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रोप-वे प्रणाली के अध्ययन के लिए राज्य के प्रतिनिधिमंडल ने किया बोलीविया का दौरा - रोप-वे प्रणाली

प्रतिनिधिमण्डल ने पाया कि इस प्रकार की प्रणाली बहुत मजबूत है और यह अत्यधिक तापमान व तीव्र वायु गति का सामना कर सकती है और यह प्रणाली हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढके पर्वतों एवं दर्रां में वर्षभर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है.

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Published : May 27, 2019, 7:25 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने बोलीविया, स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया का दौरा किया. दौरे के दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने शहरी और ग्रामीण परिवहन के समाधान के लिए रोप-वे प्रणाली का अध्ययन कर विश्व की श्रेष्ठ रोप-वे कम्पनी की विनिर्माण इकाईयों का दौरा किया.

संजय कुंडू ने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने 16 मई को ऑल्टेन में स्विटजरलैंड के रोप-वे केबिन के निर्माता कैरोसेरी वर्के आरबर्ग (सीडब्ल्यूए) का दौरा किया. उन्होंने कहा कि इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1939 में हुई थी और बाद में यह डॉप्लेमर गारावेंटा समूह का हिस्सा बन गई. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने विनिर्माण इकाई के दौरे के दौरान सामग्री और विनिर्माण प्रक्रिया की गुणवत्ता का अध्ययन किया और विभिन्न एप्लीकेशनों के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के केबल कार केबिनों के बारे में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने सीडब्ल्यूए की प्रबंधन समिति तथा इंजीनियरों के साथ बैठक की और यात्रियों की सुरक्षा की गुणावत्ता के प्रति विश्वास व्यक्त किया.

shimla, state delegation, state delegation visited bolivia to study the rope ve system
राज्य के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य व सीएम जयराम

अतिरिक्त प्रधान सचिव ने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने ऑस्ट्रिया के वोलफर्ट में अगले दिन विश्व के सबसे बड़े रोप-वे विनिर्माता डोपेलमेयर गारवेंटा समूह के विनिर्माण यूनिट तथा मुख्य कार्यालय का दौरा किया. उन्होंने कहा कि यह समूह चेयर लिफ्ट, केबल कार, गोंडोल आदि का निर्माण करता है और 89 देशों में 14,600 से अधिक की स्थापना कर चुका है.

संजय कुंडू ने कहा कि प्रबंधन ने शहरी, ग्रामीण, दूरदराज और पर्यटन परिवहन के अनुकूल मोनोकेबल, बाईकेवल, ट्राईकेबल, स्काई लिफ्ट तथ केबल कार पर विस्तृत प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने रोप चालित परिवहन की विभिन्न एप्लीकेशनों के बारे में जाना और इसे हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में इसके प्रयोग पर परिचर्चा की गई. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने विनिर्माण इकाई का भी दौरा किया और रोप-वे के निर्माण की प्रत्येक प्रक्रिया को विस्तार से जाना.

संजय कुंडू ने कहा कि 18 मई को प्रतिनिधिमण्डल ने स्टेंस स्विटजरलैंड में डोपलमायर द्वारा स्थापित और कैब्रियो केबल कार कम्पनी द्वारा संचालित फनीक्यूलर व 3-एस रोप-वे का भी दौरा किया. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने इंजन/मशीन कक्ष का भी दौरा किया, मॉडल का अध्ययन किया और केबल कार की कार्यप्रणाली का बारिकी से निरीक्षण किया. कैब्रियो केबल कार की लम्बाई 2320 मीटर है और यह प्रति घंटा प्रति दिशा में 8 मीटर प्रति सैंकेड की गति से 465 व्यक्तियों को ले जाने की क्षमता रखती है.

प्रतिनिधिमण्डल ने पाया कि इस प्रकार की प्रणाली बहुत मजबूत है और यह अत्यधिक तापमान व तीव्र वायु गति का सामना कर सकती है और यह प्रणाली हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढके पर्वतों एवं दर्रां में वर्षभर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है. प्रतिनिधिमण्डल ने पाया कि रोप-पे प्रणाली पर्यटन उद्देश्यों और दूरदराज एवं दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में सालभर कनेक्टिविटी प्रदान करने, शहरी परिवहन और भीड़-भाड़ की समस्या का पूर्ण समाधान है. यह प्रणाली कम लागत, पर्यावरण के अनुकूल, कम स्थान लेने वाली है और इसका बहुत कम समय में निर्माण किया जा सकता है.

प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री और मुख्य सचिव को इस अध्ययन प्रवास के बारे में अवगत करवाया. प्रतिनिधिमण्डल ने बोलीविया के लापाज में अध्ययन दौरे के उपरान्त स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया में केबिन और रोप-वे निर्माण इकाईयों का दौरा किया.

