शिमला: जिला शिमला के कोटखाई में बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व मर्डर केस में आरोपी बनाए कुछ लोगों की बहाली के बाद ये मुद्दा और गर्मा गया है. शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मामले को लेकर चिंता जाहिर की है.
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार कांग्रेस के समय यह घटना घटी थी और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले को लेकर तीन दिन के अंदर एसआईटी का गठन कर आरोपियों को पकड़ने का काम किया था. उन्होंने कहा कि बाद में प्रदेश के लोगों की मांग पर मामला सीबीआई के पास भेजा गया.
विधायक ने कहा कि उस समय जो आरोपी बनाए गए थे और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन हाल ही में कुछ आरोपियों को बहाल किया गया है. जिसके खिलाफ लोगों में भारी रोष है, जो सड़कों पर देखने को मिल रहा है.
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अभी जो मेडिकल रिपोर्ट आई है, उसमें एक से ज्यादा आरोपी होने की बात सामने आई है, जिसको लेकर गुड़िया के परिजनों ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है. विक्रमादित्य ने कहा कि 2 साल पहले बीजेपी ने इस मुद्दे का राजनीतिकरण करके पूरा फायदा लिया.
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उस समय बड़े-बड़े राग अलाप कर जनता को गुमराह किया था और आज जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार है तो बीजेपी के राज में प्रदेश की महिलाओं पर उत्पीड़न के मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए, जिसके लिए सरकार गंभीर नहीं है.
उन्होंने कहा कि गुड़िया मामले की मुख्यमंत्री को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए, जिससे इस परिवार को न्याय मिल सके और लोगों का कानून और सरकार से विश्वास न उठे.
बता दें कि गुड़िया मर्डर केस में गुड़िया के परिजन भी मुख्यमंत्री से मिलकर केस के माध्यम से न्याय की मांग कर रहे हैं और विपक्ष भी मामले को लेकर सरकार को घरने की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है. इसके साथ ही विपक्ष भी गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए मुख्यमंत्री से मांग कर रहा है.