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नाहन कभी नहीं रहा किसी पार्टी का गढ़, 2012 के बाद इस वजह से हाॅट सीट बना ये विधानसभा क्षेत्र

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Published : Nov 8, 2022, 5:26 PM IST

नाहन विधानसभा सीट हिमाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस सीट पर 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल (BJP Candidate from Nahan) ने जीत दर्ज की थी. इस बार यहां से कांग्रेस ने दूसरी बार अजय सोलंकी पर भरोसा जताया है. वहीं, गुटों में बंटी नाहन कांग्रेस अब एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी (Congress Candidate from Nahan) के लिए चुनाव प्रचार कर रही है, जिससे मुकाबला और कड़ा हो गया है. पढ़ें पूरी खबर...

Hot seat Nahan
Hot seat Nahan

नाहन: विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन अब शुरू हो चुका है. ऐसे में ईटीवी भारत इस चुनाव में हाॅट सीट बनकर उभरी नाहन विधानसभा क्षेत्र का विश्लेषण कर रहा है. दरअसल इस क्षेत्र की खास बात यह है कि नाहन सीट कभी भी किसी एक पार्टी का गढ़ नहीं रही है. यहां से कांग्रेस, जनता दल, लोक जन शक्ति पार्टी व भाजपा के प्रत्याशी ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. पिछले 2 चुनावों में यह सीट इस वजह से दिलचस्प व महत्वपूर्ण हो रही है, क्योंकि यहां से भाजपा के फायरब्रांड व पार्टी में चाणक्या के रूप में अपनी पहचान रखने वाले डॉ. राजीव बिंदल लगातार तीसरी बार यहां से चुनावी मैदान में उतरे हैं. (political equation of Nahan assembly seat).

2012 व 2017 के चुनाव में भी बिंदल की (BJP Candidate from Nahan) वजह से ही यह सीट हाॅट बनी थी. बिंदल ने 2012 में सोलन से आकर इस सीट पर चुनाव लड़ा था. बिंदल अब यहां से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर दूसरी बार अजय सोलंकी के नाम पर दांव खेला है. इस बार नाहन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. बिंदल यहां से तीसरी बार हैट्रिक लगाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं, तो कांग्रेस के अजय सोलंकी भी पहली बार विधायक बनने के लिए खूब पसीना बहा रहे हैं.

नाहन से भाजपा के प्रत्याशी राजीव बिंदल.
नाहन से भाजपा के प्रत्याशी राजीव बिंदल.

2017 के चुनाव में बिंदल ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी (Congress Candidate from Nahan) को शिकस्त दी थी. लिहाजा दूसरी बार भी पार्टी ने सोलंकी पर ही भरोसा जताया है. हालांकि आम आदमी पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय मैराथन धावक सुनील शर्मा को भी यहां चुनावी मैदान में उतारा है. वह भी लगातार प्रचार कर रहे हैं. लिहाजा नजरें सुनील पर भी टिकी हैं कि वह किसके वोट बैंक में सेंधमारी करते हैं या फिर पहली बार चुनाव जीत किसी बड़े उल्टफेर को अंजाम देते हैं. यह तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे.(Himachal election 2022).

किन मतदाताओं पर दोनों पार्टियों की नजर: भाजपा प्रत्याशी पिछले 5 साल में जयराम सरकार में करवाए गए अभूतपूर्व विकास के नाम पर लोगों से वोट की अपील कर रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी लगातार बिंदल सहित भाजपा को घेर रहे हैं. हालांकि पिछले दो चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस एक बार फिर धरतीपुत्र का नारा भी बुलंद कर रही है. भाजपा प्रत्याशी आगामी 5 वर्षों के लिए अपना संकल्प पत्र जारी कर चुके हैं, जिसमें कई वायदे किए गए हैं. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ने अभी इस तरह का पत्र जारी नहीं किया है.

नाहन से कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी.
नाहन से कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी.

दोनों ही पार्टियों की नजर अल्पसंख्यक समुदाय व गुर्जर समुदाय पर विशेष रूप से टिकी हुई है. हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के बाद से ही गुर्जर नाराज चल रहे हैं. इसके लिए भाजपा की ओर से चुनाव के मद्देनजर 8 नवंबर को केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर भी नाहन की जनता को संबोधित करने जा रहे हैं, तो वहीं भाजपा से नाराज चल रहे गुर्जर वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को बुलाने जा रही है. हालांकि अभी पायलट का दौरा तय नहीं हुआ है.

