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MC Shimla: नव निवार्चित महिला पार्षदों का पलड़ा भारी, इन महिला पार्षदों ने जताई दावेदारी

शिमला नगर निगम में इस बार महिला पार्षदों का दबदबा है. एमसी शिमला के कुल 34 में से 20 पार्षद महिलाएं है. जिनमें से 14 महिला पार्षद कांग्रेस की हैं. वहीं महिलाओं की संख्या ज्यादा होने के कारण महिला पार्षद नगर निगम शिमला में मेयर और डिप्टी मेयर पद पर अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं.

Newly elected women councillors in Municipal Corporation Shimla have upper hand.
एमसी शिमला में नव निवार्चित महिला पार्षदों का दबदबा.
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Published : May 7, 2023, 10:49 AM IST

शिमला: नगर निगम शिमला के नए सदन में इस बार बढ़ी संख्या में महिला पार्षदों का दबदबा है. कुल 34 पार्षदों में से 20 महिलाएं नए सदन में चुनकर आई हैं, इनमें भी कांग्रेस की सबसे ज्यादा 14 महिला पार्षद अबकी बार चुनावी जीती हैं. नगर निगम चुनाव होने के बाद अब इसके दो बड़े पद, मेयर और डिप्टी के पदों के लिए लॉबिंग तेज हो गई है. महिला पार्षद अपनी दावेदारी दोनों पदों के लिए जा रही हैं. ऐसे में शिमला नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए दावेदारों की संख्या भी बढ़ गई हैं.

MC शिमला में 34 में से 20 पार्षद महिलाएं: शिमला नगर निगम जीतने के बाद अब इसके मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर सभी की नजरें हैं. कांग्रेस के इन चुनावों में 34 में से 24 पार्षद चुनकर आए हैं और इसमें भी सबसे ज्यादा 14 महिलाएं हैं. पूरे सदन की बात करें तो कुल 20 महिलाएं इन चुनावों में जीतकर आई हैं. इस तरह नगर निगम के सदन में महिलाओं का पलड़ा भारी है और उसमें भी कांग्रेस की महिलाएं ज्यादा है. हालांकि नगर निगम के मेयर पद के लिए सुरेंद्र चौहान का नाम सबसे आगे चल रहा है लेकिन इसमें महिलाएं भी दावेदारी कर रही हैं.

Newly elected women councillors in Municipal Corporation Shimla have upper hand.
एमसी शिमला के कुल 34 में से 20 पार्षद महिलाएं.

तीसरी बार चुनी पार्षद उमा कौशल ने मेयर पद की जताई दावेदारी: नगर निगम के मेयर पद के लिए टूटीकंडी वार्ड से तीसरी बार पार्षद चुनी गई उमा कौशल ने दावेदारी जताई हैं. कौशल परिवार से आठवीं बार नगर निगम के लिए कोई पार्षद चुनकर आया है. इनमें स्वंय उमा कौशल यहां से तीसरी बार पार्षद चुनकर आई हैं. इसके अलावा उनके पति आनंद कौशल भी दो बार नगर निगम के पार्षद रहे हैं.

उमा कौशल ने कहा कि उनके परिवार से 1986 से लगातर पार्षद चुनकर एमसी में आता रहा है. केवल 2007 में यहां से अन्य महिला चुनी गई थीं, बाकी इसी परिवार से नगर निगम में पार्षद रहे हैं. उमा कौशल का कहना है कि वह स्वयं तीसरी बार चुनकर आई हैं. ऐसे में उनको मेयर पद मिलना चाहिए. उमा कौशल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने भी अपनी बात रखी है और अब मुख्यमंत्री को इसको लेकर फैसला करना है.

सुषमा कुठियाला ने भी नगर निगम में मांगा पद: रामबाजार से लगातार तीसरी बार चुनकर आई सुषमा कुठियाला ने भी नगर निगम में पद मांगा है. सुषमा कुठियाला ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने अपना पक्ष रखा है. कुठियाला ने कहा है कि वह नगर निगम में वरिष्ठ पार्षद हैं और लगातार तीसरी बार चुनकर आई हैं. ऐसे में उनको मेयर या डिप्टी मेयर में से कोई भी पद मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभी बाहर हैं और जब वे आएंगे तो उनके सामने भी वह अपना पक्ष रखेंगी.

