शिमला: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना पर काबू पाने के लिए देश भर में लॉकडाउन लागू है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में लॉकडाउन के साथ ही कर्फ्यू भी लागू है. ऐसे में प्रदेश में छोटे-मोटे व्यावसायियों और कारोबारियों की परेशानी बढ़ गई है. कोरोना वायरस के चलते घोड़ा चालकों की भी परेशानी बढ़ गई है.
शिमला में घुड़सवारी करा कर रिज मैदान की सैर कराने वाले घुड़सवारों पर कोरोना के चलते रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. हालत यह है कि न इनके पास घोड़ों को खिलाने के लिए चारा और चना है न परिवार का पालन पोषण करने के लिए अनाज बचा है. लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते ऐसा कितने दिन रहेगा कहना मुश्किल है. घोड़ा संचालकों का कहना है कि 22 मार्च से कारोबार पूरी तरह से बंद है. प्रशासन हो या फिर सामाजिक संगठन अभी तक कोई मदद के लिए आगे नहीं आया.
बता दें कि रिज मैदान पर 12 के करीब लोग घुड़सवारी करवाते हैं. इसी से यह अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं. बंद होने के कारण इन्हे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. घोड़ा संचालकों का कहना है कि अभी तक न तो पार्षद, न विधायक और प्रशासन की तरफ से सुध लेने कोई नहीं आया हैं. अगर किसी ने हमारी तरफ इस दुख के समय नहीं देखा तो भूखा मरने की नोबत आ जाएगी.
बता दें कि हिमाचल में कोरोना वायरस का कोई भी नया मामला सामने नहीं आया है. राज्य में अभी तक 199 लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है, जिसमें से 196 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. प्रदेश में कोरोना वायरस के एक व्यक्ति की मौत हो गई है जबकि अभी भी एक महिला कोरोना से संक्रमित है. राहत की बात ये है कि कोरोना वायरस से संक्रमित एक युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
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