ETV Bharat / state

IGMC शिमला में कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते मरीजों को ऑपरेशन करवाने में हो रही परेशानी

आईजीएमसी में कुछ मरीजों को ऑपरेशन करवाने के लिए लंबी तारीख तो कुछ को कोरोना की रिपोर्ट नहीं मिलती. जिसकी वजह से कई मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो पाते. हैरानी की बात है कि ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए कोरोना का टेस्ट अनिवार्य किया गया है, लेकिन ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए आईजीएमसी प्रशासन अलग से टेस्ट और सैंपलों की जल्द जांच को लेकर कुछ व्यवस्था नहीं कर पाया है.

igmc shimla
फोटो.
author img

By

Published : Apr 24, 2021, 10:35 AM IST

शिमला: आईजीएमसी में ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां पर हालत कुछ ऐसी बन चुकी है कि कुछ मरीजों को ऑपरेशन करवाने के लिए लंबी तारीख तो कुछ को कोरोना की रिपोर्ट न मिलने पर ऑपरेशन लटक जाते हैं. मरीज काफी मुश्किल से तो ऑपरेशन की तारीख का इंतजार करते हैं, ऐसे में उनको समय से कोरोना रिपोर्ट ही नहीं मिल पाती है.

मरीजों को ऑपरेशन करवाने में हो रही परेशानी

हैरानी की बात है कि ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए कोरोना का टेस्ट अनिवार्य किया गया है, लेकिन ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए प्रशासन अलग से टेस्ट और सैंपलों की जल्द जांच को लेकर कुछ व्यवस्था नहीं कर पाया है. इससे मरीजों को यहां पर काफी परेशानी आ रही है.

मरीजों को 20 से 30 दिन के बीच की ऑपरेशन के लिए तारीख दी जाती है. मरीज यहां पर पहले अपनी बीमारी से पीड़ित होता है. दूसरी ओर वह आईजीएमसी में परेशान हो जाता है. आईजीएमसी की लैब में काफी सैंपल पेंडिंग रहते हैं. ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के सैंपल भी पेंडिंग सैंपलों में ही रहते हैं.

वहीं, दूसरी ओर अगर कोई साधारण खांसी और जुकाम के मरीज अस्पताल में आ रहे हैं, तो उन्हें भी सीधे कोरोना का टेस्ट करवाने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं. कई ऐसे भी मरीज होते हैं जो अपना कोरोना टेस्ट करवाने को तैयार ही नहीं होते हैं. मरीज कहते हैं कि जब उन्हें साधारण जुकाम है तो उन्हें कोरोना के टेस्ट करवाने की क्या जरूरत है. यहां आधे मरीज तो कोरोना का टेस्ट सुनकर ही वापस घर की ओर रवाना हो रहे हैं.

आईजीएमसी में कोरोना के टेस्ट की नहीं है सुविधा

वहीं, कुछ लोग घर पर ही अपना उपचार करवा रहे हैं. लोग बिना डॉक्टर की राय के केमिस्ट की दुकान से दवाइयां खरीद रहे हैं. कोरोना के टेस्ट करवाने के डर से लोग अस्पताल ही नहीं आ रहे हैं. आईजीएमसी में कोरोना के टेस्ट करवाने की भी उचित सुविधा नहीं है. आईजीएमसी में हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर प्रदेश के कोने-कोने से सैकड़ों मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं. ऐसे में यहां पर मरीजों को सुविधा मिलनी चाहिए.

एमएम बोले: बेहतर तरीके से हो रहा मरीजों का इलाज

आईजीएमसी एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि कई बार मरीजों की संख्या बढ़ जाती है जिसके चलते मरीजों को ऑपरेशन के लिए कुछ समय बाद की तारीख दी जाती है. उन्होंने कहा कि आपातकालीन वाले मरीजों का जल्द ऑपरेशन कर दिया जाता है और आईजीएमसी में डॉक्टर हर मरीज का बेहतरीन तरीके से इलाज कर रहे हैं.

