तत्तापानी: मंडी जिला के तत्तापानी में मकर संक्रांति के दिन सुबह ही स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई. इस दौरान लोगों ने तुलादान भी किया. मकर संक्रांति को लेकर मंडी जिला के तत्तापानी में तीन दिनों का जिला स्तरीय मेला आयोजित होता है जो 13 जनवरी से लेकर 15 जनवरी तक चलता है. वहीं, लोग मेला समाप्त होने के बाद भी 26 जनवरी तक यहां स्नान करने के लिए आते हैं.
ये है महत्व
मान्यता है कि तत्तापानी महर्षि जमदग्नि की तपोस्थली रही है. ऐसे में लोगों की तत्तापानी में मकर संक्रांति के पावन पर्व को लेकर गहरी आस्था है. स्थानीय पंडित भक्ति प्रकाश ने बताया "लोग यहां नवग्रह की शांति के लिए तुलादान करवाने आते हैं. यहां पर गर्म पानी निकलता है. महर्षि जमदग्नि परशुराम के पिता थे जिनकी यह तपोभूमि रही है. मकर संक्रांति के अलावा हर शनिवार को यहां श्रद्धालु आते हैं."
प्रयागराज में स्नान के बराबर मिलता है पुण्य
स्थानीय पंडित संजु शर्मा ने कहा "माघ महीने में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो इसमें दान का विशेष महत्व होता है. इसमें खिचड़ी, आग और तुलादान का विशेष महत्व है. प्रयागराज में आजकल महाकुंभ चला है. अगर कई लोग प्रयागराज नहीं जा पाते तो उन्हें तत्तापानी में भी स्नान का उतना ही पुण्य मिलता है."
बता दें कि मंडी जिला में स्थित तत्तापानी में मकर संक्रांति के पर्व पर हिमाचल प्रदेश व अन्य राज्यों से पर्यटक पवित्र स्नान के लिए आते हैं. मकर संक्रांति के दिन तत्तापानी में खिचड़ी दान करने की सदियों से परंपरा चली आ रही है. ऐसे में इस धार्मिक तीर्थ स्थल में जगह-जगह प्रसाद के रूप में खिचड़ी खिलाई जाती है.
खिचड़ी बनाने का बना था विश्व रिकॉर्ड
तत्तापानी के नाम खिचड़ी पकाने का विश्व रिकॉर्ड भी है. यहां साल 2020 में मकर संक्रांति मेले के आयोजन पर एक ही बर्तन में 1995 किलोग्राम खिचड़ी एक साथ बनाई गई थी. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग ने एक ही बर्तन में इतनी मात्रा में खिचड़ी बनाई थी. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में यह रिकॉर्ड दर्ज हुआ था. ऐसे में तत्तापानी के नाम खिचड़ी बनाने का विश्व रिकॉर्ड है.