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आर्थिक पैकेज में पर्यटन को 'ठेंगा', होटल कारोबारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष - कोरोना वायरस

केंद्र सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबार के लिए कोई राहत ना होने को लेकर हिमाचल के पर्यटन कारोबारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष है.

Tourism did not get any relief from economic package
होटल कारोबारियों में सरकार के खिलाफ भारी रोष
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Published : May 20, 2020, 9:09 PM IST

शिमला: कोरोना की मार झेलती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. इस पैकज से हर वर्ग में उम्मीद की एक किरण जगी, लेकिन इस पैकेज में पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी इकाईयों, कारोबारियों और व्यापारियों को कोई आर्थिक राहत नहीं दी गई है.

आर्थिक पैकेज में पर्यटन को दरकिनार करने को लेकर पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों और व्यापारियों में खासा रोष है. प्रदेश के पर्यटन स्टैक होल्डर्स को इस समय सरकार से बेहद उम्मीद थी, लेकिन आर्थिक पैकेज में पर्यटन का जिक्र ना होने से उन्हें निराशा हाथ लगी है.

ऑल हिमाचल एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म फोरम के राज्य संयोजक मोहिंद्र सेठ ने कहा कि 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज दिया गया है. उसमें पर्यटन से जुड़े स्टेक होल्डर्स को बहुत आशा थी,लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस पैकेज में पर्यटन का नाम तक नहीं लिया गया जिससे हमें बहुत निराशा हुई है.

वीडियो रिपोर्ट

होटल कारोबारियों की मानें तो इस 20 लाख करोड़ के पैकेज में पर्यटन को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया. देश की जीडीपी में 10 फीसदी और हिमाचल की जीडीपी में करीब 7 फीसदी की हिस्सेदारी टूरिज्म सेक्टर की है. उस क्षेत्र को आर्थिक पैकेज में पूरी तरह से दरकिनार करना पर्यटन स्टेक होल्डर को खटक रहा है.

होटल कारोबारियों का कहना है कि सरकार बोल रही है कि वह वेतन देने के लिए लोन ले, लेकिन लोन व्यापार को बढ़ाने के लिए लिया जाता है. कारोबार पहले से बंद है और आमदनी नहीं हो रही है. ऐसे में सरकार से मांग है कि वह पर्यटन क्षेत्र को दोबारा पटरी पर लाने के लिए आर्थिक पैकेज का प्रावधान करें.

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि टूरिज्म हिमाचल की अर्थव्यवस्था में अहम हिस्सेदारी रखता है. लाखों परिवार पर्यटन से किसी ना किसी तरह जुड़े हैं. होटलों पर ताले लटके हैं और पर्यटको से गुलजार रहने वाली हिमाचल की वादियों में सन्नाटा पसरा है. ऐसे में पर्यटन कारोबारी राहत पैकेज में सीधी हिस्सेदारी ना मिलने से मायूस हैं.

शिमला: कोरोना की मार झेलती अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया. इस पैकज से हर वर्ग में उम्मीद की एक किरण जगी, लेकिन इस पैकेज में पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी इकाईयों, कारोबारियों और व्यापारियों को कोई आर्थिक राहत नहीं दी गई है.

आर्थिक पैकेज में पर्यटन को दरकिनार करने को लेकर पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों और व्यापारियों में खासा रोष है. प्रदेश के पर्यटन स्टैक होल्डर्स को इस समय सरकार से बेहद उम्मीद थी, लेकिन आर्थिक पैकेज में पर्यटन का जिक्र ना होने से उन्हें निराशा हाथ लगी है.

ऑल हिमाचल एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज्म फोरम के राज्य संयोजक मोहिंद्र सेठ ने कहा कि 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज दिया गया है. उसमें पर्यटन से जुड़े स्टेक होल्डर्स को बहुत आशा थी,लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस पैकेज में पर्यटन का नाम तक नहीं लिया गया जिससे हमें बहुत निराशा हुई है.

वीडियो रिपोर्ट

होटल कारोबारियों की मानें तो इस 20 लाख करोड़ के पैकेज में पर्यटन को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया. देश की जीडीपी में 10 फीसदी और हिमाचल की जीडीपी में करीब 7 फीसदी की हिस्सेदारी टूरिज्म सेक्टर की है. उस क्षेत्र को आर्थिक पैकेज में पूरी तरह से दरकिनार करना पर्यटन स्टेक होल्डर को खटक रहा है.

होटल कारोबारियों का कहना है कि सरकार बोल रही है कि वह वेतन देने के लिए लोन ले, लेकिन लोन व्यापार को बढ़ाने के लिए लिया जाता है. कारोबार पहले से बंद है और आमदनी नहीं हो रही है. ऐसे में सरकार से मांग है कि वह पर्यटन क्षेत्र को दोबारा पटरी पर लाने के लिए आर्थिक पैकेज का प्रावधान करें.

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि टूरिज्म हिमाचल की अर्थव्यवस्था में अहम हिस्सेदारी रखता है. लाखों परिवार पर्यटन से किसी ना किसी तरह जुड़े हैं. होटलों पर ताले लटके हैं और पर्यटको से गुलजार रहने वाली हिमाचल की वादियों में सन्नाटा पसरा है. ऐसे में पर्यटन कारोबारी राहत पैकेज में सीधी हिस्सेदारी ना मिलने से मायूस हैं.

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