शिमला: शहर में पहचान बना चुके बुक कैफे में अब कैदी चाय कॉफी परोसते नजर नहीं आएंगे. नगर निगम अब जेल विभाग से इस कैफे को वापिस लेने जा रहा है और इसे निजी हाथों को सौंपने की तैयारी में है. निगम बुक कैफे को लीज पर देने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहा है.
बता दें कि 2016 में इस बुक कैफे की शुरुआत हुई थी और तब से इसका संचालन जेल विभाग कर रहा था. नगर निगम ने जेल विभाग को लीज पर ये कैफे दिया है. इस कैफे में ग्राहकों को कैदी ही कॉफी चाय और खाना परोसते थे.
शिमला के रिज के पास इस बुक कैफे को देखने के लिए खासकर पर्यटक पहुंचते है. जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदियों के संचालन के चलते ये आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस बुक कैफे की पहचान ही इन कैदियों से है, लेकिन अब ये पहचान नगर निगम खत्म करने जा रहा है और इसका संचालन निजी हाथों में सौंपने की तैयारी की जा रही है.
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हालांकि नगर निगम की महापौर इस तरह के टेंडर कॉल करने की बात से इनकार कर रही है, लेकिन इसे लीज पर देने की बात उन्होंने साफ तौर पर कही है. नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट का कहना है कि ये लीज पर जेल विभाग को दिया गया है और लीज खत्म हो रही है. इससे नगर निगम को कोई आय नही हो रही है और पार्षद इसे लीज पर देने की मांग कर रहे हैं ताकि नगर निगम को आय हो सके.