शिमला: दुनिया भर में कोरोना वायरस से लोग परेशान हैं. वायरस से रोज लोगों की मौत हो रही है. जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है उसके कोरोना वायरस की चपेट में आने की संभावना होती है.
कोरोना को लेकर रोज नई थ्योरी सामने आ रही है. हिमाचल के हमीरपुर में दो ऐसे कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए है, जिनकी अभी तक कोई ऐसी हिस्ट्री सामने नहीं आई है. जिससे यह पता लगे वह कैसे संक्रमित हुए. दोनों कोरोना संक्रमित मरीज 35 से 40 दिनों तक अपने परिवार के संपर्क में रहे, लेकिन उनके परिवार के सभी सदस्य एवं उनके प्राइमरी संपर्क में आने वाले सभी लोग कोरोना नेगेटिव पाए गए हैं.
ऐसे में लोगों के जहन में कई सवाल खड़े हो गए कि रिपोर्ट तो गलत नहीं आ रही. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत ने आईजीएमसी में चेस्ट और टीबी विभाग के एचओडी डॉ. मलाया सरकार से बात की. उन्होंने खुलासा किया कि संकमण के लिए समय और डिस्टेंस बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमीरपुर वाले मामले में 3 फैक्टर हो सकते है. पहला की परिवार वाले संक्रमित व्यक्ति के साथ 3 से 13 मिनट से भी कम समय तक सम्पर्क में रहे हों.
कई देशों में यह सामने आया है कि जो व्यक्ति संक्रमित के साथ 3 से 13 मिनट से ज्यादा समय तक साथ रहा वही पीड़ित हुआ, दूसरा यह हो सकता है कि उन्होंने मास्क लगा के रखा हो और सावधानी बरती हों. डॉ मलाया सरकार ने बताया कि सबसे अहम है 5 से 14 दिन का समय. कई बार संक्रमण का पता देरी से लगता है. इस लिए उनके परिजनों का टेस्ट 14 दिन के बाद फिर से करना चाहिए. उनका कहना था कि रिपोर्ट गलत नहीं होती. कोरोना संक्रमण में समय का बड़ा महत्व होता है.