शिमला: कोरोना महामारी के बीच एक होमगार्ड की महिला न्याय की गुहार लगा रही है, लेकिन उसे न्याय दिलाने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है. होमगार्ड विभाग में तैनात महिला ने विभाग के अधिकारियों पर ड्यूटी के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. गुरुवार को रिज मैदान पर महिला कर्मचारी मीडिया से बात करते हुए सामने रोने लग गई.
अधिकारी करे रहे प्रताड़ित
महिला ने रोते हुए कहा कि होमगार्ड विभाग के उच्च अधिकारी उसे प्रताड़ित कर रहे है. महिला ने बताया कि जब उसकी ड्यूटी डीडीयू अस्पताल में थी तो उनके साथ की एक महिला होमगार्ड कोरोना पॉजिटिव आई. ऐसे में वह उसके संपर्क में आने से डीडीयू अस्पताल के पास एक कमरे में आइसोलेट हो गई.
समस्याओं को लेकर बनाया वीडियो
महिला ने सरकार तक अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए एक वीडियो बनाया. महिला ने यह वीडियो अपने माता-पिता, भाभी और अस्पताल का एक लड़का जो महिला के साथ काम करता है उसे भेजी. इस लड़के ने महिला को यह वीडियो अस्पताल एमएस को भेजने के लिए कहा. महिला ने यह वीडियो होमगार्ड के उच्च अधिकारी को भेजा, जिसके बाद उसकी डयूटी डीडीयू शिमला से चेंज कर आईजीएमसी के ब्लड बैंक में लगा दी गई.
महिला थी कोरोना पॉजिटिव
हालांकि महिला कोरोना पॉजिटिव आई थी, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसने डयूटी फिर से ज्वाइन कर ली. महिला को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके चलते वह आईजीएमसी शिमला में डयूटी नहीं कर पा रही थी. आईजीएमसी में मरीजों की संख्या ज्यादा होती है. महिला का कहना है कि जब उन्होंने अधिकारियों से आईजीएमसी से ड्यूटी चेंज करने को कहा गया तो उन्होंने महिला को कहा कि आपको कुछ नहीं होगा आप बिल्कुल स्वस्थ है.
नहीं हुई कोेई कार्रवाई
महिला के बार-बार मांग करने पर उनकी ड्यूटी केएनएच अस्पताल में लगाई गई है, लेकिन महिला के पास कोई ऑडर की कॉपी नहीं आई है. अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रहा है. महिला दो महीने से घर पर है और उसे कोई सैलरी नहीं दी जा रही है. महिला का कहना है कि वह मामले को लेकर महिला आयोग के पास भी गई, लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं की गई है.
ड्यूटी पर वापस बुलाने की मांग
वहीं, एडीजीपी होमगार्ड एपी सिद्की का कहना है कि मामला उनके ध्यान में नहीं है. जैसे ही मामला उनके पास आएगा तो जल्द ही कार्रवाई करके महिला को वापस ड्यूटी पर बुलाया जाएगा.