शिमला: प्रदेश के स्कूलों में छात्राएं अपने साथ होने वाली किसी भी तरह की छेड़छाड़ की शिकायत सीधे स्कूल प्रिंसिपल को कर सकेंगी. अगर छात्राएं अपने साथ होने वाली छेड़छाड़ के बारे में शिक्षकों और अपने माता-पिता को नहीं बता पा रही है तो छात्राएं इस शिकायत को लिख कर स्कूल में लगने वाले पोक्सो बॉक्स में डाल सकती है.
इस बॉक्स में जितनी भी शिकायतें होंगी वह सीधे स्कूल प्रिंसिपल के पास ही जाएंगी. बॉक्स को हफ्ते में एक बार स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल हेड के सामने खोला जाएगा. इस बॉक्स में जितनी भी शिकायतें होंगीं उनपर स्कूलों के प्रिंसिपल खुद संज्ञान लेंगे.
प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से शिमला जिले की वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टिक्कर में छात्राओं के साथ हुई यौन उत्पीड़न की घटना के बाद यह फैसला लिया है. शिक्षा विभाग चाह रहा है कि इस तरह की घटनाओं पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके. साथ ही छात्राएं अपने साथ होने वाली इन घटनाओं की जानकारी इस बॉक्स के माध्यम से दे सकें. इस कार्य को समग्र शिक्षा अभियान के तहत किया जाएगा. समग्र शिक्षा के तहत ही यह बॉक्स स्कूलों में लगाए जाएंगे. पोक्सो बॉक्स स्कूल में लगाने के साथ ही इस तरह के यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के मामलों की शिकायत कहां करनी है छात्राओं को इस स्थिति में कहां से सहायता मिलेगी. इसके लिए हेल्पलाइन नंबरों से छात्रों को अवगत करवाया जाएगा. सभी तरह के हेल्पलाइन नंबर छात्रों की सुविधा के लिए स्कूल की दीवारों पर ही लिखे जाएंगे.
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि स्कूल में पोक्सो बॉक्स लगाने का फैसला विभाग की ओर से लिया गया है. समग्र शिक्षा इस कार्य को पूरा करेगी. इसके साथ ही स्कूल की दीवारों पर हेल्पलाइन नंबर जिसमें पुलिस, चाइल्ड हेल्प लाइन, शिक्षा अधिकारी, स्कूल प्रिंसिपल, हेड मास्टर, राज्य काउंसलिंग हेल्पलाइन, जिला उपायुक्त समेत अन्य सभी आवश्यक नंबर लिखें जाएंगे. इसके साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि जो पोक्सो बॉक्स स्कूलों में लगे है उसमें जो भी शिकायत हो उस पर कार्रवाई की जाए और इस तरह के मामलों को दबाया न जाए. अगर शिक्षा विभाग को मामलों को दबाने की जानकारी मिलती है तो विभाग की ओर से सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.