ये भी पढ़ें- अज्ञात वाहन की चपेट में आए दो बाइक सवार, 1 की मौत, 1 गंभीर रूप से घायल

शिमला: मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने बोलीविया, स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया का दौरा किया. दौरे के दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने शहरी और ग्रामीण परिवहन के समाधान के लिए रोप-वे प्रणाली का अध्ययन कर विश्व की श्रेष्ठ रोप-वे कम्पनी की विनिर्माण इकाईयों का दौरा किया.

संजय कुंडू ने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने 16 मई को ऑल्टेन में स्विटजरलैंड के रोप-वे केबिन के निर्माता कैरोसेरी वर्के आरबर्ग (सीडब्ल्यूए) का दौरा किया. उन्होंने कहा कि इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1939 में हुई थी और बाद में यह डॉप्लेमर गारावेंटा समूह का हिस्सा बन गई. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने विनिर्माण इकाई के दौरे के दौरान सामग्री और विनिर्माण प्रक्रिया की गुणवत्ता का अध्ययन किया और विभिन्न एप्लीकेशनों के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के केबल कार केबिनों के बारे में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने सीडब्ल्यूए की प्रबंधन समिति तथा इंजीनियरों के साथ बैठक की और यात्रियों की सुरक्षा की गुणावत्ता के प्रति विश्वास व्यक्त किया.

shimla, state delegation, state delegation visited bolivia to study the rope ve system
राज्य के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य व सीएम जयराम

अतिरिक्त प्रधान सचिव ने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने ऑस्ट्रिया के वोलफर्ट में अगले दिन विश्व के सबसे बड़े रोप-वे विनिर्माता डोपेलमेयर गारवेंटा समूह के विनिर्माण यूनिट तथा मुख्य कार्यालय का दौरा किया. उन्होंने कहा कि यह समूह चेयर लिफ्ट, केबल कार, गोंडोल आदि का निर्माण करता है और 89 देशों में 14,600 से अधिक की स्थापना कर चुका है.

संजय कुंडू ने कहा कि प्रबंधन ने शहरी, ग्रामीण, दूरदराज और पर्यटन परिवहन के अनुकूल मोनोकेबल, बाईकेवल, ट्राईकेबल, स्काई लिफ्ट तथ केबल कार पर विस्तृत प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने रोप चालित परिवहन की विभिन्न एप्लीकेशनों के बारे में जाना और इसे हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में इसके प्रयोग पर परिचर्चा की गई. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने विनिर्माण इकाई का भी दौरा किया और रोप-वे के निर्माण की प्रत्येक प्रक्रिया को विस्तार से जाना.

संजय कुंडू ने कहा कि 18 मई को प्रतिनिधिमण्डल ने स्टेंस स्विटजरलैंड में डोपलमायर द्वारा स्थापित और कैब्रियो केबल कार कम्पनी द्वारा संचालित फनीक्यूलर व 3-एस रोप-वे का भी दौरा किया. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने इंजन/मशीन कक्ष का भी दौरा किया, मॉडल का अध्ययन किया और केबल कार की कार्यप्रणाली का बारिकी से निरीक्षण किया. कैब्रियो केबल कार की लम्बाई 2320 मीटर है और यह प्रति घंटा प्रति दिशा में 8 मीटर प्रति सैंकेड की गति से 465 व्यक्तियों को ले जाने की क्षमता रखती है.

प्रतिनिधिमण्डल ने पाया कि इस प्रकार की प्रणाली बहुत मजबूत है और यह अत्यधिक तापमान व तीव्र वायु गति का सामना कर सकती है और यह प्रणाली हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढके पर्वतों एवं दर्रां में वर्षभर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है. प्रतिनिधिमण्डल ने पाया कि रोप-पे प्रणाली पर्यटन उद्देश्यों और दूरदराज एवं दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में सालभर कनेक्टिविटी प्रदान करने, शहरी परिवहन और भीड़-भाड़ की समस्या का पूर्ण समाधान है. यह प्रणाली कम लागत, पर्यावरण के अनुकूल, कम स्थान लेने वाली है और इसका बहुत कम समय में निर्माण किया जा सकता है.

प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री और मुख्य सचिव को इस अध्ययन प्रवास के बारे में अवगत करवाया. प्रतिनिधिमण्डल ने बोलीविया के लापाज में अध्ययन दौरे के उपरान्त स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया में केबिन और रोप-वे निर्माण इकाईयों का दौरा किया.

