पांवटा साहिबः देव भूमि हिमाचल देवी देवताओं की धरती कहा जाता है आज भी यहां कई प्राचीन व धार्मिक स्थल है जो अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए है. इसी श्रृंखला में पांवटा साहिब से करीब 5 किलोमीटर दूर महादेव चौक से कुछ दूरी पर ग्राम पातलियो के घने जंगल के किनारे पर स्थित प्राचीन श्री पातालेश्वर महादेव मंदिर है जोकि शिवभक्त श्रद्धा, आस्था और विश्वास का प्रमुख केंद्र माना जाता है. ये मंदिर अपने आप में एक विशेष धार्मिक इतिहास समाए हुए हैं. जैसे शिव की महिमा को लिख पाना बड़ा मुश्किल है, वैसे ही यह भी बता पाना कुछ मुश्किल सा प्रतीत होता है कि शिव धाम का इतिहास कितना पुराना है.
ये है मंदिर का इतिहास
पातालेश्वर मंदिर में कहा जाता है कि यहां पर पांडवों ने भी काफी समय बिताया है इसके साथ द्वापर युग में योग शास्त्र के महर्षि पतंजलि महाराज ने इस स्थान पर भगवान शंकर जी की घोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान भोलेनाथ जी ने महर्षि को वरदान दिया कि इस स्थान पर ऐसे विशाल दिव्य अलौकिक रूप से सदा- सदा के लिए प्रकट होगी, जो की दूर-दूर तक कहीं ना हो, ताकि इस स्थान पर शिव भक्ति में डूबे भक्त निरंतर चलते रहे. जन-जन का भला हो. यहां पहुंचकर शीश नावाने वालों का सदा व सबका भला होता रहे.
क्या कहना है मंदिर पुजारी का
मंदिर पुजारी ने कहा कि भगवान शिव ने यहां दर्शन करने वाले सब भक्तों को मनोवांछित फल प्राप्त करने प्राप्त है. उन्होंने कहा कि भगवान शिव के एक अति विशाल आलौकिक शिवलिंग पाताल के गर्व से प्रकट होने लगा. इस के कारण ही इस धाम का नाम श्री पातालेश्वर महादेव पड़ा. साथ में ही यह भी मान्यता भी रही है कि महर्षि पतंजलि की तपोभूमि होने के कारण इस गांव का नाम पातलियो पड़ा. हर वर्ष यहां पर महाशिवरात्रि का पावन त्यौहार परंपरागत हर्ष, उल्लास व धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है.
इन जगहों से पहुंचे श्रद्धालु
पातालेश्वर मंदिर में पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और हरियाणा से भी श्रद्धालु यहां शीश नवा जाने के लिए पहुंचे हैं और भोलेनाथ की शिवलिंग के दर्शन किए मनोकामनाएं मांगी और भोलेनाथ का प्रसाद लेकर घर की ओर से खुशी-खुशी चाह रहे हैं.
एसओपी का पूरा पालन
प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर में हर वर्ष मेले का आयोजन भी किया जाता है पर करो ना के खतरे के चलते इस बार प्रशासन द्वारा एसओपी के तहत पातालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखा है प्रबंध रखा गया है.
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