बिंदल के लिए इस बार बड़ी चुनौती: भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल को 2022 के चुनाव में इस वजह से भी बड़ी चुनौती मिल रही है कि गुटों में बंटी कांग्रेस अब एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी के लिए चुनाव प्रचार कर रही है. टिकट आवंटन से पहले पार्टी टिकट को लेकर नेताओं के बीच खींचातान जारी थी. पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह व अजय सोलंकी के गुटों के बीच तनाव पुलिस थाना तक भी जा पहुंचा था. इससे पहले कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के सामने भी दोनों गुटों के बीच विवाद खुले मंच से देखने को मिला था.

यहां तक की दोनों गुटों में चल रहे विवाद के कारण कंवर अजय बहादुर सिंह को भी सिरमौर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से पार्टी आलाकमान ने हटा दिया था. अंत में टिकट का ऐलान हुआ तो बाजी अजय सोलंकी मार गए. इसके बाद पार्टी के हस्ताक्षेप पर नहीं बल्कि दोनों गुटों के स्थानीय नेताओं ने अपने सभी पुराने गिले शिकवे मिटाए और चुनाव प्रचार में कूद गए. कांग्रेस की एकजुटता भी यहां भाजपा प्रत्याशी के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है.

पिछले चार विधानसभा चुनावों के यह रहे थे परिणाम: राजीव बिंदल ने 2012 के विधानसभा चुनाव में सोलन से नाहन आकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. ऐसे में पूरे प्रदेश में नाहन विधानसभा सीट हॉट सीट बनकर उभरी थी, क्योंकि बिंदल के खिलाफ यहां से दो बड़े चेहरे हिमाचल निर्माता के सपुत्र कुश परमार व भाजपा की वरिष्ठ नेत्री रही दिवंगत श्यामा शर्मा भी चुनावी मैदान में उतरी थीं. उस वक्त सोलन से नाहन आकर चुनाव लड़ रहे विधायक राजीव बिंदल के खिलाफ कांग्रेस ने धरती पुत्र का नारा पूरे जोर शोर से बुलंद किया था, लेकिन वह काम नहीं आया. पहली बार नाहन से चुनाव लड़ने वाले राजीव बिंदल ने 2012 के चुनाव में यहां से बड़ी जीत दर्ज की और चैथी बार विधानसभा में पहुंचे.

नाहन सीट का इतिहास.
नाहन सीट का इतिहास.

विधायक बिंदल को कुल 25,459 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कुश परमार को 12,635 व वरिष्ठ नेत्री श्यामा शर्मा को मात्र 5240 वोट हासिल हुए थे. 2017 के चुनाव में पुनः राजीव बिंदल ने जीत दर्ज की. इस चुनाव में भी बिंदल के खिलाफ धरती पुत्र का नारा खूब चलाया गया, लेकिन नतीजा 2012 के चुनाव वाला ही रहा. बिंदल ने इस चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी को 3990 वोटों से हराया था. वह नाहन से दूसरी बार विधायक बने और पांचवी बार विधानसभा में पहुंचे. बिंदल को 31,563 वोट मिले थे. जबकि पहली बार चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी ने 27,573 वोट लेने में कामयाबी हासिल की थी. अब 2022 के चुनाव में एक बार फिर बिंदल व सोलंकी आमने सामने हैं.

2003 व 2007 में यह रहे थे चुनावी नतीजे: बिंदल के नाहन आने से पहले 2003 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो यहां पहली बार लोकजन शक्ति पार्टी के टिकट पर दिवंगत नेता सदानंद चौहान विधायक बने थे. त्रिकोणीय मुकाबले में सदानंद चैहान ने कुश परमार व श्यामा शर्मा को शिकस्त दी थी. सदानंद चैहान 14,551 वोट लेकर पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कुश परमार 13,360 वोट लेकर दूसरे व भाजपा समर्थित दिवंगत नेत्री श्यामा शर्मा 10,079 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रही थीं. इसके बाद 2007 के चुनाव में नाहन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस अपना परचम लहराने में कामयाब रही. 15,714 वोट लेकर 2007 में कुश परमार विधायक बने थे. जबकि भाजपा प्रत्याशी श्यामा शर्मा को 14,968 व सदानंद चैहान को 13,741 वोट हासिल हुए थे.

नाहन सीट का समीकरण.
नाहन सीट का समीकरण.

