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ऐसा वन रक्षक जो पेड़-पौधे का बच्चों की तरह रखता है ख्याल, CM जयराम भी हैं राजेश के मुरीद - वन रक्षक

मुख्यमंत्री द्वारा वन रक्षक राजेश कुमार को प्रदेश भर में सर्वोतम पौधाशाला प्रबंधन के द्वितीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. राजेश कुमार कई किस्म के पौधे तैयार करते हैं और फिर उन्हें जिला के विभिन्न क्षेत्रों में भेजते हैं. राजेश कुमार का यह जज्बा अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनकर उभरा है.

वन रक्षक राजेश कुमार
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Published : Jul 30, 2019, 1:56 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 2:51 PM IST

नाहन: जिला सिरमौर के सलानी पुल के पास वन विभाग की नर्सरी में एक वन रक्षक राजेश कुमार हरा सोना पैदा करने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं. राजेश कुमार कई किस्म के पौधे तैयार करते हैं और फिर उन्हें जिला के विभिन्न क्षेत्रों में भेजते हैं. हर साल यहां पौधों की अलग-अलग किस्में तैयार की जाती हैं.

हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा वन रक्षक राजेश कुमार को प्रदेश भर में सर्वोतम पौधाशाला प्रबंधन के द्वितीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. नेशनल हाईवे-7 के किनारे स्थित इस नर्सरी में पौधों के लिए बकायदा केंचुआ व जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि यहां तैनात कर्मियों द्वारा खुद ही तैयार की जाती है. राजेश कुमार का ये जज्बा अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनकर उभरा है.

वन संरक्षक राजेश कुमार को राज्य में सर्वश्रेष्ठ पौधों के प्रबंधन पुरस्कार से सम्मानित किया गया..

बता दें कि इस वर्ष सलानी नर्सरी में 18 हजार 825 पौधे तैयार किए गए, जिसमें से अब तक करीब 14 हजार पौधों को विभिन्न मंडलों में भेजा जा चुका है. नर्सरी में विभिन्न फूलों की प्रजातियों के एक लाख 8 हजार प्लांट्स तैयार किए गए थे. जो कि पौधारोपण के लिए डिमांड के अनुसार भेजे जा रहे हैं. जो लोग निजी भूमि में पौधारोपण करना चाहते हैं, उनके लिए भी इस नर्सरी में पौधे बिक्री के लिए उपलब्ध है.

ये भी पढ़े संसद लाइव अपडेट: कांग्रेस ने लोकसभा में उन्नाव हादसे का मुद्दा उठाया

वन रक्षक राजेश कुमार ने बताया कि वन विभाग के अनुरोध पर उन्होंने नर्सरी की एक एलबम तैयार की थी. जिसमें नर्सरी को लेकर हरेक जानकारी उपलब्ध करवाई गई, जिसे शिमला स्थित मुख्य कार्यालय में भेजा गया था. उन्होंने बताया कि इस साल उन्हें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में मुख्यमंत्री द्वारा सर्वोत्तम नर्सरी के लिए द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसके लिए वह विभाग के आभारी हैं.

नाहन: जिला सिरमौर के सलानी पुल के पास वन विभाग की नर्सरी में एक वन रक्षक राजेश कुमार हरा सोना पैदा करने के लिए जी जान से जुटे हुए हैं. राजेश कुमार कई किस्म के पौधे तैयार करते हैं और फिर उन्हें जिला के विभिन्न क्षेत्रों में भेजते हैं. हर साल यहां पौधों की अलग-अलग किस्में तैयार की जाती हैं.

हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा वन रक्षक राजेश कुमार को प्रदेश भर में सर्वोतम पौधाशाला प्रबंधन के द्वितीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है. नेशनल हाईवे-7 के किनारे स्थित इस नर्सरी में पौधों के लिए बकायदा केंचुआ व जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जो कि यहां तैनात कर्मियों द्वारा खुद ही तैयार की जाती है. राजेश कुमार का ये जज्बा अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनकर उभरा है.

वन संरक्षक राजेश कुमार को राज्य में सर्वश्रेष्ठ पौधों के प्रबंधन पुरस्कार से सम्मानित किया गया..

