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प्रदेश में 53 लाख से अधिक मतदाता करेंगे मतदान, डेढ़ लाख पहली बार डालेंगे वोट

इस बार 45 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. प्रदेश की 4 संसदीय सीटों के लिए 19 मई को 53 लाख 30 हजार 154 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इसमें से 1 लाख 52 हजार 390 मतदाता ऐसा है, जो पहली बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे.

देवेश कुमार, मुख्य चुनाव अधिकारी
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Published : May 18, 2019, 8:43 PM IST

शिमलाः प्रदेश की 4 संसदीय सीटों के लिए 19 मई को 53 लाख 30 हजार 154 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इसमें से 1 लाख 52 हजार 390 मतदाता ऐसा है, जो पहली बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे.13 लाख 34 हजार 823 मतदाता 30 साल से कम उम्र के हैं.

मुख्य चुनाव अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि इस बार 27 लाख 24 हजार 111 पुरूष और 26 लाख 5 हजार 996 महिला मतदाता है. इसके अलावा 47 मतदाता तृतीय लिंग के है. इनमें 1,381 महिलाओं सहित 68,028 सर्विस मतदाता भी है.

इस बार 45 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. देवेश कुमार ने कहा कि मंडी, हमीरपुर व लाहौल स्पीति जिला में महिला मतदाताओं की संख्या पुरूष मतदाताओं से ज्यादा है.

देवेश कुमार ने कहा कि 7,723 मतदान केंद्रों में से 373 मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं, जबकि 946 संवेदनशील पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रदेश में 207 उड़न दस्ते, 207 स्थिर निगरानी टीमें, 77 सहायक व्यय पर्यवेक्षक, 134 वीडियो निगरानी टीमें, 70 वीडियो दृष्य टीमें, 72 गणना टीमें गठित की गई है.

देवेश कुमार, मुख्य चुनाव अधिकारी

इसके अलावा 9 जनरल पर्यवेक्षक, 5 व्यय पर्यवेक्षक और 2 पुलिस पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार केंद्र की ओर से प्रदेश को केंद्रीय सुरक्षा बलों की 47 टुकड़ियां भेजी गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस के जवान दूसरे प्रदेशों में चुनाव डयूटी पर गए हैं.

देवेश कुमार ने कहा कि इस बार 7,730 पीठासीन अधिकारी, 23,190 मतदान अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. बुजुर्गों व विकलांग मतदाताओं के लिए 7 सहायक मतदान केंद्र भी स्थपित किए गए हैं. बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को कतार में खड़े रहने की जरूरत नहीं है. प्रदेश में 136 मतदान केंद्रों के संचालन महिलाओें द्वारा किया जाएगा, जबकि 10 मतदान केंद्र विकलांगों की और से संचालित किए जाएंगे.

स्टाफ को दिया गया है खास तौर पर प्रशिक्षण
देवेश कुमार ने कहा कि हमीरपुर व कांगड़ा संसदीय हलकों में सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता हैं. सर्विस मतों को गिनने के लिए इस बार 20-20 सहायक चुनाव अधिकारियों की तैनाती की गई है. इन मतों की गिनती ईवीएम के साथ-साथ की जाएगी. पिछली बार एक ही एआरओ की डयूटी लगी थी, इसलिए मतपत्रों को गिनने में देरी लगी थी. इस बार खासतौर पर चुनाव आयोग से मंजूरी मांगी गई थी.

पढ़ें- राम मंदिर पर गंभीर हैं तो क्यों करते हैं विरोध, यदि हम प्रूफ मांग लेगें तो कांग्रेस का कुछ नहीं बचेगा- सत्ती

शिमलाः प्रदेश की 4 संसदीय सीटों के लिए 19 मई को 53 लाख 30 हजार 154 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे. इसमें से 1 लाख 52 हजार 390 मतदाता ऐसा है, जो पहली बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे.13 लाख 34 हजार 823 मतदाता 30 साल से कम उम्र के हैं.

मुख्य चुनाव अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि इस बार 27 लाख 24 हजार 111 पुरूष और 26 लाख 5 हजार 996 महिला मतदाता है. इसके अलावा 47 मतदाता तृतीय लिंग के है. इनमें 1,381 महिलाओं सहित 68,028 सर्विस मतदाता भी है.

इस बार 45 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है. देवेश कुमार ने कहा कि मंडी, हमीरपुर व लाहौल स्पीति जिला में महिला मतदाताओं की संख्या पुरूष मतदाताओं से ज्यादा है.

देवेश कुमार ने कहा कि 7,723 मतदान केंद्रों में से 373 मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं, जबकि 946 संवेदनशील पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रदेश में 207 उड़न दस्ते, 207 स्थिर निगरानी टीमें, 77 सहायक व्यय पर्यवेक्षक, 134 वीडियो निगरानी टीमें, 70 वीडियो दृष्य टीमें, 72 गणना टीमें गठित की गई है.

