शिमलाः ईडी अब प्रदेश के कई निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के खिलाफ जांच कर सकता है. राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने फीस की राशि के दुरुपयोग पर मामलों की जांच के लिए ईडी को पत्र लिखा है. आयोग ने मुख्य सचिव अनिल खाची को भी पत्र लिखकर सभी निजी संस्थानों का ऑडिट करवाने की सिफारिश की है.
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल हो फीस
नियमानुसार फीस को शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए. आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि कुछ निजी विश्वविद्यालय और कॉलेज फीस के पैसे से होटल, रेस्तरां निर्माण सहित अन्य व्यावसायिक कार्य कर रहे हैं. इसकी लिखित और मौखिक शिकायतें मिली हैं. प्रदेश का पैसा दूसरे राज्यों में भेजा जा रहा है.
ईडी को लिखा गया पत्र
कई शिक्षण संस्थानों के ट्रस्ट अन्य राज्यों में चल रहे हैं. फीस से एकत्र धनराशि को बाहर भेजकर कम राशि वापस आ रही है. उन्होंने कहा कि आयकर विभाग को भी इस मामले की जानकारी दी जाएगी. उल्लेखनीय है कि शिकायतें मिलने के बाद आयोग ने कुछ निजी संस्थानों की बैलेंस शीट जांची हैं. जिसके बाद ही ईडी को पत्र लिखा गया है.
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संदेह के घेरे में कई संस्थान
निजी शिक्षण संस्थान यूजीसी के नियमों के मुताबिक शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे रहे हैं. कोरोना संकट के दौरान कई संस्थानों ने विद्यार्थियों से पूरी फीस ली जबकि शिक्षकों को वेतन कम दिया गया. शिक्षकों के वेतन से काटा गया पैसा कहां गया, इसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है. ऐसे में कई संस्थान संदेह के घेरे में हैं.
निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल किये तलब
आयोग ने 45 निजी कॉलेजों के प्राचार्यों को 19 और 20 मार्च को तलब किया है. इन प्राचार्यों से इनकी योग्यता पर उठे सवालों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा.
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