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ओवैसी ने पीएम मोदी को दिया जवाब, बोले- चादर भेजने से कुछ नहीं होने वाला - OWAISI ON PM MODI

असदुद्दीन ओवैसी ने अलग-अलग मस्जिदों की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा- अगर पीएम चाहते तो ये सब रुक सकता है.

PTI and ANI
PM मोदी पर भड़के ओवैसी ((X/@KirenRijiju) and ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 4, 2025, 6:02 PM IST

हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू को अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेजने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. ओवैसी ने जोर देकर कहा कि इस मामले में प्रतीकात्मक भाव से ज्यादा जरूरी है, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी संगठनों द्वारा देश भर में दरगाहों और मस्जिदों को लेकर विवाद खड़े किए जा रहे हैं.

ओवैसी ने कहा, "चादर भेजने से कुछ नहीं होने वाला है. भाजपा, संघ परिवार और पूरे देश में उनके संगठन अदालतों में जा रहे हैं और यह मांग कर रहे हैं कि यहां-वहां खुदाई होनी चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "वे कह रहे हैं कि यह मस्जिद नहीं है, वह दरगाह नहीं है... अगर प्रधानमंत्री चाहें तो यह सब बंद हो सकता है. पिछले दस सालों से बीजेपी की सरकार है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं... देश में 7 से ज्यादा मस्जिदों और दरगाहों को लेकर विवाद चल रहे हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में जहां बीजेपी सत्ता में है और जहां से प्रधानमंत्री सांसद हैं."

ओवैसी ने जोर देकर कहा कि चादर चढ़ाने के प्रतीकात्मक कार्य से ज़्यादा ज़रूरी है, मुसलमानों के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों को संबोधित करना. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के अंतर्गत मस्जिदों और दरगाहों पर लगातार हमले हो रहे हैं.

लद्दाख में काउंटी बनाने पर ली चुटकी: ओवैसी ने चीन द्वारा लद्दाख में दो काउंटी बनाने पर भी चुटकी ली. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार चीन से भयभीत है और केवल निवेश के लिए उससे पैसे चाहती है.

संभल हिंसा पर भी बोले ओवैसी: इसके अतिरिक्त, ओवैसी ने संभल में हाल ही में हुई हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन एक विशेष समुदाय को खुलकर निशाना बना रहा है. उन्होंने कहा, "आपको न्याय सुनिश्चित करने की ज़रूरत है, न कि उन पर अत्याचार करने की." उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि क्या पुलिस चौकियों को स्थापित करने के लिए कोई परमिट जारी किया गया था.

रिजिजू ने दोहराया भाईचारे का संदेश: रिजिजू ने कहा था कि वह दरगाह आने के लिए 'भाग्यशाली' महसूस कर रहे हैं और उन्होंने पीएम मोदी के 'भाईचारे' के संदेश को दोहराया था. रिजिजू ने कहा था, "हम यहां आने के लिए भाग्यशाली हैं. हम पीएम मोदी की ओर से चादर लेकर आए हैं. मैंने पीएम मोदी का संदेश भी पढ़ा कि हम सभी भाईचारे की भावना से अपने समाज, देश और विश्व शांति के लिए काम करेंगे. हमने यहां दुआ मांगी..."

रिजिजू ने दिल्ली में हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया दरगाह का भी दौरा किया था, जहां उन्होंने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के साथ चादर चढ़ाई थी. सिद्दीकी ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी का भाईचारे और देश में शांति का संदेश लेकर आए हैं.

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ओवैसी ने कहा, "चादर भेजने से कुछ नहीं होने वाला है. भाजपा, संघ परिवार और पूरे देश में उनके संगठन अदालतों में जा रहे हैं और यह मांग कर रहे हैं कि यहां-वहां खुदाई होनी चाहिए." उन्होंने आगे कहा, "वे कह रहे हैं कि यह मस्जिद नहीं है, वह दरगाह नहीं है... अगर प्रधानमंत्री चाहें तो यह सब बंद हो सकता है. पिछले दस सालों से बीजेपी की सरकार है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं... देश में 7 से ज्यादा मस्जिदों और दरगाहों को लेकर विवाद चल रहे हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में जहां बीजेपी सत्ता में है और जहां से प्रधानमंत्री सांसद हैं."

ओवैसी ने जोर देकर कहा कि चादर चढ़ाने के प्रतीकात्मक कार्य से ज़्यादा ज़रूरी है, मुसलमानों के विरुद्ध हो रहे अत्याचारों को संबोधित करना. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के अंतर्गत मस्जिदों और दरगाहों पर लगातार हमले हो रहे हैं.

लद्दाख में काउंटी बनाने पर ली चुटकी: ओवैसी ने चीन द्वारा लद्दाख में दो काउंटी बनाने पर भी चुटकी ली. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार चीन से भयभीत है और केवल निवेश के लिए उससे पैसे चाहती है.

संभल हिंसा पर भी बोले ओवैसी: इसके अतिरिक्त, ओवैसी ने संभल में हाल ही में हुई हिंसा पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन एक विशेष समुदाय को खुलकर निशाना बना रहा है. उन्होंने कहा, "आपको न्याय सुनिश्चित करने की ज़रूरत है, न कि उन पर अत्याचार करने की." उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि क्या पुलिस चौकियों को स्थापित करने के लिए कोई परमिट जारी किया गया था.

रिजिजू ने दोहराया भाईचारे का संदेश: रिजिजू ने कहा था कि वह दरगाह आने के लिए 'भाग्यशाली' महसूस कर रहे हैं और उन्होंने पीएम मोदी के 'भाईचारे' के संदेश को दोहराया था. रिजिजू ने कहा था, "हम यहां आने के लिए भाग्यशाली हैं. हम पीएम मोदी की ओर से चादर लेकर आए हैं. मैंने पीएम मोदी का संदेश भी पढ़ा कि हम सभी भाईचारे की भावना से अपने समाज, देश और विश्व शांति के लिए काम करेंगे. हमने यहां दुआ मांगी..."

रिजिजू ने दिल्ली में हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया दरगाह का भी दौरा किया था, जहां उन्होंने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के साथ चादर चढ़ाई थी. सिद्दीकी ने कहा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी का भाईचारे और देश में शांति का संदेश लेकर आए हैं.

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