कुल्लू: रोहतांग दर्रे पर भारी बर्फबारी होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां साढ़े तीन फीट बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है. रोहतांग दर्रा बंद होने से अब आवाजाही के लिए निर्माणाधीन रोहतांग टनल पर लोगों की नजरें टिकी हैं.
वहीं, लाहौल घाटी में अभी भी सेब की फसल फसी है. लाहौल के कई लोग कुल्लू और मनाली में फंसे हुए है. बताया जा रहा है कि दुकानदारों का राशन का कोटा भी अभी लाहौल नहीं पहुंचा है. ऐसे में अब जनजातीय लोग रोहतांग टनल से आवाजाही की आस लगाए बैठे है.
वहीं, रोहतांग टनल प्रोजेक्ट प्रबंधन पहले ही कह चुका है कि आपात स्थिति में मरीजों को टनल से होकर आवाजाही की अनुमति दी जाएगी, लेकिन आम जनता को यह अनुमति मिलेगी या नहीं इस पर अभी संशय बना हुआ है. टनल के भीतर इन दिनों सिविल और इलेक्ट्रिकल काम चल रहा है.
रोहतांग दर्रा के दोनों ओर फंसे लोगों को उम्मीद है कि रोहतांग दर्रा नहीं खुलने की स्थिति में टनल से आवाजाही की अनुमति मिलेगी. हालांकि बर्फबारी के कारण रोहतांग टनल के नॉर्थ और साउथ पोर्टल तक ताजा हिमपात के बाद पहुंचना कठिन हो गया है.
पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रिगजिन हायरप्पा, पूर्व बीडीसी सदस्य अनिल सहगल, पूर्व पंचायत प्रधान संघ के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने जिला प्रशासन के माध्यम से टनल प्रबंधन से रोहतांग दर्रा बंद होने पर सुरंग से आवाजाही की मांग की है. उन्होंने कहा कि अभी लाहौल के कई लोग कुल्लू-मनाली में फंसे हैं, जबकि घाटी में फसी सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाया जाना है.
उपायुक्त केके सरोच ने कहा कि टनल होकर आवाजाही के लिए जिला प्रशासन बीआरओ के संपर्क में है. रोहतांग टनल के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर केपी पुरुषोतमन ने कहा कि हालात का जायजा लेने के बाद ही इस मसले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.