ऊना: जिला मुख्यालय की नजदीकी ग्राम पंचायत जलग्रां स्थित एक कमरे में सब्जी का काम करने वाले पिता-पुत्र के शव बरामद हुए हैं. मृतकों की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी सादिक और उनके बेटे शाहिद के तौर पर हुई है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए रीजनल अस्पताल ऊना भेज दिया है.
कमरे में मौजूद एख शख्स की बच गई जान
मृतक के दूसरे बेटे शरीफ ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया "ठंड होने के कारण शनिवार रात को हम कमरे में कोयले की अंगीठी जलाकर सो गए. रविवार सुबह मेरा भाई और पिता कमरे में मृत मिले. मैं भी उसी कमरे में सो रहा था लेकिन मेरी जान बच गई."
पुलिस ने शरीफ का बयान लेकर मामला दर्ज कर लिया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा ने बताया "सादिक अपने दोनों बेटों शाहिद और शरीफ के साथ ऊना में सब्जी बेचने का काम करता था. प्रथम दृष्टया लग रहा है कि अंगीठी की गैस के कारण दोनों की मौत हुई है. पुलिस ने दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ऊना रीजनल अस्पताल भेज दिया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों की पुख्ता जानकारी मिलेगी."
बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना है खतरनाक
सर्दियों के दिनों में अंगीठी में कोयला जलाकर कमरे में सोना बेहद ही खतरनाक है. इस वजह से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है. कोयले के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है जो कि जहरीली प्रकृति के कारण अत्यंत हानिकारक है. जब कार्बन मोनोऑक्साइड सांस द्वारा फेफड़ों में पहुंचती है, तो वह ऑक्सीजन को हीमोग्लोबिन में मिलने से रोकती है. इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती हैं और दम घुटने के कारण सोते हुए किसी भी शख्स की मौत हो सकती है: डॉ. विकास चौहान एसएमओ रीजनल अस्पताल ऊना
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