शिमलाः शुक्रवार को छात्र अभिभावक मंच ने शिमला स्थित दयानंद पब्लिक स्कूल की ओर से फीस बढ़ोतरी करने को लेकर शिक्षा निदेशालय के बाहर हल्ला बोला. छात्र अभिभावक मंच ने कोरोना काल के बीच स्कूल की ओर से लगातार फीस बढ़ोतरी करने और शिक्षा विभाग को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
नियमों का उल्लंघन कर रहा है स्कूल
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि स्कूल की ओर से फीस बढ़ोतरी कर 5 दिसंबर, 2019 की अधिसूचना का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है. शिक्षा विभाग के इस बारे में स्कूल से जवाब मांगने पर शिक्षा विभाग को स्कूल की ओर से गलत जवाब दिया गया. उन्होंने कहा कि दयानंद स्कूल की ओर से पीटीए की मंजूरी के बाद फीस बढ़ोतरी की बात कही जा रही है, जबकि शिक्षा निदेशालय ने आदेशों में स्पष्ट किया है कि पीटीए फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकती. फीस बढ़ोतरी के लिए जनरल हाउस बुलाया जाना जरूरी है, लेकिन जनरल हाउस नहीं बुलाया गया है और बिना जनरल हाउस की अनुमति के ही फीस बढ़ोतरी की जा रही है.
स्कूल को सरकार का संरक्षण प्राप्त
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि कोरोना के बीच बिना किसी डर के स्कूल की ओर से फीस बढ़ाई जा रही है. ऐसे में यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि स्कूल को सरकार का संरक्षण प्राप्त है. शिक्षा निदेशालय के आदेशों और बार-बार पत्र लिखने के बावजूद स्कूल की ओर से फीस में बढ़ोतरी की जा रही हैं.
कोरोना संकट में फीस बढ़ोतरी करना गलत
विजेंद्र मेहरा ने कहा कि स्कूल केवल 6 फीसदी की बढ़ोतरी की बात कर रहा है, जबकि असल में फीस में 50 फीसदी बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने कहा कि संकट के समय में जब लोगों के रोजगार चले गए. ऐसे समय में स्कूल की ओर से बेतहाशा फीस बढ़ोतरी करना सरासर गलत है.
सख्त कार्रवाई करने की मांग
वहीं, छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशक से इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि शिक्षा निदेशालय केवल पत्राचार कर ही अपना काम नहीं कर सकता, बल्कि शिक्षा निदेशालय को स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी होगी.
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