नाहन: सिखों के 10वें गुरु श्री गोबिंद सिंह महाराज के नाहन आगमन दिवस की खुशी में आयोजित जोड़ मेला देर रात गतका नाइट के साथ संपन्न हो (Jor Fair concluded in Nahan) गया. जिला मुख्यालय नाहन में गुरुद्वारा श्री दशम अस्थान के ठीक सामने स्थित ऐतिहासिक चौगान मैदान में आयोजित इस 9 दिवसीय मेले के समापन अवसर पर सिख युवाओं ने शानदार तरीके से गतका कौशल का प्रदर्शन (Sikh youth display gatka skills) किया. दरअसल गतका नाइट में पटियाला, देहरादून, पांवटा साहिब सहित नाहन के सिख युवाओं के जत्थों ने सिक्खों की पारंपरिक युद्ध कला के तहत शानदार तरीके से शस्त्र संचालन का प्रदर्शन किया.
सिख युवाओं के शौर्य प्रदर्शन को देख उपस्थित लोग भी दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गए. बड़ी बात यह रही कि विभिन्न सिख जत्थों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में 5 से 30 साल के सिख युवाओं ने मार्शल आर्ट गतका के माध्यम से लोगों को खालसा पंथ के शौर्य से बखूबी अवगत करवाया. साथ ही युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का भी संदेश दिया. गुरुद्वारा श्री दशम अस्थान नाहन के सेवादार गुरजीत सिंह खालसा ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज के नाहन आगमन दिवस की खुशी में आयोजित 9 दिवसीय जोड़ मेले का समापन गतका नाईट के साथ किया गया. जिसमें 4 से 5 टीमों ने हिस्सा लिया.
उन्होंने बताया कि गतका प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है. गुरु महाराज ने आत्मरक्षा के लिए इसकी शुरुआत की थी. पुरुष हो या महिला, गुरु महाराज ने सभी को गतका खेलने के लिए प्रेरित किया है, ताकि सभी अपनी आत्मरक्षा कर सके. उन्होंने बताया कि जोड़ मेले की समाप्ति के बाद आगमन दिवस के उपलक्ष्य में गुरुद्वारा नाहन में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें और गुरु महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करें.
बता दें कि गुरु गोबिंद सिंह महाराज (Guru Gobind Singh Maharaj) 30 अप्रैल 1685 को सिरमौर रियासत में पधारे थे और लगभग 8 महीने तक वह नाहन में ही रहे. इसके बाद उन्होंने पांवटा साहिब साहिब नगरी की नींव रखी थी. लिहाजा गुरु गोबिंद सिंह के नाहन आगमन दिवस को हर साल हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. अब जोड़ मेले के बाद यहां गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा 30 अप्रैल तक नगर कीर्तन, कीर्तन समागन आदि विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.