शिमलाः शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा सकती है डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली सैहब सोसायटी ने नगर निगम शिमला को 6 मई से आंदोलन पर जाने की चेतावनी दे दी है. सोसायटी वेलफेयर कर्मचारी यूनियन में 400 कर्मचारी है और हर रोज 40 हजार से अधिक घरों से कूड़ा एकत्रित करते हैं.
सैहब सोसायटी यूनियन काफी समय से निगम प्रशासन से 4-9-14 का वित्तीय लाभ जारी करने की मांग कर रहा है लेकिन निगम की ओर से अभी तक जारी नहीं किया गया है. ऐसे में यदि 2 दिन के भीतर नगर निगम वित्तीय लाभ नहीं डालता है तो 6 मई से सैहब कर्मचारी सफाई व्यवस्था को ठप करने की चेतावनी दे दी है.
प्रशासन को 2 दिन के भीतर लाभ जारी करने का दिया अल्टीमेटम
यूनियन के अध्यक्ष जसवंत ने कहा कि प्रशासन ने 31 मार्च तक एरियल सहित वित्तीय लाभ का भुगतान करने का आश्वासन दिया था लेकिन अप्रैल महीना भी बीत गया. अभी तक कर्मचारियों को लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे कर्मचारियों में खासा रोष है. ऐसे में प्रशासन को 2 दिन के भीतर लाभ जारी करने का अल्टीमेटम दिया है और यदि नहीं किया जाता है तो 6 मई से शहर में न तो घरों से कूड़ा उठाया जाएगा और न ही सफाई की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इससे पहले भी कई बार प्रशासन और कर्मचारियों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था जिसे प्रशासन ने यह कहकर सुलझा दिया था कि 30 मार्च तक प्रशासन इसका भुगतान कर देगा, लेकिन कर्मचारियों के लिए लाभ नहीं मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस को लेकर नगर निगम के आयुक्त और स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित पत्र दे दिया है.
कर्मचारियों को लाभ न मिलने से काम ठप करने की चेतावनी
बता दें शिमला शहर में डोर-टू-डोर हर रोज सैहब सोसाइटी के कर्मचारी कूड़ा उठाते हैं. नगर निगम ने इन कर्मचारियों को 2020 में वित्तीय लाभ देने का आश्वासन दिया था, लेकिन इन कर्मचारियों को लाभ न मिलने से इन्होंने काम ठप करने की चेतावनी दे दी है.
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