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गेयटी थिएटर में आजादी का अमृत महोत्सव: जश्न.ए.अदब सांस्कृतिक कारवां विरासत का आयोजन - Amrit Mahotsav of Independence

शिमला के गेयटी थिएटर में 2 दिवसीय जश्न.ए.अदब कल्चरल सांस्कृतिक कारवां विरासत का आयोजन शुक्रवार को शुरू हुआ. इस दौरान अभिनेत्री दिव्या दत्ता की किताबों पर चर्चा की गई. कार्यक्रम का शुभारंभ पदम श्री प्रो. अशोक चक्रधर और कुंवर रंजीत चौहान ने किया. (Amrit Mahotsav of Independence)

Amrit Mahotsav of Independence
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Published : Dec 17, 2022, 10:13 AM IST

शिमला: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गेयटी थिएटर में 2 दिवसीय जश्न.ए.अदब कल्चरल सांस्कृतिक कारवां विरासत का आयोजन शुक्रवार को शुरू हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ पदम श्री प्रो. अशोक चक्रधर व कुंवर रंजीत चौहान ने किया. पहला कार्यक्रम अदब न हो तो पर फरत एहसास व मदन मोहन ने बातचीत की. इसके अलावा किस्सा गोई विषय पर गुरु नानक की नमाज का, किस्सा बिन हुंकार नहीं किया गया, इसमें मनु सिकन्दर डिंगरा व रेखा मल्होत्रा जोहरी ने भाग लिया.(Amrit Mahotsav of Independence)

मैरिज प्रपोजल पर नाटक: उसके बाद नाटक आयोजित किया गया. इसका शीर्षक मैरिज प्रपोजल था. इसमें डा. संजीव जौहरी, रेखा मल्होत्रा जोहरी और प्रियंका ने भाग लिया. वहीं ,इस कार्यक्रम में कथक, गजल, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन, कव्वाली, कस्सागोई, नाटक, कवि समेलन और मुशायरा आदि की गर्माहट से शिमला का ठंडा शीतकालीन सप्ताहांत जीवंत हो गया. इस कार्यक्रम में विधा लाल और समूह द्वारा कथक प्रदर्शन किया गया.

कई राज्यों में कार्यक्रम का आयोजन: सांस्कृतिक कारवां विरासत 2022 के बारे में जश्न.ए.अदाब फाउंडेशन के संस्थापक कुंवर रंजीत चौहान ने कहा कि हमारी विरासत में निहित आज भी और भविष्य के लिए भी मजबूत प्रासंगिकता के साथ, हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य आंतरिक रूप से सदाबहार है. उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए जश्न.ए.अदब कल्चरल कारवां का आयोजन 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और श्रीनगर में किया जा रहा है.

अभिनेत्री दिव्या दत्ता की किताबों पर चर्चा: अभिनेत्री दिव्या दत्ता व कवि कुंवर रंजीत चौहान की बातचीत एक रोमांचक सत्र में अभिनेता दिव्या दत्ता ने प्रसिद्ध भारतीय कवि कुंवर रंजीत चौहान के साथ एक आकर्षक बातचीत हुई. इस बातचीत में दिव्या दत्ता की 2 पुस्तकों के बारे में चर्चा हुई. वहीं, पद्म श्री प्रो. अशोक चक्रधर, इरशाद कामिल गीतकार , फरहत एहसास उर्दू कवि, मदन मोहन दानिश कवि, फहमी बदायुनी, जमुना प्रसाद उपाध्याय, खुशबीर सिंह शाद कवि, कुंवर रंजीत चौहान कवि, आजम शकीरी कवि और जावेद मुशिरी कवि अपनी कविताए व गजले पढ़ी. मास्टर अधिराज ने सितार वादन प्रस्तुत किया.

शिमला: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत गेयटी थिएटर में 2 दिवसीय जश्न.ए.अदब कल्चरल सांस्कृतिक कारवां विरासत का आयोजन शुक्रवार को शुरू हुआ. कार्यक्रम का शुभारंभ पदम श्री प्रो. अशोक चक्रधर व कुंवर रंजीत चौहान ने किया. पहला कार्यक्रम अदब न हो तो पर फरत एहसास व मदन मोहन ने बातचीत की. इसके अलावा किस्सा गोई विषय पर गुरु नानक की नमाज का, किस्सा बिन हुंकार नहीं किया गया, इसमें मनु सिकन्दर डिंगरा व रेखा मल्होत्रा जोहरी ने भाग लिया.(Amrit Mahotsav of Independence)

मैरिज प्रपोजल पर नाटक: उसके बाद नाटक आयोजित किया गया. इसका शीर्षक मैरिज प्रपोजल था. इसमें डा. संजीव जौहरी, रेखा मल्होत्रा जोहरी और प्रियंका ने भाग लिया. वहीं ,इस कार्यक्रम में कथक, गजल, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन, कव्वाली, कस्सागोई, नाटक, कवि समेलन और मुशायरा आदि की गर्माहट से शिमला का ठंडा शीतकालीन सप्ताहांत जीवंत हो गया. इस कार्यक्रम में विधा लाल और समूह द्वारा कथक प्रदर्शन किया गया.

कई राज्यों में कार्यक्रम का आयोजन: सांस्कृतिक कारवां विरासत 2022 के बारे में जश्न.ए.अदाब फाउंडेशन के संस्थापक कुंवर रंजीत चौहान ने कहा कि हमारी विरासत में निहित आज भी और भविष्य के लिए भी मजबूत प्रासंगिकता के साथ, हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य आंतरिक रूप से सदाबहार है. उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए जश्न.ए.अदब कल्चरल कारवां का आयोजन 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और श्रीनगर में किया जा रहा है.

अभिनेत्री दिव्या दत्ता की किताबों पर चर्चा: अभिनेत्री दिव्या दत्ता व कवि कुंवर रंजीत चौहान की बातचीत एक रोमांचक सत्र में अभिनेता दिव्या दत्ता ने प्रसिद्ध भारतीय कवि कुंवर रंजीत चौहान के साथ एक आकर्षक बातचीत हुई. इस बातचीत में दिव्या दत्ता की 2 पुस्तकों के बारे में चर्चा हुई. वहीं, पद्म श्री प्रो. अशोक चक्रधर, इरशाद कामिल गीतकार , फरहत एहसास उर्दू कवि, मदन मोहन दानिश कवि, फहमी बदायुनी, जमुना प्रसाद उपाध्याय, खुशबीर सिंह शाद कवि, कुंवर रंजीत चौहान कवि, आजम शकीरी कवि और जावेद मुशिरी कवि अपनी कविताए व गजले पढ़ी. मास्टर अधिराज ने सितार वादन प्रस्तुत किया.

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