शिमला: आईजीएमसी में दीवाली पर एक भी बर्न का मरीज नहीं आया. दिवाली की रात यहां पर बर्न मरीजों के लिए खास इंतजाम किए गए थे, मगर मरीज ना आने से यहां पर डॉक्टरों ने भी राहत की सांस ली. पहली बार ऐसा हुआ कि आईजीएमसी में दीवाली पर जलने का कोई मरीज आईजीएमसी नहीं पहुंचा.
हर साल दिवाली के दौरान पटाखों से जलने के करीब दो से तीन दर्जन मरीज अस्पतालों में पहुंचते थे. इसमें सबसे ज्यादा मरीज आईजीएमसी में आते थे. मगर इस बार यहां पर कोई मरीज नहीं आया, जोकि राहत की बात रही है.
पटाखे चलाने पर थी पाबंदी
एनजीटी ने इस बारे दीवाली पर पटाखे चलाने के केवल शाम को दो घंटे का समय तय किया था. इसे लेकर उपायुक्त शिमला ने भी आदेश जारी कर दिए थे. आदेशानुसार लोग केवल शाम आठ से 10 बजे तक ही पटाखे चला सकते थे. इसका सख्ती से पालन भी हुआ.
शहर में लोगों ने आठ से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए. इससे ज्यादातर परिजन अपने बच्चों के साथ ही रहे, ऐसे में इस बार जलने के मामले नहीं आए. हालांकि कई लोगों ने ग्रीन दिवाली भी मनाई. उन्होंने पटाखे नहीं चलाए.
आईजीएमसी प्रशासन ने इस बारे दीवाली के लिए खास पांच वार्ड तैयार किए थे. कैजुअल्टी, इमरजेंसी, सर्जरी, एचडीयू, इंटेंसिव केयर यूनिट को विशेष तौर पर तैयार किया गया था.