शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा (Himachal Pradesh Legislative Assembly) के मानसून सत्र में मुख्य सचिव अनिल खाची (Chief Secretary Anil Khachi) के बदलने पर खूब हांगमा देखने को मिला. प्रश्नकाल खत्म होते ही इस मामले को नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने उठाया, लेकिन विधानसभा में इस पर चर्चा नही दी गई. जिसके बाद सदन में विपक्ष ने इस बात को लेकर खूब हंगामा किया और सदन से वॉकआउट तक कर दिया.
विपक्ष ने सरकार पर हिमाचल के अफसरों को दरकिनार करने के आरोप लगाए है. अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल का एक व्यक्ति मुख्य सचिव बना. इतने बड़े ओहदे पर पहुंचा, लेकिन ऐसा क्या है कि अब मुख्य सचिव को बदला जा रहा है. पहले वीसी फारका थे, वह हिमाचली थे रास नहीं आए. फिर विनीत चौधरी और बीके अग्रवाल रहे और उन्हें भी बदल दिया गया.
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री (Leader of Opposition Mukesh Agnihotri) ने कहा कि ऐसा क्या है कि अब छठा मुख्य सचिव बदला जा रहा है. सरकार के अब तक के कार्यकाल में 6 मुख्य सचिव बदले जा चुके है. अनिल खाची के अब तक दो साल बचे हुए थे, लेकिन सरकार ने हिमाचल निर्माता डॉ वाईएस परमार (Dr YS Parmar) की जयंती पर ही हिमाचल के अफसर को बदल दिया.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ऐसे मुख्य सचिव को बदल रहे है जैसे कोई अंशकालिक कर्मी बदल रहे है. उन्होंने कहा कि सरकार ईमादार अफसरों को ऐसे बदलेगी तो विपक्ष चुप बैठने वाला नही है. सरकार को सत्र खत्म होने का इंतजार करना चाहिए था, लेकिन यह सरकार आए दिन ईमानदार अफसरों को बदलने का काम कर रही है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अनिल खाची संघर्ष कर इतने बड़े पद तक पहुचे थे और अभी उनके कार्यकाल में दो साल से ज्यादा का समय था, लेकिन आखिर ऐसी क्या परिस्थितिया आ गई कि सरकार को उन्हें बीच सत्र में हटा कर नया मुख्य सचिव नियुक्ति करना पड़ा.
बता दें कि देर शाम से ही मुख्य सचिव (Chief Secretary) अनिल खाची को बदलने की अटकलें लगाई जा रही थी और आज अनिल खाची को चुनाव आयुक्त लगाया गया. जिसके चलते विपक्ष विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon session of Himachal Legislative Assembly) में सरकार पर हमलावर हो गया.
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