शिमलाः जयराम सरकार ने वीरवार को सदन में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने का विधेयक पारित कर दिया. प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बन्द करने के फैसले का सीपीआईएम विधायक राकेश सिंघा ने विरोध करते हुए सरकार के इस फैसले को तानाशाही बताया है. सिंघा ने कहा कि ट्रिब्यूनल बन्द होने से कर्मचारियों की परेशानियां बढ़ेंगी.
सिंघा ने कहा कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से कर्मचारियों को कम समय में न्याय मिलता था, लेकिन अब कर्मचारियों को हाईकोर्ट के चक्कर काटने के साथ ज्यादा पैसे भी देने पड़ेंगे. सीपीआईएम विधायक ने कहा कि सीएम जयराम ने अपने जवाब में कहा था कि विधायकों को पूछ कर ही ट्रिब्यूनल को बंद करने का फैसला लिया गया है, लेकिन इस फैसले को लेकर न तो कांग्रेस और न ही हमें पूछा गया है. सरकार लोकतंत्र पर कम विश्वास कर रही है और तानाशाही रवैया अपना रही है. सेशन का समय तय होने पर सदन में ऑर्डिनेश लाने की सरकार को क्या जरूरत थी.
सिंघा ने सरकार से ट्रिब्यूनल को लेकर पुनः विचार करने का सरकार से आग्रह किया और कहा कि कर्मचारियों के कम समय राहत मिले इसके लिए सरकार ट्रिब्यूनल को एक बार फिर बहाल करे.
बता दें कि वीरवार को सदन में ट्रिब्यूनल को लेकर विधेयक पेश किया गया. कांग्रेस सहित सीपीआईएम विधायक ने विधेयक का जम कर विरोध किया और सदन से वॉकआउट कर दिया. वहीं, सत्ता पक्ष ने विपक्ष के बाहर जाते ही विधेयक को सदन में पारित भी कर दिया.
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