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जनता को सरकार की सौगात, जानिए कौन सी योजनाओं से हो रहा लाभ

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Published : Jul 7, 2021, 10:52 PM IST

हिमाचल सरकार ने बुजुर्गों का सम्मान करते हुए वृद्धा पेंशन योजना शुरू की है. सरकार द्वारा वृद्धा पेंशन के लिए न्यूनतम आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया. 2,90,194 से अधिक लाभार्थिओं को प्रति महीने 1500 रुपए की पेंशन प्रदान की जा रही है. इस योजना के लिए सरकार ने गत दो वर्षों में लगभग 1,180 करोड़ धन व्यय किया है. सरकार की बाकी योजनाओं के बारे में जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें.

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शिमला: कोरोना संक्रमण के इस काल में जहां सैंकड़ों परिवारों को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, उस समय प्रदेश की जयराम सरकार ने सामाजिक सरोकार की योजनाएं शुरू कर लोगों को सहारा दिया है.

राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना के अंतर्गत लाने को अनुमति प्रदान की ताकि उन्हें प्रतिमाह 1500 रुपए की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके. बैठक में आशा कार्यकर्ताओं का वर्तमान में दिए जा रहे अतिरिक्त मानदेय को 2000 रुपए से बढ़ाकर 2,750 रुपए प्रति महीने करने का निर्णय लिया गया जिससे राज्य की लगभग 7,964 आशा कार्यकर्ता लाभान्वित होंगी. बैठक में निर्णय लिया गया कि अनाथ बच्चों और 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को बिना प्रीमियम हिमकेयर योजना के अन्तर्गत लाया जाएगा. इससे 1,500 अनाथ बच्चे और 70 वर्ष से अधिक आयु वाले 16,304 वरिष्ठजन लाभान्वित होंगे. इसके अलावा भी प्रदेश सरकार कई योजनाओं के माध्यम से इस संकट काल में लोगों को सहारा प्रदान कर रहे हैं.

हिमाचल सरकार ने बुजुर्गों का सम्मान करते हुए वृद्धा पेंशन योजना शुरू की है. सरकार द्वारा वृद्धा पेंशन के लिए न्यूनतम आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया. 2,90,194 से अधिक लाभार्थियों को प्रति महीने 1500 रुपए की पेंशन प्रदान की जा रही है. इस योजना के लिए सरकार ने गत दो वर्षों में लगभग 1,180 करोड़ धन व्यय किया है. सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. सरकार ने गत ढाई वर्षों में पेंशन राशि और पेंशनधारकों की वृद्धि के लिए कारगर कदम उठाए.

राज्य सरकार ने कोरोना संकट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का त्रैमासिक अग्रिम भुगतान किया जिससे प्रदेश के कमजोर वर्गों को काफी राहत मिली है. प्रदेश में कुल 57,7,604 सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारक हैं जिनके लिए प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपये व्यय किए जाते हैं. प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्धन एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को भवन निर्माण के लिए 1.50 लाख की राशि प्रदान की जा रही है. अब तक इस योजना के लाभार्थियों का आंकड़ा 4,618 से अधिक हो गया है.

सरकार ने इस वर्ष 10,000 मकानों को बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. हिमाचल सरकार ने आयुष्मान भारत योजना से शेष बचे परिवारों को 5 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य सुरक्षा सुविधा प्रदान करने के लिए हिम केयर योजना शुरू की है. इस योजना के अंतर्गत अब तक 5,50,000 से अधिक परिवार पंजीकृत हो गए हैं. इसके अतिरिक्त 1 लाख से अधिक परिवारों को योजना का लाभ भी प्राप्त हो चुका है जिस पर सरकार द्वारा 85 करोड़ की राशि व्यय की गई है.

