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चंबा में सुचारू रूप से चल रहा भेड़ प्रजनकों का मौसमी प्रवास, 16 अप्रैल से शुरू होंगे पशु औषधालय

चंबा जिले में प्रवेश करने वाले 280 भेड़ समूहों को कवर किया गया है. राज्य सरकार ने पहले ही राज्य के प्रवासी भेड़ और पशु प्रजनकों जैसे कि गद्दी और गुज्जरों आदि को राशन आदि के अलावा अन्य सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है.

sheep breeders
चंबा में सुचारू रूप से चल रहा भेड़ प्रजनकों का मौसमी प्र.वास
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Published : Apr 15, 2020, 9:15 PM IST

शिमला: प्रदेश सरकर के अनुसार चंबा जिला में भेड़ प्रजनकों का मौसमी प्रवास सुचारू रूप से चल रहा है और विभाग ने पशु चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए थुलेल, खरगट, लाहरू, बेरांगल और कोटी में 5 ट्रांजिट शिविर स्थापित किए हैं और चंबा जिले में प्रवेश करने वाले 280 भेड़ समूहों को कवर किया गया है. चंबा में पशुधन के साथ गुज्जर समुदाय का प्रवास अभी शुरू नहीं हुआ है. वर्तमान में लॉकडाउन के चलते पशु चिकित्सा संस्थान नियमित पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और पशु चिकित्सा औषधालय आवश्यकता होने पर आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 16 अप्रैल, 2020 से पशु औषधालय भी खोले जाएंगे और विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पशु चिकित्सा दवाएं और टीके उपलब्ध हैं.

राज्य में घुमंतू लोगों को प्राथमिकता दी गई है और पशुधन की स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति दी गई है. राज्य सरकार ने पहले ही राज्य के प्रवासी भेड़ और पशु प्रजनकों जैसे कि गद्दी और गुज्जरों आदि को राशन आदि के अलावा अन्य सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. पशुपालन विभाग के अनुसार अब तक 500 प्रवासी पशुधन मालिकों से संपर्क किया जा चुका है, जो प्रवास पर हैं. सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा जिले में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को लगभग 150 राशन किट प्रदान किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रवासी पशु मालिकों ने अधिशेष पशुधन को बेचने से संबंधित कुछ समस्याएं सामने रखी थी, जिनका समाधान खुदरा दुकानें खुलने पर कर दिया जाएगा. राज्य दूध संघ और कामधेनु हितकारी मंच, नम्होल जिला बिलासपुर नियमित रूप से दूध का प्रसंस्करण कर रहे हैं. महासंघ की ओर से दूध की दैनिक खरीद लगभग 65,000 लीटर प्रति दिन से बढ़कर अब 80,000 लीटर प्रतिदिन हो गई है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिलों और राज्यों से चारे के परिवहन के लिए परमिट जारी किए जा रहे हैं और लॉकडाउन शुरू होने के बाद से राज्य में लगभग 35,000 क्विंटल सूखा चारा प्राप्त हुआ है.

28 पंचायतों को किया हॉटस्पॉट घोषित

चंबा जिले में गुज्जर समुदाय का प्रवास अभी शुरू नहीं हुआ है. 28 ग्राम पंचायतों को कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के लिए घोषित किया गया हैं,जिससे दूध की बिक्री प्रभावित हो रही है. इन क्षेत्रों के लोगों को अधिशेष दूध से घी, पनीर आदि उत्पाद तैयार करने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि विभाग को राज्य के अन्य जिलों से गद्दी और गुज्जरों की समस्याओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली हैं. जिला कांगड़ा में पशुपालन विभाग के उप निदेशक को राज्य और राज्य के बाहर चारे के परिवहन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से 168 ट्रक गेहूं का भूसा, जानवरों का चारा, हरा घास लाया जा चुका है. जिला कांगड़ा में चारे के अंतर्राज्यीय और राज्यीय परिवहन के लिए 450 परमिट जारी किए गए हैं. गौ सदनों को गेहूं के भूसे और चारे के लिए 12,39,660 रुपये प्रदान किए गए हैं. इसके अतिरिक्त गौ सदनों में एक महीने के चारे की उपलब्धता के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष अतिरिक्त राशि के लिए प्रस्ताव रखा गया है.

