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'नमामि गंगे' की तर्ज पर होगा सतलुज नदी का पुनरुद्धार,  मास्टर प्लान तैयार

सतलुज नदी के पुनरुद्धार लिए हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला द्वारा बैठक का आयोजन किया गया. परियोजना समन्वयक डॉ. संदीप शर्मा ने विस्तार से परियोजना के बारे में जानकारी दी.

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Published : Aug 2, 2019, 10:34 PM IST

बैठक में सतलुज नदी के पुनरूद्धार के लिए मास्टर प्लान पर चर्चा

रामपुर: हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला द्वारा शुक्रवार को सिंधु नदी बेसिन के अंतर्गत सतलुज नदी का पुनरुद्धार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए परामर्शक बैठक का आयोजन किया. इस बैठक का आयोजन वन विश्रामगृह नोगली में किया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्य अरण्यपाल वन वृत रामपुर अनिल ठाकुर ने की.

बैठक में सतलुज नदी के पुनरूद्धार के लिए मास्टर प्लान पर चर्चा

सतलुज बेसिन के मुख्य हितधारकों वन विभाग, ग्रामीण, शहरी विकास विभाग, बागवानी विभाग, मत्सय विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान, भारतीय रिमोर्ट सेंसिग संस्थान, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, भारतीय जल आयोग, गैर सरकारी संस्थान, सिविल सोसायटी के सदस्यों आदि से इस कार्य के लिए सिफारिशें और परामर्श प्राप्त करने के लिए बैठक आयोजित की गई.

परियोजना समन्वयक डॉ. संदीप शर्मा ने सतलुज नदी के पुनरुद्धार के लिए विस्तार से परियोजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. जिसे हिमाचल जैसे कठिन क्षेत्र में भी क्रियान्वित किया जाना है. मुख्य अरण्यपाल ने जल अधिग्रहण क्षेत्रों में वानिकी उपचारों के बारे में विस्तार से बताया.

डॉ. रणजीत मिन्हास ने हिमाचल प्रदेश जल संरक्षण की विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने परियोजना के महत्वपूर्ण तकनीकि पहलुओं के बारे में बताया और कई तरह के सुझाव भी दिए.

सतलुज नदी समन्यवक डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए आगामी मार्च तक डीपीआर तैयार कर दी जाएगी. जबकि विस्तृत अध्ययन के बाद मार्च 2021 तक इस कार्य को अंजाम दिए जाने की संभावना है.

इस मौके पर नगर परिषद वार्ड 2 की पार्षद उषा चौहान ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की. जबकि डीएफओ रामपुर हेडक्वार्टर वीके अग्रवाल, डीएफओ आनी चंद्रभूषण, डीएफओ किन्नौर डॉ.जीवन लाल राव सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.

रामपुर: हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला द्वारा शुक्रवार को सिंधु नदी बेसिन के अंतर्गत सतलुज नदी का पुनरुद्धार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए परामर्शक बैठक का आयोजन किया. इस बैठक का आयोजन वन विश्रामगृह नोगली में किया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्य अरण्यपाल वन वृत रामपुर अनिल ठाकुर ने की.

बैठक में सतलुज नदी के पुनरूद्धार के लिए मास्टर प्लान पर चर्चा

सतलुज बेसिन के मुख्य हितधारकों वन विभाग, ग्रामीण, शहरी विकास विभाग, बागवानी विभाग, मत्सय विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान, भारतीय रिमोर्ट सेंसिग संस्थान, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, भारतीय जल आयोग, गैर सरकारी संस्थान, सिविल सोसायटी के सदस्यों आदि से इस कार्य के लिए सिफारिशें और परामर्श प्राप्त करने के लिए बैठक आयोजित की गई.

परियोजना समन्वयक डॉ. संदीप शर्मा ने सतलुज नदी के पुनरुद्धार के लिए विस्तार से परियोजना के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. जिसे हिमाचल जैसे कठिन क्षेत्र में भी क्रियान्वित किया जाना है. मुख्य अरण्यपाल ने जल अधिग्रहण क्षेत्रों में वानिकी उपचारों के बारे में विस्तार से बताया.