हिमाचल सरकार द्वारा गंभीर बीमारियों पार्किन्सन, मलाईन्ड कैंसर, अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हैमोफिलिया और थेलेसेमिया इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 से सहारा योजना को शुरू किया गया है. योजना के अंतर्गत उपरोक्त बीमारियों से ग्रसित लोगों को 2,000 रुपए प्रति महीने का वित्तीय लाभ दिया जा रहा है जिसे अब बढ़ाकर 3000 रुपए किया गया है. इस योजना के अंतर्गत 9,147 से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं.

हिमाचल सरकार अटल वर्दी योजना के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष दो वर्दियां प्रदान कर रही है. वर्ष 2018-19 से इस योजना के अंतर्गत कक्षा पहली से बाहरवीं तक के 8,30,945 विद्यार्थियों को निशुल्क स्कूल वर्दी दी जा चुकी है जिसमें 73.50 करोड़ का व्यय हुआ है. इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कक्षा पहली, छठी और 9वीं के 2,56,514 विद्यार्थियों को 7.84 करोड़ की लागत से 2,56,514 स्कूल बैग भी वितरित किए गए हैं. हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बेसहारा एवं निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. योजना के अंतर्गत अब तक 2,268 परिवारों को 9.92 करोड़ रुपए व्यय करके लाभान्वित किया गया है.

हिमाचल सरकार 'बेटी है अनमोल योजना' के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों में जन्मी दो बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 12,000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है. इस योजना के अंतर्गत अब तक 46,401 लोगों को 12.63 करोड़ रुपए खर्च करके लाभान्वित किया गया है. इस योजना के अन्तर्गत नवजात शिशु की जांच एवं इलाज के लिए राज्य के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

योजना के अन्तर्गत अब तक 77,000 से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया गया है. प्रदेश सरकार ने राज्य के निर्धन परिवारों की सहायता हेतु मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष स्थापित किया है जो परिवार किसी बीमारी से ग्रसित हो और धन के अभाव से अपना उपचार न करवा पा रहा हो, उसे इस कोष के तहत राहत राशि प्रदान की जाती है. अब तक इस कोष के अंतर्गत 513 परिवार लाभान्वित हो चुके हैं. इसके लिए 7.16 करोड़ की राशि व्यय की गई है.

ये भी पढ़ें: CM जयराम की अनुराग ठाकुर को बधाई, PM मोदी का जताया आभार

शिमला: कोरोना संक्रमण के इस काल में जहां सैंकड़ों परिवारों को दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, उस समय प्रदेश की जयराम सरकार ने सामाजिक सरोकार की योजनाएं शुरू कर लोगों को सहारा दिया है.

राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों को मुख्यमंत्री बाल उद्धार योजना के अंतर्गत लाने को अनुमति प्रदान की ताकि उन्हें प्रतिमाह 1500 रुपए की अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके. बैठक में आशा कार्यकर्ताओं का वर्तमान में दिए जा रहे अतिरिक्त मानदेय को 2000 रुपए से बढ़ाकर 2,750 रुपए प्रति महीने करने का निर्णय लिया गया जिससे राज्य की लगभग 7,964 आशा कार्यकर्ता लाभान्वित होंगी. बैठक में निर्णय लिया गया कि अनाथ बच्चों और 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को बिना प्रीमियम हिमकेयर योजना के अन्तर्गत लाया जाएगा. इससे 1,500 अनाथ बच्चे और 70 वर्ष से अधिक आयु वाले 16,304 वरिष्ठजन लाभान्वित होंगे. इसके अलावा भी प्रदेश सरकार कई योजनाओं के माध्यम से इस संकट काल में लोगों को सहारा प्रदान कर रहे हैं.

हिमाचल सरकार ने बुजुर्गों का सम्मान करते हुए वृद्धा पेंशन योजना शुरू की है. सरकार द्वारा वृद्धा पेंशन के लिए न्यूनतम आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया. 2,90,194 से अधिक लाभार्थियों को प्रति महीने 1500 रुपए की पेंशन प्रदान की जा रही है. इस योजना के लिए सरकार ने गत दो वर्षों में लगभग 1,180 करोड़ धन व्यय किया है. सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है. सरकार ने गत ढाई वर्षों में पेंशन राशि और पेंशनधारकों की वृद्धि के लिए कारगर कदम उठाए.

