शिमला: नशा तस्करों के खिलाफ एक्शन, पासपोर्ट वेरिफिकेशन में शानदार काम और अन्य कई मोर्चों पर बेहतर प्रदर्शन करने वाली हिमाचल प्रदेश पुलिस (Himachal Pradesh Police) की सफलताओं की चमक को विवादों ने फीका कर दिया है.
हाल ही में कुल्लू में आला अफसरों के बीच हैरतअंगेज झड़प हुई और एक पुलिस कर्मी ने एसपी पर लातें बरसाईं, उससे हिमाचल पुलिस की छवि तार-तार हुई. यदि कुछ घटनाओं पर नजर डालें तो राज्य पुलिस का चेहरा कई जगह से बदरंग नजर आता है.
शिमला में एक एएसपी रैंक के अफसर पर महिला पुलिस कर्मी से यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगा. हैरानी की बात है कि उक्त अफसर जिला की यौन शिकायत निवारण कमेटी का मुखिया भी था.
महिला दिवस पर हिमाचल प्रदेश पुलिस (Himachal Pradesh Police) ने एक बेहतर आयोजन किया. उस आयोजन की सारी धुरी महिला पुलिस कर्मियों व अफसरों के इर्द-गिर्द थी, लेकिन आयोजन की किताब वीरांगना में भाजपा के लोगों के प्रयोग ने उसे विवादों में ला दिया.
बिना मास्क के अनुपम खेर के साथ डीजीपी व अन्य अफसर
हाल ही में अनुपम खेर शिमला आए तो हिमाचल पुलिस के आला अफसरों से मिले. डीजीपी संजय कुंडू का संबंध भी कश्मीर से जुड़ता है और अनुपम खेर भी कश्मीरी हैं. मुलाकात के बाद डीजीपी सहित अन्य अफसरों ने ग्रुप फोटो खिंचवाई तो कोरोना संकट के इस समय में भी सभी बिना मास्क के थे. उसके बाद पुलिस अफसरों की एक और फोटो आई, जिसमें सभी ने मास्क पहने थे. मात्र 24 घंटों में ही एक घटना के दो रूप दिखाई दिए.
लोग सवाल कर रहे थे कि बाहर पुलिस कर्मी बिना मास्क के घूम रहे लोगों के चालान काट रहे हैं और खुद कमरे के भीतर बिना मास्क के फोटो खिंचवा रहे हैं. यही नहीं, एक सामाजिक कार्यकर्ता ने तो मामला दर्ज करने की बात कह डाली.
उससे पूर्व की कुछ घटनाओं पर गौर करें तो पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी (DGP) से मिलने बाहर से एक व्यक्ति आया और वो बिना तय नियमों का पालन किए वापस भी लौट गया. बाद में उस व्यक्ति की मौत हुई और वो कोरोना पॉजिटिव भी था. उसके बाद डीजीपी भी होम क्वांरटाइन में रहे. इससे आला स्तर पर लापरवाही झलकती है.
प्रोफेशनल एप्रोच की कमी
फेसबुक पर पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह (Former CM Virbhadra Singh) की सेहत को लेकर कुछ फेक पोस्ट सर्कुलेट होती है. उसके बाद शिकायत मिलने पर पुलिस ने जब प्रेस नोट जारी किया तो उसमें वीरभद्र सिंह के नाम के आगे माननीय राजा जी लिखा था. यानी प्रोफेशनल एप्रोच नहीं दिखाई गई.
विभागीय प्रेस नोट की भाषा ऐसी नहीं होती है. अब कुल्लू वाले मामले ने तो सारा ही काम खराब कर दिया. पहले एसपी कुल्लू ने एएसपी और सीएम के सुरक्षा अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया और फिर हंगामे के बीच सीएम के सुरक्षा कर्मी ने एसपी रैंक के अफसर पर लातें बरसा दीं. इससे पता चलता है कि पुलिस बल में तनावपूर्ण स्थितियों में धैर्य खोने जैसी प्रवृति घर कर रही है.
काम से दबंग, लेकिन धैर्य की कमी
एसपी कुल्लू गौरव सिंह (SP Kullu Gaurav Singh) की गिनती काबिल अफसरों में होती है. बद्दी में उन्होंने खनन माफिया की कमर तोड़ दी थी. बाद में बद्दी में ही सीएम के काफिले के रूट में चूक के कारण उनका तबादला हुआ था. अब कुल्लू में भी यही मसला हुआ. एसपी गौरव सिंह व एएसपी बृजेश सूद में इसी बात पर झड़प हुई. यहां बता दें कि एसपी गौरव सिंह (SP Gaurav Singh) वही अफसर हैं, जिन्होंने ड्रग्स के इंटरनेशनल गैंग को पकड़ा था.
आईजी रैंक के अफसर जेल में
हिमाचल के बहुचर्चिच गुड़िया रेप एंड मर्डर मामले (Gudiya rape and murder case) से जुड़े हिरासत में मौत केस में आईजी रैंक के अफसर जहूर जैदी जेल में हैं. उनके साथ डीएसपी रैंक के अफसर सहित अन्य कर्मी भी कैद में है. तत्कालीन डीजीपी सोमेश गोयल ने गुड़िया केस को सुलझाने के लिए बड़ी उम्मीद से आईजी जहूर जैदी को एसआईटी का मुखिया बनाया.
'बेकसूर लोगों को पकड़ा और हिरासत में मारपीट की'
एसआईटी ने वाहवाही लूटने के लिए बेकसूर लोगों को पकड़ा और जुर्म कबूल करवाने के लिए हिरासत में मारपीट की. उससे सूरज नामक एक युवक की मौत हो गई. सीबीआई ने कॉल डिटेल आदि खंगालने के बाद पुख्ता सुबूतों के आधार पर आईजी जहूर जैदी व डीएसपी मनोज जोशी सहित अन्य कर्मियों को गिरफ्तार किया.
एसपी शिमला (SP Shimla) डीडब्ल्यू नेगी भी जेल में रहे. हाल ये है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुहार लगाने के बाद भी आईजी जैदी को जमानत के लिए तरसना पड़ रहा है. इससे साबित होता है कि सीबीआई के पास कितने पुख्ता सुबूत थे.
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