शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश का असर अब पानी की सप्लाई पर भी पढ़ने लगा है. शिमला शहर (Shimla City) में वीरवार को पानी की सप्लाई नहीं आएगी. बुधवार को हुई भारी बारिश के चलते लगभग सभी पेयजल परियोजनाओं में गाद आने से राजधानी के लिए पानी की सप्लाई ठप (Water Supply) हो गई है. जिसके चलते बुधवार को जल परियोजनाओं (Water Projects) में पंपिग नहीं हो पाई. ऐसे में शहरवासियों को आने वाले कुछ दिन दिक्कतों से दो चार होना पड़ सकता है.
बारिश का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर को पानी सप्लाई करने वाली गिरि और गुम्मा परियोजना (Gumma Project) में 7,000 एनटीओं से ज्यादा गाद आई है. जिससे पानी लिफ्ट करना मुश्किल हो गया है. गाद के साथ लिफ्ट करने पर पंप खराब होने की आशंका रहती है. वहीं पानी भी मटमैला हो जाता है, ऐसे में भारी बारिश (Heavy Rain) के बाद पंपिग रोकनी पड़ती है.
बुधवार को हुई भारी बारिश के बाद गिरि परियोजना में 7,400 एनटीओ और गुम्मा में 7,300 एनटीओ गाद आई है. जिसके चलते अगले कुछ दिन पानी की सप्लाई प्रभावित रहने वाली है. वहीं, शहर को पानी की सप्लाई करने वाली कंपनी एसजेपीएनएल (SJPNL) के ऐजीएम राजेश कश्यप (AGM Rajesh Kashyap) का कहना है कि मंगलवार देर रात शुरू हुई बारिश बुधवार को भी जारी रही, जिसके चलते सभी परियोजनाओं में गाद आई है.
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा गाद गिरि और गुम्मा परियोजना में आई है, जहां गाद 7,000 एनटीओ के पार जा चुकी है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसे ही बारिश का दौर जारी रहा, तो पानी की सप्लाई करना मुश्किल हो जाएगा. गाद को घटने में समय लगता है, अगर बारिश ऐसे में जारी रही, तो पंपिग नही हो पाएगी.
उन्होंने कहा कि वीरवार को शहर भर में पानी की सप्लाई नहीं हो पाएगी, क्योंकि गाद आने के चलते बुधवार को जल परियोजनाओं में पंपिग ठप रही. वहीं, आने वाले कुछ दिनों के लिए पानी के शेड्यूल (water schedule) में भी बदलाव किया जा सकता है.
ऐजीएम राजेश कश्यप ने बताया कि भारी बारिश के चलते लगभग सभी परियोजनाओं में पंपिंग प्रभावित हुई है. ऐसे में सतलुज चाबा परियोजना से अतिरिक्त पानी खींचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि चाबा परियोजना की क्षमता 10 एमएलडी की है, ऐसे में लगातार पंपिंग की जा रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा पानी शहर को सप्लाई किया जा सके.
मशीन की क्षमता से ज्यादा आ रही गाद गिरी, गुम्मा परियोजना में गाद से निपटने के लिए प्लांट लगाया गया है. जिसकी मद्द से गाद को पानी से अलग किया जाता है, लेकिन गाद की मात्रा इतनी ज्यादा है कि टर्बिडिटी यूनिट भी काम नहीं कर पा रहा है. परियोजना में 4,000 एनटीयू की क्षमता का प्लांट लगाया गया है. बारिश के दौरान यहां पर गाद की मात्रा 9,000 से 11 हजार एनटीयू तक पहुंच जाती है. पानी में गाद होने के कारण लिफ्टिंग रोकनी पड़ती है. ऐसे में अक्सर भारी बारिश के बाद शिमला शहर में पानी की समस्या पैदा हो जाती है.
जल निगम ने बारिश के दौरान पानी को उबाल कर पीन की हिदायत दी है. एसजेपीएनएल के ऐजीएम राजेश कश्यप ने बताया कि बारिश के दिनों में पानी में टर्बिडिटी बढ़ जाती है. जिसके चलते पानी में बैक्टीरिया पनपने लगते है और इनकी संख्या भी बढ़ जाती है. ऐसे में बारिश के दौरान लोगों को पानी उबाल कर ही पीना चाहिए, ताकि बीमारी का कोई खतरा न रहे.
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