शिमला: एनएचएम के एमडी निपुण जिंदल ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के किए गए विश्लेषण के अनुसार दूसरी लहर पहली से अधिक घातक साबित हुई है. उन्होंने कहा कि पहली लहर के दौरान प्रदेश में मार्च, 2020 में कोविड का पहला मामला दर्ज होने के बाद से 23 फरवरी, 2021 तक 58,403 मामलों के मुकाबले दूसरी लहर में चार मई, 2021 तक 1,35,521 मामले दर्ज किए गए. पहली लहर में औसतन 171 मामले प्रतिदिन दर्ज किए गए जबकि दूसरी लहर में लगभग 8 गुना अधिक औसतन 1,342 मामले प्रतिदिन दर्ज किए गए.
अधिका घातक है कोरोना की दूसरी लहर
निपुण जिंदल ने कहा कि दूसरी लहर में मामलों की पाॅजिटिविटी दर बढ़ कर दोगुनी से भी अधिक हो गई है. दूसरी लहर में कोविड-19 के कारण 2,262 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई जबकि पहली लहर के दौरान 982 लोगों की मृत्यु हुई थी. प्रदेश में कोविड-19 से हुई कुल मृत्यु में से 69.7 प्रतिशत मृत्यु दूसरी लहर के दौरान हुई है. मरने वालों की औसतन आयु पहली लहर में 64.2 वर्ष थी, जबकि दूसरी लहर में यह औसतन आयु घट कर 61 वर्ष दर्ज की गई है. पहली लहर में मरने वालों में से लगभग 70 प्रतिशत लोग को-मॉर्बिडिटी से पीड़ित थे जबकि दूसरी लहर में मरने वालों में केवल 41.6 प्रतिशत लोग ही को-मॉर्बिडिटी से पीड़ित थे.
कोरोना के बाद भी फॉलो करें कोरोना नियम
निपुण जिंदल ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में 8.95 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु घर पर हुई जबकि पहली लहर में 5.09 प्रतिशत मरीजों का निधन घर पर हुआ. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड के मामलों और पाॅजिटिविटी दर में गिरावट आई है. गत पांच दिनों में प्रदेश में पाॅजिटिविटी दर लगभग 6 प्रतिशत दर्ज की गई है लेकिन टीकाकरण के साथ-साथ कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाते हुए सही ढंग से मास्क पहनना, हाथ धोना और परस्पर दूरी बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है.
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