ये भी पढ़ें- अज्ञात वाहन की चपेट में आए दो बाइक सवार, 1 की मौत, 1 गंभीर रूप से घायल

शिमला            

रोप-वे प्रणाली के अध्ययन के लिए राज्य के प्रतिनिधिमण्डल ने किया बोलीविया का दौरा
मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव संजय कुंडू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने बोलीविया, स्विटजरलैंड और ऑस्ट्रिया का दौरा किया। दौरे के दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने शहरी और ग्रामीण परिवहन के समाधान के लिए रोप-वे प्रणाली का अध्ययन कर विश्व की श्रेष्ठ रोप-वे कम्पनी की विनिर्माण इकाईयों का दौरा किया।
संजय कुंडू ने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने 16 मई को ऑल्टेन में स्विटज़रलैंड के रोप-वे केबिन के निर्माता कैरोसेरी वर्के आरबर्ग (सीडब्ल्यूए) का दौरा किया। उन्होंने कहा कि इस कंपनी की स्थापना वर्ष 1939 में हुई थी और बाद में यह डॉप्लेमर गारावेंटा समूह का हिस्सा बन गई। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने विनिर्माण इकाई के दौरे के दौरान सामग्री और विनिर्माण प्रक्रिया की गुणवत्ता का अध्ययन किया तथा विभिन्न एप्लीकेशनों के लिए उपयोग किए जाने वाले विभिन्न प्रकार के केबल कार केबिनों के बारे में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने सीडब्ल्यूए की प्रबंधन समिति तथा इंजीनियरों के साथ बैठक की और यात्रियों की सुरक्षा की गुणावत्ता के प्रति विश्वास व्यक्त किया।
अतिरिक्त प्रधान सचिव ने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने ऑस्ट्रिया के वोलफर्ट में अगले दिन विश्व के सबसे बड़े रोप-वे विनिर्माता डोपेलमेयर गारवेंटा समूह के विनिर्माण यूनिट तथा मुख्य कार्यालय का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यह समूह  चेयर लिफ्ट, केबल कार, गोंडोल आदि का निर्माण करता है और 89 देशों में 14,600 से अधिक की स्थापना कर चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रबंधन ने शहरी, ग्रामीण, दूरदराज तथा पर्यटन परिवहन के अनुकूल मोनोकेबल, बाईकेवल, ट्राईकेबल, स्काई लिफ्ट तथ केबल कार पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने रोप चालित परिवहन की विभिन्न एप्लीकेशनों के बारे में जाना और इसे हिमाचल प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में इसके प्रयोग पर परिचर्चा की गई। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने विनिर्माण इकाई का भी दौरा किया तथा रोप-वे के निर्माण की प्रत्येक प्रक्रिया को विस्तार से जाना।
संजय कुंडू ने कहा कि 18 मई को प्रतिनिधिमण्डल ने स्टेंस स्विटज़रलैंड में डोपलमायर द्वारा स्थापित तथा कैब्रियो केबल कार कम्पनी द्वारा संचालित फनीक्यूलर व 3-एस रोप-वे का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल ने इंजन/मशीन कक्ष का भी दौरा किया, मॉडल का अध्ययन किया तथा केबल कार की कार्यप्रणाली का बारिकी से निरीक्षण किया। कैब्रियो केबल कार की लम्बाई 2320 मीटर है और यह प्रति घंटा प्रति दिशा में 8 मीटर प्रति सैंकेड की गति से 465 व्यक्तियों को ले जाने की क्षमता रखती है।
प्रतिनिधिमण्डल ने पाया कि इस प्रकार की प्रणाली बहुत मजबूत है और यह अत्यधिक तापमान व तीव्र वायु गति का सामना कर सकती है और यह प्रणाली हिमाचल प्रदेश के बर्फ से ढके पर्वतों एवं दर्रां में वर्षभर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रयोग में लाई जा सकती है। प्रतिनिधिमण्डल ने पाया कि रोप-पे प्रणाली पर्यटन उद्देश्यों तथा दूरदराज एवं दुर्गम जनजातीय क्षेत्रों में सालभर कनेक्टिविटी प्रदान करने, शहरी परिवहन तथा भीड़-भाड़ की समस्या का पूर्ण समाधान है। यह प्रणाली कम लागत, पर्यावरण के अनुकूल, कम स्थान लेने वाली है और इसका बहुत कम समय में निर्माण किया जा सकता है।
प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री तथा मुख्य सचिव को इस अध्ययन प्रवास के बारे में अवगत करवाया।
प्रतिनिधिमण्डल ने बोलीविया के ला पाज़ में अध्ययन दौरे के उपरान्त स्विटज़रलैंड तथा ऑस्ट्रिया में केबिन और रोप-वे निर्माण इकाईयों का दौरा किया।  
प्रतिनिधिमण्डल के अन्य सदस्यों में प्रधान सचिव परिवहन जगदीश चन्द्र शर्मा, रोप-वे निगम के मुख्य महाप्रबन्धक अजय शर्मा, रोप-वे निगम के महाप्रबन्धक रोहित ठाकुर तथा वाटर एण्ड पावर कंस्लटेंसी सर्विसिज़ (वापकोस) के प्रबंधक प्रभाकर सती भी उपस्थित थे।

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