यह तय करते हैं जीत की दिशा: नाहन विधानसभा क्षेत्र में कुल 121 पोलिंग बूथ है. इस सीट पर कुल 84,545 मतदाता हैं. इसमें 42,936 पुरूष व 41607 महिला मतदाता शामिल हैं. जबकि इस चुनाव में पहली बार यहां 2 थर्ड जेंडर मतदाता भी अपने मत का प्रयोग करेंगे. राजनीति से जुड़े जानकारों की मानें तो सिरमौर की सबसे हॉट माने जाने वाली नाहन सीट में अगड़ी व पिछड़ी जातियों का जातिगत संतुलन उम्मीदवार के भविष्य की दशा तय करता है. हरियाणा से सटे इस सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक व ओबीसी वोट भी डिसाइडिंग फैक्टर रहता है. पिछले 2 विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर दौड़ाई जाए, तो वर्तमान भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल ने अगड़ी जातियों के साथ-साथ एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग में सेंध लगाकर ही इस सीट को अपनी झोली में डाला था.

क्या कहते हैं दोनों प्रत्याशी: भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल का कहना है कि हमने पांच साल तक जनता की सेवा की है. आगामी पांच सालों में नाहन विधानसभा क्षेत्र का संपूर्ण विकास उनकी जिद है, उनका जूनून है. चाहे फिर इसके लिए उन्हें कोई भी कुर्बानी देने पड़े. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले 60-70 सालों में नाहन विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ धोखा ही किया. वह अब दोबारा कभी नहीं होगा. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार से अब प्रदेश का हर वर्ग परेशान हो चुका है. प्रदेश में परिवर्तन की लहर चल रही है. इस लहर का असर नाहन विधानसभा क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा.

भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए इन नेताओं ने किया प्रचार: भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल के समर्थन में अब तक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर धौलाकुआं में चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं, तो 8 नवंबर को चैगान मैदान नाहन में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर व सांसद दीया कुमारी भी भाजपा प्रत्याशी बिंदल के लिए यहां विजय संकल्प रैली को संबोधित करने पहुंच रही हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी के पक्ष में अब तक केवल हिमाचल प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ही मिश्रवाला में चुनावी जनसभा की है. हालांकि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का दौरा प्रस्तावित बताया जा रहा है, जो अभी फाइनल नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल तोड़ेगा नड्डा का भ्रम, कांग्रेस बनाएगी सरकार: हरीश रावत

नाहन: विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन अब शुरू हो चुका है. ऐसे में ईटीवी भारत इस चुनाव में हाॅट सीट बनकर उभरी नाहन विधानसभा क्षेत्र का विश्लेषण कर रहा है. दरअसल इस क्षेत्र की खास बात यह है कि नाहन सीट कभी भी किसी एक पार्टी का गढ़ नहीं रही है. यहां से कांग्रेस, जनता दल, लोक जन शक्ति पार्टी व भाजपा के प्रत्याशी ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. पिछले 2 चुनावों में यह सीट इस वजह से दिलचस्प व महत्वपूर्ण हो रही है, क्योंकि यहां से भाजपा के फायरब्रांड व पार्टी में चाणक्या के रूप में अपनी पहचान रखने वाले डॉ. राजीव बिंदल लगातार तीसरी बार यहां से चुनावी मैदान में उतरे हैं. (political equation of Nahan assembly seat).

2012 व 2017 के चुनाव में भी बिंदल की (BJP Candidate from Nahan) वजह से ही यह सीट हाॅट बनी थी. बिंदल ने 2012 में सोलन से आकर इस सीट पर चुनाव लड़ा था. बिंदल अब यहां से लगातार तीसरी बार भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं. वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर दूसरी बार अजय सोलंकी के नाम पर दांव खेला है. इस बार नाहन विधानसभा क्षेत्र में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. बिंदल यहां से तीसरी बार हैट्रिक लगाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं, तो कांग्रेस के अजय सोलंकी भी पहली बार विधायक बनने के लिए खूब पसीना बहा रहे हैं.

नाहन से भाजपा के प्रत्याशी राजीव बिंदल.
नाहन से भाजपा के प्रत्याशी राजीव बिंदल.

