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70 के दशक से चल रहा सेना-सिविलियंस विवाद, नाहन के लोग मांग रहे समाधान

नाहन में लंबे समय से भूमि विवाद का मुद्दा चला आ रहा है जो अभी तक नहीं सुलझ पाया है. वहीं, लोगों ने नाहन विधायक राजीव बिंदल के सामने एक बार फिर भूमि विवाद का मुद्दा उठाया ताकि जल्द से जल्द मामला सुलझ पाए.

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Published : Apr 28, 2019, 7:48 PM IST

नाहन शहर

नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में 70 के दशक से सेना-सिविलियंस के बीच भूमि विवाद चला आ रहा है, लेकिन अभी तक इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल पाया है. वहीं, अब लोकसभा चुनाव के दौरान दोबारा ये मुद्दा बाहर आया है. इस मुद्दे को स्थानीय लोगों ने विस अध्यक्ष राजीव बिंदल के समक्ष उठाया है.

दरअसल जब विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल गोरखा समुदाय के बीच जनसंपर्क अभियान के दौरान पहुंचे तो समुदाय के लोगों ने भूमि विवाद के मुद्दे को जल्द से जल्द पूरा करवाने की मांग उठाई. जिसके बाद विधायक ने भी लोगों को इसके जल्द समाधान की बात कही.

गौरतलब है कि नाहन के गोरखा समुदाय की जो सबसे बड़ी समस्या है, वह आर्मी के साथ चला आ रहा भूमि विवाद है. कुछ भूमि आर्मी के कब्जे में है और कुछ गोरखा समुदाय के लोगों के कब्जे में है. लिहाजा 70 के दशक से ये विवाद चला आ रहा है. मामला कई बार केंद्र सरकार तक भी पहुंचा, लेकिन अब तक लोगों की सालों से चली आ रही मांग लंबित पड़ी है.

नाहन शहर में भूमि विवाद मुद्दा गूंजा

मामले में गोरखा एसोसिएशन नाहन के अध्यक्ष खेम बहादुर का कहना है कि सेना के साथ भूमि विवाद से हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. छोटे-छोटे काम के लिए सेना से परमिशन लेनी पड़ती है. उन्होंने सरकार से मुद्दे को सुलझाने को लेकर फिर से गुहार लगाई है. खेम बहादुर ने कहा कि जो सरकार समस्या का समाधान करेगी उसका भविष्य में भी साथ देंगे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि 70 के दशक में सरकार ने जो भूमि आर्मी को दी, उसमें उन लोगों की जमीनें भी शामिल कर दीं, जो यहां करीब 100 से 150 सालों से रहते आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द भूमि विवाद को खत्म करने की मांग की है.

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि सरकार से किसी एंट्री के तहत ये चित्र आर्मी को चला गया. जिन लोगों को राजाओं ने जमीन दे रखी थी, उनकी एंट्री ठीक ना होने के कारण लोग इस समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं.

बिंदल ने कहा कि ये मामला पूर्व के रक्षा मंत्री से लेकर वर्तमान की रक्षा मंत्री के सामने उठाया गया है जिसके बाद मामले में रिप्लेसमेंट के तहत सेना को जमीन देकर समाधान की सहमति जताई है. वहीं, प्रदेश सरकार और सेना के बीच बात जारी है. बिंदल ने कहा कि मुख्य सचिव के स्तर की वार्ता अगले महीने हो जाएगी. इसके बाद सीएम के स्तर की बात का समय आएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका अच्छा परिणाम आएगा.

ये भी पढे़ं - नशे के खिलाफ हिमाचल पुलिस की मुहिम से जुड़े बॉलीबुड स्टार आमिर खान, युवाओं को दिया ये संदेश

नाहन: जिला मुख्यालय नाहन में 70 के दशक से सेना-सिविलियंस के बीच भूमि विवाद चला आ रहा है, लेकिन अभी तक इस मुद्दे का कोई हल नहीं निकल पाया है. वहीं, अब लोकसभा चुनाव के दौरान दोबारा ये मुद्दा बाहर आया है. इस मुद्दे को स्थानीय लोगों ने विस अध्यक्ष राजीव बिंदल के समक्ष उठाया है.

दरअसल जब विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल गोरखा समुदाय के बीच जनसंपर्क अभियान के दौरान पहुंचे तो समुदाय के लोगों ने भूमि विवाद के मुद्दे को जल्द से जल्द पूरा करवाने की मांग उठाई. जिसके बाद विधायक ने भी लोगों को इसके जल्द समाधान की बात कही.

गौरतलब है कि नाहन के गोरखा समुदाय की जो सबसे बड़ी समस्या है, वह आर्मी के साथ चला आ रहा भूमि विवाद है. कुछ भूमि आर्मी के कब्जे में है और कुछ गोरखा समुदाय के लोगों के कब्जे में है. लिहाजा 70 के दशक से ये विवाद चला आ रहा है. मामला कई बार केंद्र सरकार तक भी पहुंचा, लेकिन अब तक लोगों की सालों से चली आ रही मांग लंबित पड़ी है.

नाहन शहर में भूमि विवाद मुद्दा गूंजा

मामले में गोरखा एसोसिएशन नाहन के अध्यक्ष खेम बहादुर का कहना है कि सेना के साथ भूमि विवाद से हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं. छोटे-छोटे काम के लिए सेना से परमिशन लेनी पड़ती है. उन्होंने सरकार से मुद्दे को सुलझाने को लेकर फिर से गुहार लगाई है. खेम बहादुर ने कहा कि जो सरकार समस्या का समाधान करेगी उसका भविष्य में भी साथ देंगे.