शिमला: प्रदेश सरकर के अनुसार चंबा जिला में भेड़ प्रजनकों का मौसमी प्रवास सुचारू रूप से चल रहा है और विभाग ने पशु चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए थुलेल, खरगट, लाहरू, बेरांगल और कोटी में 5 ट्रांजिट शिविर स्थापित किए हैं और चंबा जिले में प्रवेश करने वाले 280 भेड़ समूहों को कवर किया गया है. चंबा में पशुधन के साथ गुज्जर समुदाय का प्रवास अभी शुरू नहीं हुआ है. वर्तमान में लॉकडाउन के चलते पशु चिकित्सा संस्थान नियमित पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और पशु चिकित्सा औषधालय आवश्यकता होने पर आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 16 अप्रैल, 2020 से पशु औषधालय भी खोले जाएंगे और विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में पशु चिकित्सा दवाएं और टीके उपलब्ध हैं.

राज्य में घुमंतू लोगों को प्राथमिकता दी गई है और पशुधन की स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति दी गई है. राज्य सरकार ने पहले ही राज्य के प्रवासी भेड़ और पशु प्रजनकों जैसे कि गद्दी और गुज्जरों आदि को राशन आदि के अलावा अन्य सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है. पशुपालन विभाग के अनुसार अब तक 500 प्रवासी पशुधन मालिकों से संपर्क किया जा चुका है, जो प्रवास पर हैं. सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा जिले में स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को लगभग 150 राशन किट प्रदान किए गए हैं.

उन्होंने कहा कि प्रवासी पशु मालिकों ने अधिशेष पशुधन को बेचने से संबंधित कुछ समस्याएं सामने रखी थी, जिनका समाधान खुदरा दुकानें खुलने पर कर दिया जाएगा. राज्य दूध संघ और कामधेनु हितकारी मंच, नम्होल जिला बिलासपुर नियमित रूप से दूध का प्रसंस्करण कर रहे हैं. महासंघ की ओर से दूध की दैनिक खरीद लगभग 65,000 लीटर प्रति दिन से बढ़कर अब 80,000 लीटर प्रतिदिन हो गई है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिलों और राज्यों से चारे के परिवहन के लिए परमिट जारी किए जा रहे हैं और लॉकडाउन शुरू होने के बाद से राज्य में लगभग 35,000 क्विंटल सूखा चारा प्राप्त हुआ है.

28 पंचायतों को किया हॉटस्पॉट घोषित

चंबा जिले में गुज्जर समुदाय का प्रवास अभी शुरू नहीं हुआ है. 28 ग्राम पंचायतों को कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के लिए घोषित किया गया हैं,जिससे दूध की बिक्री प्रभावित हो रही है. इन क्षेत्रों के लोगों को अधिशेष दूध से घी, पनीर आदि उत्पाद तैयार करने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि विभाग को राज्य के अन्य जिलों से गद्दी और गुज्जरों की समस्याओं की कोई रिपोर्ट नहीं मिली हैं. जिला कांगड़ा में पशुपालन विभाग के उप निदेशक को राज्य और राज्य के बाहर चारे के परिवहन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.

उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से 168 ट्रक गेहूं का भूसा, जानवरों का चारा, हरा घास लाया जा चुका है. जिला कांगड़ा में चारे के अंतर्राज्यीय और राज्यीय परिवहन के लिए 450 परमिट जारी किए गए हैं. गौ सदनों को गेहूं के भूसे और चारे के लिए 12,39,660 रुपये प्रदान किए गए हैं. इसके अतिरिक्त गौ सदनों में एक महीने के चारे की उपलब्धता के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष अतिरिक्त राशि के लिए प्रस्ताव रखा गया है.

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