2017 के चुनाव में बिंदल ने कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी (Congress Candidate from Nahan) को शिकस्त दी थी. लिहाजा दूसरी बार भी पार्टी ने सोलंकी पर ही भरोसा जताया है. हालांकि आम आदमी पार्टी ने अंतरराष्ट्रीय मैराथन धावक सुनील शर्मा को भी यहां चुनावी मैदान में उतारा है. वह भी लगातार प्रचार कर रहे हैं. लिहाजा नजरें सुनील पर भी टिकी हैं कि वह किसके वोट बैंक में सेंधमारी करते हैं या फिर पहली बार चुनाव जीत किसी बड़े उल्टफेर को अंजाम देते हैं. यह तो चुनावी नतीजे ही बताएंगे.(Himachal election 2022).

किन मतदाताओं पर दोनों पार्टियों की नजर: भाजपा प्रत्याशी पिछले 5 साल में जयराम सरकार में करवाए गए अभूतपूर्व विकास के नाम पर लोगों से वोट की अपील कर रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी लगातार बिंदल सहित भाजपा को घेर रहे हैं. हालांकि पिछले दो चुनाव की तर्ज पर कांग्रेस एक बार फिर धरतीपुत्र का नारा भी बुलंद कर रही है. भाजपा प्रत्याशी आगामी 5 वर्षों के लिए अपना संकल्प पत्र जारी कर चुके हैं, जिसमें कई वायदे किए गए हैं. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ने अभी इस तरह का पत्र जारी नहीं किया है.

नाहन से कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी.
नाहन से कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी.

दोनों ही पार्टियों की नजर अल्पसंख्यक समुदाय व गुर्जर समुदाय पर विशेष रूप से टिकी हुई है. हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा देने के बाद से ही गुर्जर नाराज चल रहे हैं. इसके लिए भाजपा की ओर से चुनाव के मद्देनजर 8 नवंबर को केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर भी नाहन की जनता को संबोधित करने जा रहे हैं, तो वहीं भाजपा से नाराज चल रहे गुर्जर वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को बुलाने जा रही है. हालांकि अभी पायलट का दौरा तय नहीं हुआ है.

बिंदल के लिए इस बार बड़ी चुनौती: भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल को 2022 के चुनाव में इस वजह से भी बड़ी चुनौती मिल रही है कि गुटों में बंटी कांग्रेस अब एकजुट होकर कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी के लिए चुनाव प्रचार कर रही है. टिकट आवंटन से पहले पार्टी टिकट को लेकर नेताओं के बीच खींचातान जारी थी. पूर्व विधायक कंवर अजय बहादुर सिंह व अजय सोलंकी के गुटों के बीच तनाव पुलिस थाना तक भी जा पहुंचा था. इससे पहले कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के सामने भी दोनों गुटों के बीच विवाद खुले मंच से देखने को मिला था.

यहां तक की दोनों गुटों में चल रहे विवाद के कारण कंवर अजय बहादुर सिंह को भी सिरमौर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से पार्टी आलाकमान ने हटा दिया था. अंत में टिकट का ऐलान हुआ तो बाजी अजय सोलंकी मार गए. इसके बाद पार्टी के हस्ताक्षेप पर नहीं बल्कि दोनों गुटों के स्थानीय नेताओं ने अपने सभी पुराने गिले शिकवे मिटाए और चुनाव प्रचार में कूद गए. कांग्रेस की एकजुटता भी यहां भाजपा प्रत्याशी के लिए बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है.

पिछले चार विधानसभा चुनावों के यह रहे थे परिणाम: राजीव बिंदल ने 2012 के विधानसभा चुनाव में सोलन से नाहन आकर विधानसभा का चुनाव लड़ा था. ऐसे में पूरे प्रदेश में नाहन विधानसभा सीट हॉट सीट बनकर उभरी थी, क्योंकि बिंदल के खिलाफ यहां से दो बड़े चेहरे हिमाचल निर्माता के सपुत्र कुश परमार व भाजपा की वरिष्ठ नेत्री रही दिवंगत श्यामा शर्मा भी चुनावी मैदान में उतरी थीं. उस वक्त सोलन से नाहन आकर चुनाव लड़ रहे विधायक राजीव बिंदल के खिलाफ कांग्रेस ने धरती पुत्र का नारा पूरे जोर शोर से बुलंद किया था, लेकिन वह काम नहीं आया. पहली बार नाहन से चुनाव लड़ने वाले राजीव बिंदल ने 2012 के चुनाव में यहां से बड़ी जीत दर्ज की और चैथी बार विधानसभा में पहुंचे.

नाहन सीट का इतिहास.
नाहन सीट का इतिहास.