स्थानीय लोगों का कहना है कि 70 के दशक में सरकार ने जो भूमि आर्मी को दी, उसमें उन लोगों की जमीनें भी शामिल कर दीं, जो यहां करीब 100 से 150 सालों से रहते आ रहे हैं. उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द भूमि विवाद को खत्म करने की मांग की है.

वहीं, विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कहा कि सरकार से किसी एंट्री के तहत ये चित्र आर्मी को चला गया. जिन लोगों को राजाओं ने जमीन दे रखी थी, उनकी एंट्री ठीक ना होने के कारण लोग इस समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं.

बिंदल ने कहा कि ये मामला पूर्व के रक्षा मंत्री से लेकर वर्तमान की रक्षा मंत्री के सामने उठाया गया है जिसके बाद मामले में रिप्लेसमेंट के तहत सेना को जमीन देकर समाधान की सहमति जताई है. वहीं, प्रदेश सरकार और सेना के बीच बात जारी है. बिंदल ने कहा कि मुख्य सचिव के स्तर की वार्ता अगले महीने हो जाएगी. इसके बाद सीएम के स्तर की बात का समय आएगा. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका अच्छा परिणाम आएगा.

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Intro:- अब चुनाव के समय फिर उठा मुद्दा, विधायक बिंदल से भी बढ़ी उम्मीदें
- विधायक ने गोरखा समुदाय को दिया आश्वासन चलता होगा समाधान
- लोग बोले- दशकों से चल रहा भूमि विवाद-अब होना चाहिए हल
- ईटीवी से बातचीत में बिंदल बोले-जल्द आएंगे अच्छे परिणाम
नाहन। 1621 में बसे ऐतिहासिक नाम शहर में 70 के दशक से से नावा सिविलियंस के बीच भूमि विवाद चला आ रहा है। करीब 5 दशक बीत जाने के बाद भी महान का यह बड़ा मुद्दा अभी लंबित पड़ा है। अब जब एक बार फिर चुनाव है तो एक बार फिर यह मुद्दा बाहर आ गया है। लिहाजा एक बार फिर इस मुद्दे को स्थानीय लोगों ने विधायक डॉ राजीव बिंदल के समक्ष उठाया है।


Body:दरअसल जब विधानसभा अध्यक्ष एवं नहान के विधायक डॉ राजीव बिंदल गोरखा समुदाय के बीच जनसंपर्क अभियान के दौरान पहुंचे तो इस मुद्दे को समुदाय ने जल्द से जल्द पूरा करवाने की मांग दौहराई। वहीं विधायक ने भी लोगों को इसके जल्द समाधान की बात कही।
गौरतलब है कि नाहन के गोरखा समुदाय की जो सबसे बड़ी समस्या है, वह आर्मी के साथ चला आ रहा भूमि विवाद है। कुछ भूमि आर्मी के कब्जे में है और कुछ गोरखा समुदाय के लोगों के कब्जे में है। लिहाजा 70 के दशक से यह विवाद चला आ रहा है। मामला कई बार केंद्र सरकार तक भी पहुंचा, लेकिन अब तक लोगों की वर्षों से चली आ रही मांग लंबित पड़ी है।
उधर इस मामले में गोरखा एसोसिएशन नाहन के अध्यक्ष के खेम बहादुर का कहना है कि सेना के साथ भूमि विवाद का यह मामला दशकों से चला आ रहा है हजारों लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं। छोटे-छोटे कार्य के लिए सेना से परमिशन लेनी पड़ती है। पहले भी सरकार से गुहार लगाते रहे हैं और आप भी लगा रहे हैं। जो सरकार हमारा समाधान करेगी उसका भविष्य में भी साथ देंगे।
बाइट : खेम बहादुर, अध्यक्ष गोरखा एसोसिएशन नाहन

उधर स्थानीय निवासी याकुब बैग सहित अन्यों का कहना है कि 70 के दशक में सरकार ने जो भूमि आर्मी को दिए उसमें उन लोगों की जमीनें भी शामिल कर दी, जो यहां करीब 100 से 150 सालों से रहते आ रहे हैं। मामला केंद्र सरकार तक गया है जल्द से जल्द भूमि विवाद को खत्म किया जाए।
बाइट : याकूब बैग, स्थानीय निवासी

दूसरी तरफ इस पूरे मामले पर ईटीवी भारत हिमाचल से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष एवं नाहन के विधायक डॉ राजीव बिंदल ने कहा कि सरकार से किसी एंट्री के तहत यह चित्र आर्मी को चला गया। जिन लोगों को राजाओं ने जमीन दे रखी थी उनकी एंट्री ठीक ना होने के कारण बहुत बड़ी समस्या से यह लोग 70 के दशक से गुजर रहे हैं। सेना के साथ वार्तालाप करने का प्रयास सभी लोगों ने किया, परंतु अब तक इस मामले में अंतिम सफलता नहीं मिली है। बिंदल ने कहा कि इस विषय को लेकर पूर्व के रक्षा मंत्री से लेकर वर्तमान की रक्षा मंत्री से यह मामला उठाया गया है। रिप्लेसमेंट के तहत सेना को जमीन देकर समाधान की सहमति जताई है। प्रदेश सरकार व सेना के बीच वार्तालाप जारी है। आशा करते हैं कि मुख्य सचिव के स्तर की वार्ता अगले माह संपन्न हो जाएगी। तत्पश्चात मुख्यमंत्री के स्तर की वार्ता का समय आएगा। गंभीरता से विषय को लिया जा रहा है। आशा की जाती है कि जल्द ही इसका अच्छा परिणाम आएगा।
बाइट : डॉ राजीव बिंदल विधानसभा अध्यक्ष एवं नाहन विधायक


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