शिमला: शहर में जल निगम की ओर से दिए जा रहे भारी भरकम बिलों और दुकानों के किराए में की गई वृद्धि को लेकर शुक्रवार को मासिक बैठक में जम कर हंगामा हुआ. कांग्रेस पार्षदों के साथ बीजेपी के पार्षदों ने भी पानी के बिलों को कम करवाने की मांग की.
कांग्रेस पार्षद और व्यापार मंड़ल के अध्यक्ष इंदरजीत सिंह ने सदन शुरू होते ही दुकानों का मामला सदन में उठाया और दोबारा से किराया निर्धारित करने की मांग उठाई. वहीं, इस मुद्दे पर भाजपा के पार्षद भी महापौर और उप महापौर से उलझ गए. उप महापौर ने पूर्व की नगर निगम के महापौर द्वारा कमेटी बनाने की बात कही इस पर पूर्व महापौर भड़क गई और सदन में जम कर हंगामा हुआ.
वहीं, नगर निगम के आयुक्त पंकज राय ने दुकानों के किराए को दोबारा निर्धारित करने के लिए कमेटी गठित करने की बात कही. पानी के भारी भरकम बिलों के खिलाफ भी सभी पार्षदों ने सदन में मोर्चा खोला और कोर एरिया के लोगों को पानी के रेट कम न करने पर हंगामा किया.
पार्षदों का आरोप है कि बीओडी की बैठक में मर्ज्ड एरिया का पानी के रेट कम कर दिए है और शहर के बराबर रखे गए है. कांग्रेस पार्षद इंदरजीत सिंह ने कहा कि नगर निगम ने दुकानों के किराए में सौ गुना वृद्धि कर दी है और दुकानदार बड़ा हुआ किराया देने में असमर्थ है.
इससे पहले भी कई बार नगर निगम के समक्ष ये मामला उठाया गया, लेकिन फिर भी कोई राहत नही दी जा रही है. उन्होंने कहा कि आयुक्त ने अब कमेटी बनाने की बात कही है. वहीं, शहर में पानी के बिल भी काफी ज्यादा आ रहे है. संजीव ठाकुर ने कहा कि शहर के दुकानदारों का नगर निगम ने मनमाने तरीके से किराया बड़ा दिया है.
वहीं, नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि बीडीओ की बैठक में शहर में ज्यादा बिलों का मुद्दा उठाया गया था और इसे कम करने का आग्रह किया गया है और शहर में भी पानी के रेट कम करने का मामला बीओडी की अगली बैठक में उठाया जाएगा.
ये भी पढ़ें: अद्भुत हिमाचल: यहां अश्लील गालियां देकर भगाई जाती हैं बुरी शक्तियां!