शिमलाः भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार कांगड़ा जिला से मृत मिले 64 कौवों के सैम्पल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इनमें बर्ड फ्लू पाया गया है. पौंग बांध से सटे फतेहपुर क्षेत्र में 7 जनवरी को 64 कौवे मृत पाए गए थे. इसके बाद वन्य प्राणी विभाग ने एवियन इन्फ्लुएंजा की जांच के लिए नमूने इकट्ठा किए.
इनमें से 5 कौवों के सैंपल रीजनल डिजिज डाइग्नोस्टिक लैब जालंधर भेजे गए थे, जिनमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. फतेहपुर क्षेत्र में घरों के आसपास मिले मृत कौवों के पांच सैंपलों में से तीन में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. मंडी जिले से भेजे गए सभी सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं.
मत्सय पालन विभाग से मांगी किश्तियां
पौंग झील में बर्ड फ्लू से मर रहे प्रवासी पक्षियों की वजह से पैदा हुई स्थितियों से निपटने के लिए वाइल्ड लाइफ विंग ने मत्सय पालन विभाग से किश्तियां मुहैया कराने का आग्रह किया है.
वन्य जीव प्रधान मुख्य अरण्यपाल अर्चना शर्मा ने कहा कि केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों को लेकर अवगत कराया गया है. वाइल्ड लाइफ ब्रांच का त्वरित प्रतिक्रिया दल लगातार निगरानी कर रहा है और मृत पक्षियों को प्रोटोकॉल के तहत दफनाया जा रहा है.
पौंग झील में मृत पक्षियों का मिलना जारी
अर्चना शर्मा ने कहा कि धमेटा रेंज में अब स्थिति लगातार सुधर रही है लेकिन, पौंग झील से मृत पक्षियों का मिलना जारी है. बीते दिनों भी पौंग झील से 280 पक्षी मृत मिले. बुधवार को 105 मृत प्रवासी पक्षियों के अवशेष पौंग बांध क्षेत्र में मिले. वन्य जीव विंग की टीम ने इनका वैज्ञानिक रुप से निपटान किया.
अब तक 4 हजार 742 प्रवासी परिंदों की मौत
यहां अब तक 4 हजार 742 प्रवासी और 174 जंगली परिंदों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज को एहतियात बरतने और आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए कहा है.
सभी मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 4 से 5 बिस्तर अलग रखने के आदेश भी दिए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर बर्ड फ्लू से ग्रसित मरीजों का यहां रखा जा सके. हालांकि एक राहत भरी बात यह है कि राज्य में अब तक किसी इंसान के बर्ड फ्लू संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया है.
बर्ड फ्लू से निपटने की तैयारी पूरी
बर्ड फ्लू से निपटने के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 9 कमरों का वार्ड बनाया गया है, ताकि फ्लू से संक्रमित मरीजों का उपचार किया जा सके. इसके लिए अस्पताल में 18 बेड की व्यवस्था की गई है. साथ ही फ्लू की जांच के लिए यहां लैब भी बनाई गई है. स्वास्थ्य विभाग ने यहां बर्ड फ्लू से बचाव की टैमी फ्लू दवा भी पहुंचा दी है.
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