डॉ. जनकराज ने कहा कि मरीजों को कोरोना का टेस्ट करवाने में कोई दिक्कतें नहीं आने दी जा रही. अगर किसी मरीज का ऑपरेशन होता है, तो डॉक्टर उन्हें पहले ही कोरोना टेस्ट करवाने को लिखते हैं, जैसे ही रिपोर्ट आती है, तो तुरंत उसका ऑपरेशन कर दिया जाता है. टेस्ट की प्रक्रिया को और ज्यादा सरल बनाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः क्या ब्रिगेडियर खुशाल सिंह होंगे मंडी से भाजपा का चेहरा, पार्टी में राजनीतिक हलचल तेज

शिमला: आईजीएमसी में ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. यहां पर हालत कुछ ऐसी बन चुकी है कि कुछ मरीजों को ऑपरेशन करवाने के लिए लंबी तारीख तो कुछ को कोरोना की रिपोर्ट न मिलने पर ऑपरेशन लटक जाते हैं. मरीज काफी मुश्किल से तो ऑपरेशन की तारीख का इंतजार करते हैं, ऐसे में उनको समय से कोरोना रिपोर्ट ही नहीं मिल पाती है.

मरीजों को ऑपरेशन करवाने में हो रही परेशानी

हैरानी की बात है कि ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए कोरोना का टेस्ट अनिवार्य किया गया है, लेकिन ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के लिए प्रशासन अलग से टेस्ट और सैंपलों की जल्द जांच को लेकर कुछ व्यवस्था नहीं कर पाया है. इससे मरीजों को यहां पर काफी परेशानी आ रही है.

मरीजों को 20 से 30 दिन के बीच की ऑपरेशन के लिए तारीख दी जाती है. मरीज यहां पर पहले अपनी बीमारी से पीड़ित होता है. दूसरी ओर वह आईजीएमसी में परेशान हो जाता है. आईजीएमसी की लैब में काफी सैंपल पेंडिंग रहते हैं. ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों के सैंपल भी पेंडिंग सैंपलों में ही रहते हैं.

वहीं, दूसरी ओर अगर कोई साधारण खांसी और जुकाम के मरीज अस्पताल में आ रहे हैं, तो उन्हें भी सीधे कोरोना का टेस्ट करवाने के निर्देश जारी किए जा रहे हैं. कई ऐसे भी मरीज होते हैं जो अपना कोरोना टेस्ट करवाने को तैयार ही नहीं होते हैं. मरीज कहते हैं कि जब उन्हें साधारण जुकाम है तो उन्हें कोरोना के टेस्ट करवाने की क्या जरूरत है. यहां आधे मरीज तो कोरोना का टेस्ट सुनकर ही वापस घर की ओर रवाना हो रहे हैं.

आईजीएमसी में कोरोना के टेस्ट की नहीं है सुविधा

वहीं, कुछ लोग घर पर ही अपना उपचार करवा रहे हैं. लोग बिना डॉक्टर की राय के केमिस्ट की दुकान से दवाइयां खरीद रहे हैं. कोरोना के टेस्ट करवाने के डर से लोग अस्पताल ही नहीं आ रहे हैं. आईजीएमसी में कोरोना के टेस्ट करवाने की भी उचित सुविधा नहीं है. आईजीएमसी में हिमाचल का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर प्रदेश के कोने-कोने से सैकड़ों मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं. ऐसे में यहां पर मरीजों को सुविधा मिलनी चाहिए.

एमएम बोले: बेहतर तरीके से हो रहा मरीजों का इलाज

आईजीएमसी एमएस डॉ. जनकराज ने कहा कि कई बार मरीजों की संख्या बढ़ जाती है जिसके चलते मरीजों को ऑपरेशन के लिए कुछ समय बाद की तारीख दी जाती है. उन्होंने कहा कि आपातकालीन वाले मरीजों का जल्द ऑपरेशन कर दिया जाता है और आईजीएमसी में डॉक्टर हर मरीज का बेहतरीन तरीके से इलाज कर रहे हैं.

डॉ. जनकराज ने कहा कि मरीजों को कोरोना का टेस्ट करवाने में कोई दिक्कतें नहीं आने दी जा रही. अगर किसी मरीज का ऑपरेशन होता है, तो डॉक्टर उन्हें पहले ही कोरोना टेस्ट करवाने को लिखते हैं, जैसे ही रिपोर्ट आती है, तो तुरंत उसका ऑपरेशन कर दिया जाता है. टेस्ट की प्रक्रिया को और ज्यादा सरल बनाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः क्या ब्रिगेडियर खुशाल सिंह होंगे मंडी से भाजपा का चेहरा, पार्टी में राजनीतिक हलचल तेज

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.