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कफोटा में 12 साल से नहीं बन पाया ITI भवन, किराए की बिल्डिंग में चल रही कक्षाएं - ITI

सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के अंतर्गत कफोटा में 12 साल  बीत जाने के बावजूद भी आईटीआई बिल्डिंग का काम शुरू नहीं हुआ है. छात्र 10 किलोमीटर की दूरी तय करके पढ़ाई करने पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाएं न मिलने के कारण छात्रों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.

Kafota ITI building
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Published : Oct 23, 2019, 5:28 PM IST

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के अंतर्गत कफोटा में 12 साल बीत जाने के बावजूद भी आईटीआई बिल्डिंग का काम शुरू नहीं हुआ है. छात्र 10 किलोमीटर की दूरी तय करके पढ़ाई करने पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाएं न मिलने के कारण छात्रों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.

गौर हो कि कफोटा में 2007 में सरकार ने आईटीआई खोली थी जोकि अब तक निजी इमारत में चल रही है. इतना समय बीत जाने के बावजूद भी सरकार एक छोटा सा भवन भी आईटीआई के लिए नहीं बना सकी. 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जमीन का शिलान्यास कर दिया था, लेकिन आईटीआई का भवन अभी तक नहीं बन पाया है.

वीडियो.

आईटीआई में बच्चों की संख्या बढ़ने और भवन न होने से वहां अध्यापकों को भी समस्या हो रही है. शिक्षकों का कहना है कि छात्र प्राइवेट बिल्डिंग में शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं. यहां छात्रों के खेलने के लिए ग्राउंड भी नहीं है. साथ ही नेशनल हाइवे सड़क पर वाहनों के शोर-शराबा होने के कारण छात्रों को पढ़ने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है.

छात्रों ने सीएम जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि जल्द आईटीआई के लिए भवन का निर्माण किया जाए. साथ ही शिक्षकों की कमी को भी पूरा किया जाए.

ये भी पढ़ें: अपने मालिक को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ा ये कुत्ता, दी खुद की जान

पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के अंतर्गत कफोटा में 12 साल बीत जाने के बावजूद भी आईटीआई बिल्डिंग का काम शुरू नहीं हुआ है. छात्र 10 किलोमीटर की दूरी तय करके पढ़ाई करने पहुंचते हैं, लेकिन सुविधाएं न मिलने के कारण छात्रों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है.

गौर हो कि कफोटा में 2007 में सरकार ने आईटीआई खोली थी जोकि अब तक निजी इमारत में चल रही है. इतना समय बीत जाने के बावजूद भी सरकार एक छोटा सा भवन भी आईटीआई के लिए नहीं बना सकी. 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जमीन का शिलान्यास कर दिया था, लेकिन आईटीआई का भवन अभी तक नहीं बन पाया है.

वीडियो.

आईटीआई में बच्चों की संख्या बढ़ने और भवन न होने से वहां अध्यापकों को भी समस्या हो रही है. शिक्षकों का कहना है कि छात्र प्राइवेट बिल्डिंग में शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं. यहां छात्रों के खेलने के लिए ग्राउंड भी नहीं है. साथ ही नेशनल हाइवे सड़क पर वाहनों के शोर-शराबा होने के कारण छात्रों को पढ़ने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है.

छात्रों ने सीएम जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि जल्द आईटीआई के लिए भवन का निर्माण किया जाए. साथ ही शिक्षकों की कमी को भी पूरा किया जाए.

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Intro:12 साल बीत जाने के बावजूद भी आईटीआई इमारत का कार्य शुरू नहीं
पठन-पाठन में छात्रों को हो रही बड़ी समस्याएं
शासन प्रशासन की अनदेखी से छात्र परेशान
सरकारी भवन अध्यापक की कमी से छात्रों के साथ हो रहे खिलवाड़Body:
एक और प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा दे रही है छात्रों तक हर सुविधाएं पहुंचाने के लिए कार्य भी कर रही है पर जब छात्रों को सरकारी भवन अध्यापक ना मिले तो ऐसे में कैसे पढ़े पाएगा छात्र

गिरिपार क्षेत्र के अंतर्गत कफोटा में 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आईटीआई बिल्डिंग का कार्य अब तक शुरू ही नहीं हुआ छात्र शिक्षा के मंदिर में 10 किलोमीटर की दूरी तय करके शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं पर सुविधाएं न मिलने के कारण पठन-पाठन मुसीबतें हो जाती है कफोटा में 2007 में सरकार ने आईटीआई खोली थी जोकि अब तक निजी इमारत में चल रही है इतना समय बीत जाने के बावजूद भी सरकार एक छोटा सा भवन भी आईटीआई के लिए नहीं बना सके यह प्रशासन की बेरुखी कहेंगे या अनदेखे पर मुसीबतें तो छात्रों को ही झेलनी पड़ रही है कई बार बोलने के बावजूद भी आईटीआई की बिल्डिंग की 1 ईंट तक नहीं लगी है



12 वर्ष हो चुके हैं पर अभी तक सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंगी है अब तक इस आईटीआई का किराया जो कि निजी इमारत में चल रही है अब तक सरकार ने 21 लाख से अधिक निजी इमारतों का किराया दे चुके हैं जिसके कारण बच्चों को भी पढ़ाई करने में समस्या उत्पन्न हो रही है
2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जमीन का शिला निवास भी कर दिया था पर अभी तक यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार इतनी लापरवाही क्यों बरती रही है इस आईटीआई में दिन प्रतिदिन बच्चों की संख्या बढ़ते ही जा रही है जिसके कारण वहां के अध्यापकों को भी समस्या हो रही है


शिक्षकों का कहना है की प्राइवेट बिल्डिंग में शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं पढ़ना तो खेलने के लिए ग्राउंड है और ना ही पढ़ने के लिए सही जगह नेशनल हाईवे सड़क का शोर-शराबा होने के कारण छात्रों को पठन-पाठन में भी समस्या हो रही है यहि नही लंच टाइम में भी खड़े होने के लिए जगह नहीं है पहाड़ी क्षेत्रों के छात्रों के साथ प्रशासन क्यों इतना खिलवाड़ कर रही है कि ना तो अध्यापक और ना ही बिल्डिंग तैयार की जा रही है कब इन समस्याओं का समाधान होगा छात्रों ने एक बार फिर प्रदेश के मुखिया सीएम जयराम ठाकुर से जोरदार आग्रह किया है कि समस्या का जीवन आधार किया जाए ताकि छात्रों को भी पठन-पाठन में कोई समस्या उत्पन्न ना हो

Conclusion:
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