देवेश कुमार, मुख्य चुनाव अधिकारी

इसके अलावा 9 जनरल पर्यवेक्षक, 5 व्यय पर्यवेक्षक और 2 पुलिस पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार केंद्र की ओर से प्रदेश को केंद्रीय सुरक्षा बलों की 47 टुकड़ियां भेजी गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस के जवान दूसरे प्रदेशों में चुनाव डयूटी पर गए हैं.

देवेश कुमार ने कहा कि इस बार 7,730 पीठासीन अधिकारी, 23,190 मतदान अधिकारी नियुक्त किए गए हैं. बुजुर्गों व विकलांग मतदाताओं के लिए 7 सहायक मतदान केंद्र भी स्थपित किए गए हैं. बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को कतार में खड़े रहने की जरूरत नहीं है. प्रदेश में 136 मतदान केंद्रों के संचालन महिलाओें द्वारा किया जाएगा, जबकि 10 मतदान केंद्र विकलांगों की और से संचालित किए जाएंगे.

स्टाफ को दिया गया है खास तौर पर प्रशिक्षण
देवेश कुमार ने कहा कि हमीरपुर व कांगड़ा संसदीय हलकों में सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता हैं. सर्विस मतों को गिनने के लिए इस बार 20-20 सहायक चुनाव अधिकारियों की तैनाती की गई है. इन मतों की गिनती ईवीएम के साथ-साथ की जाएगी. पिछली बार एक ही एआरओ की डयूटी लगी थी, इसलिए मतपत्रों को गिनने में देरी लगी थी. इस बार खासतौर पर चुनाव आयोग से मंजूरी मांगी गई थी.

पढ़ें- राम मंदिर पर गंभीर हैं तो क्यों करते हैं विरोध, यदि हम प्रूफ मांग लेगें तो कांग्रेस का कुछ नहीं बचेगा- सत्ती

Intro:शिमला। प्रदेश की चार संसदीय सीटों के लिए 19 मई को 53 लाख 30 हजार 154 मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगे।  इसमें से 1 लाख 52 हजार 390 मतदाता ऐसा है जो पहली बार अपने मतदान का प्रयोग करेंगे । 13 लाख 34 हजार 823 मतदाता तीस साल से कम उम्र के हैं।





Body:मुख्य चुनाव अधिकारी देवेश कुमार ने कहा कि इस बार 27 लाख 24 हजार 111 पुरूष और 26 लाख 5 हजार 996 महिला मतदाता है। इसके अलावा 47 मतदाता तृतीय लिंग के है। इनमें 1381 महिलाओं सहित 68028 सर्विस मतदाता भी है।
इस बार 45 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। देवेश कुमार ने कहा कि मंडी ,हमीरपुर व लाहुल स्पिति जिला में महिला मतदाताओं की संख्या पुरूष मतदाताओं से ज्यादा है।

देवेश कुमार ने कहा कि 7723 मतदान केंद्रों में से 373 मतदान केंद्र अति संवेदनशील है जबकि 946 संवेदनशील पाए गए है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रदेश में 207 उड़न दस्ते,207 स्थिर निगरानी टीमें ,77 सहायक व्यय पर्यवेक्षक,134 वीडियो निगरानी टीमें,70 वीडियो दृष्य टीमें,72 
गणना टीमें गठित किए गए है। इसके अलावा 9 जनरल पर्यवेक्षक,पांच व्यय पर्यवेक्षक और दो पुलिस पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए है। उन्होंने कहा कि इस बार केंद्र की ओर से प्रदेश को केंद्रीय सुरक्षा बलोें की 47 टुकड़ियां भेजी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की पुलिस के जवान दूसरे प्रदेशों में चुनाव डयूटी पर गए है।




Conclusion:देवेश कुमार ने कहा कि इस बार 7730 पीठासीन अधिकारी,23190 मतदान अधिकारी नियुक्त् किए गए ।


बुजुर्गों वविकलांग मतदाताओं के लिए सात सहायक मतदान केंद्र भी स्थपित किए गए । बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को कतार में खड़े रहने की जरूरत नहीं है। प्रदेश में 136 मतदान कें द्रों के संचालन महिलाओें क ओर से किया जाएगा जबकि 10 मतदान केंद्र विकलांगों की ओर से संचालित किए जाएंगे।

स्टाफ को खास तौर पर प्रशिक्षण दिया गया है। 

उन्होंने कहा कि हमीरपुर व कांगड़ा संसदीय हलको में सबसे ज्यादा सर्विस मतदाता है।सर्विस मतों को गिनने के लिए इस बार बीस-बीस सहायक चुनाव अधिकारियों की तैनाती की गई है। इन मतों की गिनती ईवीएम के साथ साथ ही जाएगी। पिछल्ली बार एक ही एआरओ की डयूटी लगी थी। इसलिए मतपत्रों को गिनने में देरी लगी थी। इस बार खासतौर पर चुनाव आयोग से मंजूरी मांगी गई थी। 
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