बता दें कि इस वर्ष सलानी नर्सरी में 18 हजार 825 पौधे तैयार किए गए, जिसमें से अब तक करीब 14 हजार पौधों को विभिन्न मंडलों में भेजा जा चुका है. नर्सरी में विभिन्न फूलों की प्रजातियों के एक लाख 8 हजार प्लांट्स तैयार किए गए थे. जो कि पौधारोपण के लिए डिमांड के अनुसार भेजे जा रहे हैं. जो लोग निजी भूमि में पौधारोपण करना चाहते हैं, उनके लिए भी इस नर्सरी में पौधे बिक्री के लिए उपलब्ध है.

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वन रक्षक राजेश कुमार ने बताया कि वन विभाग के अनुरोध पर उन्होंने नर्सरी की एक एलबम तैयार की थी. जिसमें नर्सरी को लेकर हरेक जानकारी उपलब्ध करवाई गई, जिसे शिमला स्थित मुख्य कार्यालय में भेजा गया था. उन्होंने बताया कि इस साल उन्हें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में मुख्यमंत्री द्वारा सर्वोत्तम नर्सरी के लिए द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसके लिए वह विभाग के आभारी हैं.

Intro:नाहन। धरती मां के सीने पर हरा सोना पैदा करने के लिए वन रक्षक राजेश कुमार जी जान से जुटे हुए है। पौधों को पुत से भी अधिक प्यार करने वाले वन रक्षक की सराहना खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी की है। हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा वन रक्षक राजेश कुमार को प्रदेश भर में सर्वोतम पौधशाला प्रबंधन के द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 


Body:दरअसल वन रक्षक राजेश कुमार नाहन विकासखंड के तहत सलानी पुल के समीप वन विभाग की नर्सरी में कार्यरत है। नेशनल हाइवे-7 के किनारे स्थित इस नर्सरी में पौधों के लिए बाकायदा केंचुआ व जैविक खाद का इस्तेमाल किया जाता है, जोकि यहां तैनात कर्मियों द्वारा खुद ही तैयार की जाती है। 
वन रक्षक राजेश कुमार ने यहां पौधों की कई किस्में तैयार की है, जिन्हें जिला के विभिन्न क्षेत्रों में भेजा जा रहा है। प्रतिवर्ष यहां विभिन्न प्रजाति के पौधों की किस्में तैयार की जाती है। पौधारोपण अभियान के दौरान जिला के विभिन्न हिस्सों में इस नर्सरी से पौधे आबंटित किए जाते हैं। राजेश कुमार ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर नर्सरी को बेहद अच्छे ढंग से तैयार किया है, जिसकी यहां आने वाला हर कोई प्रशंसा करता नजर आता है। 
बता दें कि इस वर्ष सलानी नर्सरी में 18 हजार 825 पौधे तैयार किए गए, जिसमें से अब तक करीब 14 हजार पौधों को विभिन्न मंडलों में भेजा जा चुका है। नर्सरी में विभिन्न फूलों की प्रजातियों के एक लाख 8 हजार प्लांट्स तैयार किए गए थे, जोकि पौधारोपण के लिए डिमांड के अनुसार भेजे जा रहे हैं। जो लोग निजी भूमि में पौधारोपण करना चाहते हैं, उनके लिए भी इस नर्सरी में पौधे बिक्री के लिए उपलब्ध है।  
वन रक्षक राजेश कुमार ने बताया कि वन विभाग के अनुरोध पर उन्होंने नर्सरी की एक एलबम तैयार की थी, जिसमें नर्सरी को लेकर हरेक जानकारी उपलब्ध करवाई गई, जिसे शिमला स्थित मुख्य कार्यालय में भेजा गया था। उन्होंने बताया कि इस साल उन्हें राज्य स्तरीय वन महोत्सव में मुख्यमंत्री द्वारा सर्वाेतम नर्सरी के लिए द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसके लिए वह विभाग के आभारी है। 
बाइट 1: राजेश कुमार, सलानी नर्सरी में तैनात वन रक्षक


Conclusion:कुल मिलाकर वन रक्षक राजेश कुमार का पौधो के प्रति प्यार देखते ही बनता है, जोकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय कदम है। वहीं राजेश कुमार का यह जज्बा अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनकर उभरा है। 
Last Updated : Jul 30, 2019, 2:51 PM IST
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