राज्य सरकार ने कोरोना संकट में सामाजिक सुरक्षा पेंशन का त्रैमासिक अग्रिम भुगतान किया जिससे प्रदेश के कमजोर वर्गों को काफी राहत मिली है. प्रदेश में कुल 57,7,604 सामाजिक सुरक्षा पेंशन धारक हैं जिनके लिए प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपये व्यय किए जाते हैं. प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्धन एवं प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों को भवन निर्माण के लिए 1.50 लाख की राशि प्रदान की जा रही है. अब तक इस योजना के लाभार्थियों का आंकड़ा 4,618 से अधिक हो गया है.

सरकार ने इस वर्ष 10,000 मकानों को बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. हिमाचल सरकार ने आयुष्मान भारत योजना से शेष बचे परिवारों को 5 लाख रुपए तक की स्वास्थ्य सुरक्षा सुविधा प्रदान करने के लिए हिम केयर योजना शुरू की है. इस योजना के अंतर्गत अब तक 5,50,000 से अधिक परिवार पंजीकृत हो गए हैं. इसके अतिरिक्त 1 लाख से अधिक परिवारों को योजना का लाभ भी प्राप्त हो चुका है जिस पर सरकार द्वारा 85 करोड़ की राशि व्यय की गई है.

हिमाचल सरकार द्वारा गंभीर बीमारियों पार्किन्सन, मलाईन्ड कैंसर, अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हैमोफिलिया और थेलेसेमिया इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाओं के लाभ की आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 से सहारा योजना को शुरू किया गया है. योजना के अंतर्गत उपरोक्त बीमारियों से ग्रसित लोगों को 2,000 रुपए प्रति महीने का वित्तीय लाभ दिया जा रहा है जिसे अब बढ़ाकर 3000 रुपए किया गया है. इस योजना के अंतर्गत 9,147 से अधिक नागरिक लाभान्वित हो चुके हैं.

हिमाचल सरकार अटल वर्दी योजना के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष दो वर्दियां प्रदान कर रही है. वर्ष 2018-19 से इस योजना के अंतर्गत कक्षा पहली से बाहरवीं तक के 8,30,945 विद्यार्थियों को निशुल्क स्कूल वर्दी दी जा चुकी है जिसमें 73.50 करोड़ का व्यय हुआ है. इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा कक्षा पहली, छठी और 9वीं के 2,56,514 विद्यार्थियों को 7.84 करोड़ की लागत से 2,56,514 स्कूल बैग भी वितरित किए गए हैं. हिमाचल सरकार मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बेसहारा एवं निर्धन परिवारों की बेटियों की शादी के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. योजना के अंतर्गत अब तक 2,268 परिवारों को 9.92 करोड़ रुपए व्यय करके लाभान्वित किया गया है.

हिमाचल सरकार 'बेटी है अनमोल योजना' के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों में जन्मी दो बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 12,000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है. इस योजना के अंतर्गत अब तक 46,401 लोगों को 12.63 करोड़ रुपए खर्च करके लाभान्वित किया गया है. इस योजना के अन्तर्गत नवजात शिशु की जांच एवं इलाज के लिए राज्य के सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थानों में मुफ्त सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है.

योजना के अन्तर्गत अब तक 77,000 से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया गया है. प्रदेश सरकार ने राज्य के निर्धन परिवारों की सहायता हेतु मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष स्थापित किया है जो परिवार किसी बीमारी से ग्रसित हो और धन के अभाव से अपना उपचार न करवा पा रहा हो, उसे इस कोष के तहत राहत राशि प्रदान की जाती है. अब तक इस कोष के अंतर्गत 513 परिवार लाभान्वित हो चुके हैं. इसके लिए 7.16 करोड़ की राशि व्यय की गई है.

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