शिमला: नगर निगम शिमला की ओर से कारोबारियों को राहत न देने पर व्यापार मंडल मुखर हो गया है. साथ ही नगर निगम को अनशन की चेतावनी भी दे दी है. व्यापार मंडल का आरोप है कि कोरोना के चलते अधिकतर दुकानें चार माह तक बंद रही, लेकिन नगर निगम ने कूड़ा बिल दुकानदारों को थमा दिए हैं.
हालांकि नगर निगम शिमला ने छूट देने की बात कही थी, लेकिन बिल जमा करवाने को लेकर दुकानदारों पर दबाव बनाया जा रहा है. जिसे व्यापार मंडल किसी भी सूरत में बार्दस्त नहीं करेगा. व्यापार मंडल के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने कहा कि नगर निगम से कूड़ा बिल माफ करने को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपे थे और निगम ने आश्वासन भी दिया था. व्यापार मंडल की मांग को नजरअंदाज करते हुए अब दुकानदारों को बिल थमा दिए हैं.
इंद्रजीत सिंह ने कहा कि पहले ही कोरोना के चलते कारोबार चौपट हो गया है. दूसरी ओर नगर निगम व्यापारियों को राहत देने के बाजय अतिरिक्त बोझ डालने का काम कर रहा है, जिसे किसी भी सूरत में बार्दस्त नहीं करेगा ओर नगर निगम की इन व्यापारी विरोधी नीतियों के खिलाफ अब व्यापारमंडल भूख हड़ताल पर बैठेगा.
वहीं, व्यापार मंडल के महासचिव संजीव ठाकुर ने कहा कि नगर निगम ने तुगलकी फरमान जारी किया है और नगर निगम के किरायेदारों से ही अब सम्पति कर वसूलने जा रहे हैं जोकि तर्क संगत नहीं है. प्रॉपर्टी टैक्स मकान मालिक ही देता है न कि किरायादरों से टैक्स वसूला जाता है. व्यापारमंडल निगम के इस फैसले के खिलाफ अनशन पर बैठेगा.
बता दें नगर निगम ने शहर की अपनी 950 के करीब दुकानों का किराए के साथ ही किराएदारों से ही प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने का फैसला किया जिसके खिलाफ व्यापार मंडल विरोध में उतर आया है.
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