डॉ. रणजीत मिन्हास ने हिमाचल प्रदेश जल संरक्षण की विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने परियोजना के महत्वपूर्ण तकनीकि पहलुओं के बारे में बताया और कई तरह के सुझाव भी दिए.

सतलुज नदी समन्यवक डॉ. संदीप शर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए आगामी मार्च तक डीपीआर तैयार कर दी जाएगी. जबकि विस्तृत अध्ययन के बाद मार्च 2021 तक इस कार्य को अंजाम दिए जाने की संभावना है.

इस मौके पर नगर परिषद वार्ड 2 की पार्षद उषा चौहान ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की. जबकि डीएफओ रामपुर हेडक्वार्टर वीके अग्रवाल, डीएफओ आनी चंद्रभूषण, डीएफओ किन्नौर डॉ.जीवन लाल राव सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे.

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रामपुर बुशहर, 2 जुलाईBody:

हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान शिमला द्वारा शुक्रवार को सिंधु नदी बेसिन के अंतर्गत सतलुज नदी का वानिकी गतिविधियों के माध्यम से पुनरूद्धार के के लिए विस्तुत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए परामर्शक बैठक का आयोजन वन विश्रामगृह नोगली में किया गया। जिसकी अध्यक्षता मुख्य अरण्यपाल वन वृत रामपुर अनिल ठाकुर द्वारा की गई। इस चुनौतीपूर्ण कार्य को शुरू करने के लिए सतलुज बेसिन के मुख्य हितधारकों वन विभाग, ग्रामीण, शहरी विकास विभाग, बागवानी विभाग, मत्सय विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान, भारतीय रिमोर्ट सेंसिग संस्थान, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, भारतीय जल आयोग, गैर सरकारी संस्थान, सिविल सोसायटी के सदस्यों आदि से इस कार्य के लिए सिफारिशें और परामर्श प्राप्त करन के लिए बैठक आयोजित की गई, ताकि परियोजना के संचालन के दौरान हितधारकों के सुझावों की डीपीआर को महत्वपूर्ण दस्तावेजों में समावेशित किया जा सके। परियोजना समन्वयक डॉ. संदीप शर्मा ने सतलुज नदी के पुनरूद्धार के लिए विस्तार से परियोजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसे हिमाचल जैसे कठिन क्षेत्र में भी क्रियान्वित किया जाना है। मुख्य अरण्यपाल ने जल अधिग्रहण क्षेत्रों में वानिकी उपचारों के बारे में विस्तार से बताया।

फार्मर को-आपरेटिब फेडरेशन हिमोर्ड के अध्यक्ष डॉ. रणजीत मिन्हास ने हिमाचल प्रदेश जल संरक्षण की विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने परियोजना के महत्वपूर्ण तकनीकि पहलुओं के बारे में बताया और कई तरह के सुझाव भी दिए। उन्होंने बताया कि सतलुज बेसिन पर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों, घास, औषधीय पौधे लगा कर भूमि कटाव को रोका जा सकता है इससे सतलुज बेसिन का सौदर्यीकरण भी होगा तथा नदी में सिल्ट की मात्रा पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा। सतलुज नदी समन्यवक डा. संदीप शर्मा ने बताया कि इस कार्य के लिए आगामी मार्च तक डीपीआर तैयार कर दी जाएगी जबकि विस्तृत अध्ययन के बाद मार्च 2021 तक इस कार्य को अंजाम दिए जाने की संभावना है। इस मौके पर नगर परिषद वार्ड 2 की पार्षद उषा चौहान ने विशेष अतिथि के रूप में शिरकत की जबकि डीएफओ रामपुर हेडक्वाटर वीके अग्रवाल, डीएफओ आनी चंद्रभूषण, डीएफओ किन्नौर डॉ.जीवन लाल राव सहित कई अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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रामपुर बुशहर : नोगली में आयोजित वन अनुसंधान की बैठक में उपस्थित अधिकारी व कर्मचारी



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