updated : Dec 15, 2020, 3:01 PM IST
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