सुरेंद्र चौहान मेयर पद की दौड़ में अभी भी आगे: हालांकि नगर निगम के मेयर पद के लिए अन्य दावेदार भी सामने आ रहे हैं, लेकिन छोटा शिमला से पार्षद चुने गए सुरेंद्र चौहान मेयर पद की दौड़ में सबसे आगे है. सुरेंद्र चौहान तीसरी बार यहां से पार्षद बने हैं और वह इससे पहले 2007 और 2012 में भी पार्षद रह चुके हैं. इस तरह तीसरी बार वह पार्षद चुने गए हैं और मेयर पद के प्रबल दावेदार हैं.

सुरेंद्र चौहान के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले छोटा शिमला के ब्राक्हास्ट में रहते थे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जब छोटा शिमला से पार्षद के चुनाव लड़ते थे तो सुरेंद्र चौहान उनके लिए प्रचार सहित सारा कार्य करते थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी बीते दिनों यह कह चुके हैं कि पार्षद के चुनाव के समय सुरेंद्र चौहान उनके लिए लिए काम करते रहे हैं.

डिप्टी मेयर पद पर हैं कई दावेदार: नगर निगम के डिप्टी मेयर पद के लिए भट्टाकुफर वार्ड से पार्षद चुने गए नरेंद्र ठाकुर का नाम अभी तक आगे था. नरेंद्र ठाकुर इससे पहले 2012 में भी यहां से पार्षद रह चुके हैं. सांगटी से कुलदीप ठाकुर तीसरी बार लगातार एमसी में चुने गए हैं. इससे पहले दो बार वह मल्याणा वार्ड से चुने गए हैं. कुलदीप ठाकुर और नरेंद्र ठाकुर का वार्ड कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ता है, जहां से पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह विधायक भी हैं. हालांकि नरेंद्र ठाकुर अनिरुद्ध सिंह के करीबी माने जाते हैं. लेकिन, दो महिला पार्षदों की दावेदारी से अब कांग्रेस संतुलन साधने की कोशिश कर सकता है.

विक्रमादित्य सिंह ने भी की महिलाओं की वकालत: इस बीच लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी महिला पार्षदों की वकालत की है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि नगर निगम में सबसे ज्यादा महिला पार्षद चुनकर आई हैं और ऐसे में कोई पद महिलाओं को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक रहे हैं और कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी भी महिलाओं को आगे लाने की हमेशा वकालत करती रही हैं. ऐसे में एमसी शिमला में भी महिलाओं को कोई न कोई जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. हालांकि मेयर और डिप्टी मेयर के पदों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बैठक कर इनके लिए नाम तय करेंगे.

ये भी पढ़ें: शिमला में मेयर पद के प्रबल दावेदार ने कौन सा अभियान किया शुरू, क्यों हैं CM के खास ?

शिमला: नगर निगम शिमला के नए सदन में इस बार बढ़ी संख्या में महिला पार्षदों का दबदबा है. कुल 34 पार्षदों में से 20 महिलाएं नए सदन में चुनकर आई हैं, इनमें भी कांग्रेस की सबसे ज्यादा 14 महिला पार्षद अबकी बार चुनावी जीती हैं. नगर निगम चुनाव होने के बाद अब इसके दो बड़े पद, मेयर और डिप्टी के पदों के लिए लॉबिंग तेज हो गई है. महिला पार्षद अपनी दावेदारी दोनों पदों के लिए जा रही हैं. ऐसे में शिमला नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर पदों के लिए दावेदारों की संख्या भी बढ़ गई हैं.

MC शिमला में 34 में से 20 पार्षद महिलाएं: शिमला नगर निगम जीतने के बाद अब इसके मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर सभी की नजरें हैं. कांग्रेस के इन चुनावों में 34 में से 24 पार्षद चुनकर आए हैं और इसमें भी सबसे ज्यादा 14 महिलाएं हैं. पूरे सदन की बात करें तो कुल 20 महिलाएं इन चुनावों में जीतकर आई हैं. इस तरह नगर निगम के सदन में महिलाओं का पलड़ा भारी है और उसमें भी कांग्रेस की महिलाएं ज्यादा है. हालांकि नगर निगम के मेयर पद के लिए सुरेंद्र चौहान का नाम सबसे आगे चल रहा है लेकिन इसमें महिलाएं भी दावेदारी कर रही हैं.

Newly elected women councillors in Municipal Corporation Shimla have upper hand.
एमसी शिमला के कुल 34 में से 20 पार्षद महिलाएं.

