शिमला: हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों में पहले और दूसरे वर्ष के 60 हजार के करीब छात्रों को बिना परीक्षाओं के अगले कक्षाओं में प्रमोट करने के निर्देश जारी हो गए हैं. इन छात्रों को यूजीसी की ओर से तय किए गए मूल्यांकन के फॉर्मूले के आधार पर अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा.
शिक्षा सचिव की ओर से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को कॉलेज के पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को इस फॉर्मूले के आधार पर प्रमोट करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस साल छात्रों को उनके आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जा रहा है जिसमें छात्रों को उनके जो टेस्ट और परीक्षाएं ऑनलाइन ली गई हैं उसके आधार पर ही नंबर दिए जाएंगे.
यह प्रावधान पहले वर्ष के छात्रों के लिए किया गया है जबकि दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों के लिए उनके फर्स्ट ईयर की परीक्षा में प्राप्त हुए कुल अंकों के 50 फीसदी और इस वर्ष की आंतरिक परीक्षा के 50 फीसदी अंकों के आधार पर अगले कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा. अब जब जयराम कैबिनेट के फैसले के आधार पर पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को प्रमोट करने को लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं तो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय भी जल्द ही इन छात्रों को अगले कक्षाओं में तय फॉर्मूले के तहत प्रमोट करेगा. छात्रों के लिए बड़ी राहत की बात यह है कि वह अपने अंक सुधार के लिए अगले वर्ष परीक्षा भी दे सकेंगे.
बता दें कि कोविड-19 के चलते सरकार की ओर से यूजीसी के निर्देशों के तहत जहां कॉलेज में छठे सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं करवाई गई लेकिन पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं करवा पाना संभव नहीं हो पाया. ऐसे में प्रदेश सरकार की ओर से इन छात्रों को बिना परीक्षाओं के ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला लिया गया था. इस फैसले को कैबिनेट में भी मंजूरी दी गई थी.
अब इस फैसले के तहत यह तय किया गया है कि यूजीसी ने छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के लिए जो फॉर्मूला तय किया है उसी के आधार पर प्रदेश में भी कॉलेजों में पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा. वहीं जो छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं होंगे वह अगले साल अपने अंको के सुधार के लिए परीक्षा भी दे सकेंगे.
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