शिमलाः हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को भोजन अवकाश के बाद बजट पर सामान्य चर्चा का सिलसिला जारी रहा. बुधवार को पक्ष और विपक्ष के कुल 11 सदस्यों ने सामान्य चर्चा पर भाग लिया.
बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि बजट पर अच्छी चर्चा रही और अच्छे सुझाव भी आये. यही लोकतंत्र की खासियत है कि सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है. चर्चा में कुल 37 सदस्यों ने भाग लिया, जिसमे कांग्रेस के 16 सदस्य शामिल रहे. सीएम ने कहा कि सरकार का 13 महीने का कार्यकाल एक साल विकास का ईमानदार प्रयास का, यही प्रयास हमारी सरकार ने किया.
विपक्ष पर हमला करते हुए सीएम ने कहा कि कुछ तो मजबूरियां रही होंगी आपकी वरना आप ऐसे न थे. उन्होंने कहा कि 2019-20 का बजट पेश किया, लेकिन विपक्ष के नेता 2018-19 के बजट पर ही चर्चा करते रहे. काश आपने कुछ जिक्र इस बजट का भी किया होता. सीएम ने कहा कि हमने एक शुरूआत की ताकि 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सम्मान दिया जा सके. इस योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 2 लाख 53 हजार हो गई. वहीं 70 से 80 साल के 1.58 लाख वृद्धों को लाभ मिला.
गुड़िया और होशियार हेल्पलाइन से भारी संख्या में लोगों को सहायता मिली. हिमकर योजना योजना से 2.89 लाख परिवारों को लाभ मिला. वहीं गृहिणी सुविधा योजना से 52 हजार 104 गृहिणियों को लाभ मिला. प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान का योजना का जिक्र करते हुए कहा कि यह वक्त की जरूरत है. सीएम स्वाबलंबन योजना में 1099 प्रस्तावों को मंजूरी दी. उन्होंने मुख्यमंत्री चिकित्सा योजना का भी जिक्र किया.
इस बीच विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन छोड़कर बाहर निकल आए. वॉकआउट करते हुए विपक्ष ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि तीन दिन जो बजट पर चर्चा हुई उस पर सीएम जवाब देने से बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार की कोई योजना नहीं है. कर्ज को लेकर बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार का 2022 तक प्रदेश का कर्ज में दिवालिया पिट जाएगा.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार वित्तीय कुप्रबंधन का शिकार है. सरकार जनमंच और मंहगी गाड़ियों पर अधिक खर्च कर रही है. सरकार फिजूलखर्ची कर रही है व कर्जे पर चल रही है.