शिमलाः हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार को भाजपा विधायक पवन नैय्यर ने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया. चंबा के विधायक पवन नैय्यर ने जिला में बेबी किट खरीद में धांधली का आरोप लगाया. साथ ही पूरे मामले की जांच की मांग उठाई. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने हालांकि जांच की मांग को नहीं माना, अलबत्ता अपने स्तर पर मामले को देखने का भरोसा दिलाया. विधायक नैय्यर ने अपने सवाल में चंबा में बेबी किट खरीद के टेंडर व इससे जुड़ी अन्य जानकारियां मांगी थीं. पिछड़े जिला चंबा में केंद्र सरकार की योजना के तहत नवजात शिशुओं के लिए बेबी किट्स खरीदी गई थीं. नैय्यर ने कहा कि चंबा जिले में इन किट की खरीद नियमों के तहत नहीं हुई है.
कोविड काल में सीमित टेंडर के नाम पर अनियमितताएं
कोविड काल में सीमित टेंडर के नाम पर अनियमितताएं हुई हैं. उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की. सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने कहा कि डीसी के माध्यम से गठित कमेटी ने खरीद की है. टेंडर में पांच फर्मों ने भाग लिया था. लोकल लेवल पर छह लाख की खरीद डीसी कर सकते हैं.
सरवीण चौधरी ने जानकारी दी कि चंबा जिले के लिए बेबी किट विशेष रूप से खरीदी गई थी. कोविड काल के दौरान छह लाख रुपए में 1272 किट्स की खरीद हुई थी. कुल पांच सौ रुपए की किट 435 रुपए में खरीदी थी. उन्होंने सदन में बताया कि सीडीपीओ कार्यालय में टेंडर को प्रदर्शित किया गया था और न्यूनतम बोलीदाता को इसका काम आवंटित किया था.
विधायक पवन नैय्यर ने आरोप लगाया था कि विभाग द्वारा खरीदी गई बेबी किट, कंबल पोस्टर व पंफलेट बिना किसी नियमबद्ध टेंडर प्रक्रिया के खरीदे हैं. बेबी किट में एक मैट्रेस, एक कंबल, एक तकिया, एक साइड पिलो शामिल है. वहीं, माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी सदन में कहा कि ये मामला केवल चंबा का ही नहीं, पूरे प्रदेश का है.
विधायक पवन नैय्यर ने की जांच की मांग
विधायक पवन नैय्यर जांच की मांग पर अड़े थे, लेकिन मंत्री ने कहा कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है, फिर भी वे अपने स्तर पर जांच करेंगी. नीति आयोग की तरफ से ये पैसा मिला था. पूरे जिला चंबा को 32 लाख रुपए मिले थे, जिसमें से छह लाख रुपए की बेबी किट ली गई थी.
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