तीसरी बार चुनी पार्षद उमा कौशल ने मेयर पद की जताई दावेदारी: नगर निगम के मेयर पद के लिए टूटीकंडी वार्ड से तीसरी बार पार्षद चुनी गई उमा कौशल ने दावेदारी जताई हैं. कौशल परिवार से आठवीं बार नगर निगम के लिए कोई पार्षद चुनकर आया है. इनमें स्वंय उमा कौशल यहां से तीसरी बार पार्षद चुनकर आई हैं. इसके अलावा उनके पति आनंद कौशल भी दो बार नगर निगम के पार्षद रहे हैं.

उमा कौशल ने कहा कि उनके परिवार से 1986 से लगातर पार्षद चुनकर एमसी में आता रहा है. केवल 2007 में यहां से अन्य महिला चुनी गई थीं, बाकी इसी परिवार से नगर निगम में पार्षद रहे हैं. उमा कौशल का कहना है कि वह स्वयं तीसरी बार चुनकर आई हैं. ऐसे में उनको मेयर पद मिलना चाहिए. उमा कौशल ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सामने भी अपनी बात रखी है और अब मुख्यमंत्री को इसको लेकर फैसला करना है.

सुषमा कुठियाला ने भी नगर निगम में मांगा पद: रामबाजार से लगातार तीसरी बार चुनकर आई सुषमा कुठियाला ने भी नगर निगम में पद मांगा है. सुषमा कुठियाला ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने अपना पक्ष रखा है. कुठियाला ने कहा है कि वह नगर निगम में वरिष्ठ पार्षद हैं और लगातार तीसरी बार चुनकर आई हैं. ऐसे में उनको मेयर या डिप्टी मेयर में से कोई भी पद मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अभी बाहर हैं और जब वे आएंगे तो उनके सामने भी वह अपना पक्ष रखेंगी.

सुरेंद्र चौहान मेयर पद की दौड़ में अभी भी आगे: हालांकि नगर निगम के मेयर पद के लिए अन्य दावेदार भी सामने आ रहे हैं, लेकिन छोटा शिमला से पार्षद चुने गए सुरेंद्र चौहान मेयर पद की दौड़ में सबसे आगे है. सुरेंद्र चौहान तीसरी बार यहां से पार्षद बने हैं और वह इससे पहले 2007 और 2012 में भी पार्षद रह चुके हैं. इस तरह तीसरी बार वह पार्षद चुने गए हैं और मेयर पद के प्रबल दावेदार हैं.

सुरेंद्र चौहान के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी हैं. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले छोटा शिमला के ब्राक्हास्ट में रहते थे. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू जब छोटा शिमला से पार्षद के चुनाव लड़ते थे तो सुरेंद्र चौहान उनके लिए प्रचार सहित सारा कार्य करते थे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी बीते दिनों यह कह चुके हैं कि पार्षद के चुनाव के समय सुरेंद्र चौहान उनके लिए लिए काम करते रहे हैं.

डिप्टी मेयर पद पर हैं कई दावेदार: नगर निगम के डिप्टी मेयर पद के लिए भट्टाकुफर वार्ड से पार्षद चुने गए नरेंद्र ठाकुर का नाम अभी तक आगे था. नरेंद्र ठाकुर इससे पहले 2012 में भी यहां से पार्षद रह चुके हैं. सांगटी से कुलदीप ठाकुर तीसरी बार लगातार एमसी में चुने गए हैं. इससे पहले दो बार वह मल्याणा वार्ड से चुने गए हैं. कुलदीप ठाकुर और नरेंद्र ठाकुर का वार्ड कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ता है, जहां से पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह विधायक भी हैं. हालांकि नरेंद्र ठाकुर अनिरुद्ध सिंह के करीबी माने जाते हैं. लेकिन, दो महिला पार्षदों की दावेदारी से अब कांग्रेस संतुलन साधने की कोशिश कर सकता है.

विक्रमादित्य सिंह ने भी की महिलाओं की वकालत: इस बीच लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी महिला पार्षदों की वकालत की है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि नगर निगम में सबसे ज्यादा महिला पार्षद चुनकर आई हैं और ऐसे में कोई पद महिलाओं को मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह महिला सशक्तिकरण के प्रबल समर्थक रहे हैं और कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी भी महिलाओं को आगे लाने की हमेशा वकालत करती रही हैं. ऐसे में एमसी शिमला में भी महिलाओं को कोई न कोई जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. हालांकि मेयर और डिप्टी मेयर के पदों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बैठक कर इनके लिए नाम तय करेंगे.

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