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अनलॉक-1 में पटरी पर नहीं लौटा शिमला का कारोबार, ग्राहकों का इंतजार कर रहे दुकानदार

राजधानी शिमला में पर्यटन से जुड़ा कारोबार बंद पड़ा है. वहीं, सरकार और प्रशासन ने जिन व्यवसायिक गतिविधियों को खोलने के आदेश दिए हैं, वे भी कमाई के लिए तरस रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते अनलॉक-1 में भी दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. दुकानदारों ने सरकार से कोरोना संकट के दौरान किराया, पानी के बिल, बिजली के बिलों में राहत देने की भी मांग की है.

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Published : Jun 30, 2020, 3:54 PM IST

शिमला: कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. एक ओर जहां कई व्यवसायिक गतिविधियां अभी शुरु ही नहीं हो पाई हैं. वहीं, जो व्यवसायिक गतिविधियां शुरु की गई हैं उनका कारोबार भी पटरी पर नहीं लौट पा रहा है. राजधानी शिमला में पर्यटन से जुड़ा कारोबार बंद पड़ा है. वहीं, सरकार और प्रशासन ने जिन व्यवसायिक गतिविधियों को खोलने के आदेश दिए हैं, वे भी कमाई के लिए तरस रहे हैं.

शहर में आवश्यक वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर भीड़-भाड़ देखी जा सकती है, लेकिन कपड़े, जूते, ढाबा और रेस्टोरेंट में नाममात्र के ग्राहक ही आ रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते अनलॉक-1 में भी दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में दुकानदार दुकानों को खोलने व बंद करने को लेकर असमंजस की स्थिति में है. दुकानदारों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक चीजों की खरीददारी के लिए ग्राहक आ रहे हैं, लेकिन उनकी कमाई का दस फीसदी भी कारोबार नहीं हो पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इलेक्ट्रॉनिक शॉप में काम करने वाले राजेश का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते 2 महीने कारोबार पूरी तरह से बंद रहा, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है लेकिन अब अनलॉक-1 में भी कारोबार पटरी पर नहीं लौट रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जैसे-जैसे सभी व्यवसायिक गतिविधियां पटरी पर लौटेगी वैसे-वैसे उनके कारोबार में भी वृद्धि होगी.

वहीं, कपड़े की दुकान में काम करने वाले हेमराज का कहना है कि आम दिनों की अपेक्षा इन दिनों 10% कारोबार ही हो पा रहा है, जिससे काम करने वाले पर सीधा असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अनलॉक-1 में कर्मचारियों को शिफ्टों के साथ काम पर बुलाया जा रहा है ताकि लोगों का रोजगार भी बचा रहे. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचना जरूरी है, लेकिन परिवार का पालन पोषण करने के लिए कारोबार करना भी जरूरी हो गया है. वहीं, उन्होंने सरकार से कोरोना संकट के दौरान किराया, पानी के बिल, बिजली के बिलों में राहत देने की भी मांग की है.

ये भी पढ़ें: शासन प्रशासन के विकास के दावे हवा-हवाई, झोंपड़ी में रह रहा परिवार

शिमला: कोरोना वायरस के चलते देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. एक ओर जहां कई व्यवसायिक गतिविधियां अभी शुरु ही नहीं हो पाई हैं. वहीं, जो व्यवसायिक गतिविधियां शुरु की गई हैं उनका कारोबार भी पटरी पर नहीं लौट पा रहा है. राजधानी शिमला में पर्यटन से जुड़ा कारोबार बंद पड़ा है. वहीं, सरकार और प्रशासन ने जिन व्यवसायिक गतिविधियों को खोलने के आदेश दिए हैं, वे भी कमाई के लिए तरस रहे हैं.

शहर में आवश्यक वस्तुओं और इलेक्ट्रॉनिक दुकानों पर भीड़-भाड़ देखी जा सकती है, लेकिन कपड़े, जूते, ढाबा और रेस्टोरेंट में नाममात्र के ग्राहक ही आ रहे हैं. कोरोना वायरस के चलते अनलॉक-1 में भी दुकानदार ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में दुकानदार दुकानों को खोलने व बंद करने को लेकर असमंजस की स्थिति में है. दुकानदारों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक चीजों की खरीददारी के लिए ग्राहक आ रहे हैं, लेकिन उनकी कमाई का दस फीसदी भी कारोबार नहीं हो पा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इलेक्ट्रॉनिक शॉप में काम करने वाले राजेश का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते 2 महीने कारोबार पूरी तरह से बंद रहा, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है लेकिन अब अनलॉक-1 में भी कारोबार पटरी पर नहीं लौट रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि जैसे-जैसे सभी व्यवसायिक गतिविधियां पटरी पर लौटेगी वैसे-वैसे उनके कारोबार में भी वृद्धि होगी.

वहीं, कपड़े की दुकान में काम करने वाले हेमराज का कहना है कि आम दिनों की अपेक्षा इन दिनों 10% कारोबार ही हो पा रहा है, जिससे काम करने वाले पर सीधा असर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अनलॉक-1 में कर्मचारियों को शिफ्टों के साथ काम पर बुलाया जा रहा है ताकि लोगों का रोजगार भी बचा रहे. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचना जरूरी है, लेकिन परिवार का पालन पोषण करने के लिए कारोबार करना भी जरूरी हो गया है. वहीं, उन्होंने सरकार से कोरोना संकट के दौरान किराया, पानी के बिल, बिजली के बिलों में राहत देने की भी मांग की है.

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