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मंत्री पद की रेस में विक्रमादित्य सिंह का नाम, 2 बार जीत चुके हैं चुनाव

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Published : Dec 13, 2022, 5:23 PM IST

मंत्री पद की रेस में शिमला ग्रामीण से विधायक और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह भी शामिल है. विक्रमादित्य सिंह एक युवा नेता हैं और राजनीति की अच्छी समझ रखते हैं. इसके अलावा वह 6 बार के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिहं के बेटे हैं. और वीरभद्र परिवार को कहीं न कहीं पार्टी अनदेखा भी नहीं कर सकती. (MLA Vikramaditya Singh) (NEW CABINET MINISTERS OF HIMACHAL)

मंत्री पद की रेस में विक्रमादित्य सिंह
मंत्री पद की रेस में विक्रमादित्य सिंह

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के सीएम (Himachal CM sukhwinder singh sukhu) और मुकेश अग्निहोत्री के डिप्टी सीएम (Himachal Deputy CM Mukesh agnihotri) बनने के बाद अब मंत्रियों की कुर्सी के लिए जोर-आजमाइश का दौर है. सरकार में सीएम को मिलाकर कुल 12 लोग मंत्रिमंडल में होते हैं. इसके अलावा एक विधानसभा अध्यक्ष व एक विधानसभा उपाध्यक्ष का पद है. यानी कुल मिलाकर 14 लोग एडजस्ट हो सकते हैं. चूंकि अब दो पद तय हो गए हैं, लिहाजा दस मंत्री बनेंगे. वहीं, मंत्री पद की रेस में शिमला ग्रामीण से विधायक और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह भी शामिल है.

दुसरी बार जीते विक्रमादित्य सिंह: 2022 के चुनावों में विक्रमादित्य ने दूसरी बार शिमला ग्रामीण सीट से जीत दर्ज की है. विक्रमादित्य सिंह को कुल 35269 वोट पड़े हैं. उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी रवि मेहत्ता से था. वहीं, इससे पहले भी 2017 के चुनाव में विक्रमादित्य सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. 2017 में विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ भाजपा के डॉ. प्रमोद शर्मा थे. (MLA Vikramaditya Singh won election)

क्यों मिल सकता है मंत्री पद: विक्रमादित्य सिंह एक युवा नेता हैं और राजनीति की अच्छी समझ रखते हैं. विक्रमादित्य सिंह ने सैन स्टीफन कॉलेज दिल्ली से हिस्टरी में एमए की है. वह दो बार चुनाव भी जीत चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने विपक्ष में रहते हुए मजबूती के साथ मुद्दे उठाए हैं. विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं. हिमाचल की जनता उन्हें काफी पसंद करती है. इसके अलावा वह 6 बार के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिहं के बेटे हैं. और वीरभद्र परिवार को कहीं न कहीं पार्टी अनदेखा भी नहीं कर सकती. ऐसे में संभावना है कि उन्हें मंत्री पद जरूर मिलेगा.

संतुलन बना रहे इसलिए भी विक्रमादित्य को बनाना पड़ेगा मंत्री: बता दें कि विक्रमादित्य सिंह की मां और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की दावेदार थीं. वे सुक्खू के नाम से नाराज भी बताई जा रही थीं. लेकिन आलाकमान ने सीएम के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम फाइनल किया. ऐसे में आपसी मनमुटाव को दूर करने के लिए भी विक्रमादित्य को मंत्री पद देना कांग्रेस के लिए जरूरी होगा. प्रतिभा सिंह भी बार बार ये कहती नजर आई हैं कि ये चुनाव स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम पर ही कांग्रेस जीत पाई है तो ऐसे मे वीरभद्र परिवार की अनदेखी आलाकमान नहीं कर सकता. वहीं, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी सीएम पद की शपथ लेने से पहले प्रतिभा सिंह से मुलाकात कर ये बात कही थी कि उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह का मंत्री बनना ऑलमोस्ट तय है.

ये भी पढ़ें: 10 मंत्री पद के कई तलबगार, पार्टी में एक से बढ़कर एक दावेदार

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के सीएम (Himachal CM sukhwinder singh sukhu) और मुकेश अग्निहोत्री के डिप्टी सीएम (Himachal Deputy CM Mukesh agnihotri) बनने के बाद अब मंत्रियों की कुर्सी के लिए जोर-आजमाइश का दौर है. सरकार में सीएम को मिलाकर कुल 12 लोग मंत्रिमंडल में होते हैं. इसके अलावा एक विधानसभा अध्यक्ष व एक विधानसभा उपाध्यक्ष का पद है. यानी कुल मिलाकर 14 लोग एडजस्ट हो सकते हैं. चूंकि अब दो पद तय हो गए हैं, लिहाजा दस मंत्री बनेंगे. वहीं, मंत्री पद की रेस में शिमला ग्रामीण से विधायक और स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह भी शामिल है.

दुसरी बार जीते विक्रमादित्य सिंह: 2022 के चुनावों में विक्रमादित्य ने दूसरी बार शिमला ग्रामीण सीट से जीत दर्ज की है. विक्रमादित्य सिंह को कुल 35269 वोट पड़े हैं. उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी रवि मेहत्ता से था. वहीं, इससे पहले भी 2017 के चुनाव में विक्रमादित्य सिंह ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. 2017 में विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ भाजपा के डॉ. प्रमोद शर्मा थे. (MLA Vikramaditya Singh won election)

क्यों मिल सकता है मंत्री पद: विक्रमादित्य सिंह एक युवा नेता हैं और राजनीति की अच्छी समझ रखते हैं. विक्रमादित्य सिंह ने सैन स्टीफन कॉलेज दिल्ली से हिस्टरी में एमए की है. वह दो बार चुनाव भी जीत चुके हैं. इसके अलावा उन्होंने विपक्ष में रहते हुए मजबूती के साथ मुद्दे उठाए हैं. विक्रमादित्य सिंह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं. हिमाचल की जनता उन्हें काफी पसंद करती है. इसके अलावा वह 6 बार के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिहं के बेटे हैं. और वीरभद्र परिवार को कहीं न कहीं पार्टी अनदेखा भी नहीं कर सकती. ऐसे में संभावना है कि उन्हें मंत्री पद जरूर मिलेगा.

संतुलन बना रहे इसलिए भी विक्रमादित्य को बनाना पड़ेगा मंत्री: बता दें कि विक्रमादित्य सिंह की मां और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की दावेदार थीं. वे सुक्खू के नाम से नाराज भी बताई जा रही थीं. लेकिन आलाकमान ने सीएम के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम फाइनल किया. ऐसे में आपसी मनमुटाव को दूर करने के लिए भी विक्रमादित्य को मंत्री पद देना कांग्रेस के लिए जरूरी होगा. प्रतिभा सिंह भी बार बार ये कहती नजर आई हैं कि ये चुनाव स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम पर ही कांग्रेस जीत पाई है तो ऐसे मे वीरभद्र परिवार की अनदेखी आलाकमान नहीं कर सकता. वहीं, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी सीएम पद की शपथ लेने से पहले प्रतिभा सिंह से मुलाकात कर ये बात कही थी कि उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह का मंत्री बनना ऑलमोस्ट तय है.

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