विधायक बिंदल को कुल 25,459 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कुश परमार को 12,635 व वरिष्ठ नेत्री श्यामा शर्मा को मात्र 5240 वोट हासिल हुए थे. 2017 के चुनाव में पुनः राजीव बिंदल ने जीत दर्ज की. इस चुनाव में भी बिंदल के खिलाफ धरती पुत्र का नारा खूब चलाया गया, लेकिन नतीजा 2012 के चुनाव वाला ही रहा. बिंदल ने इस चुनाव में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी को 3990 वोटों से हराया था. वह नाहन से दूसरी बार विधायक बने और पांचवी बार विधानसभा में पहुंचे. बिंदल को 31,563 वोट मिले थे. जबकि पहली बार चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी ने 27,573 वोट लेने में कामयाबी हासिल की थी. अब 2022 के चुनाव में एक बार फिर बिंदल व सोलंकी आमने सामने हैं.

2003 व 2007 में यह रहे थे चुनावी नतीजे: बिंदल के नाहन आने से पहले 2003 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो यहां पहली बार लोकजन शक्ति पार्टी के टिकट पर दिवंगत नेता सदानंद चौहान विधायक बने थे. त्रिकोणीय मुकाबले में सदानंद चैहान ने कुश परमार व श्यामा शर्मा को शिकस्त दी थी. सदानंद चैहान 14,551 वोट लेकर पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कुश परमार 13,360 वोट लेकर दूसरे व भाजपा समर्थित दिवंगत नेत्री श्यामा शर्मा 10,079 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रही थीं. इसके बाद 2007 के चुनाव में नाहन विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस अपना परचम लहराने में कामयाब रही. 15,714 वोट लेकर 2007 में कुश परमार विधायक बने थे. जबकि भाजपा प्रत्याशी श्यामा शर्मा को 14,968 व सदानंद चैहान को 13,741 वोट हासिल हुए थे.

नाहन सीट का समीकरण.
नाहन सीट का समीकरण.

यह तय करते हैं जीत की दिशा: नाहन विधानसभा क्षेत्र में कुल 121 पोलिंग बूथ है. इस सीट पर कुल 84,545 मतदाता हैं. इसमें 42,936 पुरूष व 41607 महिला मतदाता शामिल हैं. जबकि इस चुनाव में पहली बार यहां 2 थर्ड जेंडर मतदाता भी अपने मत का प्रयोग करेंगे. राजनीति से जुड़े जानकारों की मानें तो सिरमौर की सबसे हॉट माने जाने वाली नाहन सीट में अगड़ी व पिछड़ी जातियों का जातिगत संतुलन उम्मीदवार के भविष्य की दशा तय करता है. हरियाणा से सटे इस सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक व ओबीसी वोट भी डिसाइडिंग फैक्टर रहता है. पिछले 2 विधानसभा चुनाव के परिणाम पर नजर दौड़ाई जाए, तो वर्तमान भाजपा प्रत्याशी राजीव बिंदल ने अगड़ी जातियों के साथ-साथ एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक वर्ग में सेंध लगाकर ही इस सीट को अपनी झोली में डाला था.

क्या कहते हैं दोनों प्रत्याशी: भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल का कहना है कि हमने पांच साल तक जनता की सेवा की है. आगामी पांच सालों में नाहन विधानसभा क्षेत्र का संपूर्ण विकास उनकी जिद है, उनका जूनून है. चाहे फिर इसके लिए उन्हें कोई भी कुर्बानी देने पड़े. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले 60-70 सालों में नाहन विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ धोखा ही किया. वह अब दोबारा कभी नहीं होगा. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार से अब प्रदेश का हर वर्ग परेशान हो चुका है. प्रदेश में परिवर्तन की लहर चल रही है. इस लहर का असर नाहन विधानसभा क्षेत्र में भी देखने को मिलेगा.

भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए इन नेताओं ने किया प्रचार: भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजीव बिंदल के समर्थन में अब तक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर धौलाकुआं में चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं, तो 8 नवंबर को चैगान मैदान नाहन में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर व सांसद दीया कुमारी भी भाजपा प्रत्याशी बिंदल के लिए यहां विजय संकल्प रैली को संबोधित करने पहुंच रही हैं. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अजय सोलंकी के पक्ष में अब तक केवल हिमाचल प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ही मिश्रवाला में चुनावी जनसभा की है. हालांकि राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का दौरा प्रस्तावित बताया जा रहा है, जो अभी फाइनल नहीं हुआ है.

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