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10th रिजल्ट: पेपर चैकिंग में बड़ी चूक, पहले मिले 43 अंक, शिकायत करने पर हुए 100

पोर्टमोर की छात्रा की गणित विषय की उत्तर पुस्तिका जांचने में अध्यापक की बड़ी चूक सामने आई है. मामले के तहत स्कूल की छात्रा शगुन को गणित विषय में 43 अंक दिए गए थे, लेकिन जब गणित विषय के पेपर की दोबारा जांच करवाई गई तो छात्रा को गणित विषय में 100 अंक प्राप्त हुए है.

Himachal Pradesh Board of School Education
छात्रा शगुन
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Published : Jun 13, 2020, 8:28 PM IST

शिमला: हिमाचल शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में पोर्टमोर स्कूल की एक छात्रा को लापरवाही का खामियाजा भगुतना पड़ा. पेपर चेक करने में बड़ी लापरवाही सामने आई है. शिकायत के बाद गलती को सुधारा गया है. पहले छात्रा को गणित के पेपर में 100 में से 43 नंबर दिए गए थे, लेकिन शिकायत करने पर नंबर बढ़कर 100 कर दिए गए.

इतना ही नहीं अंकों में सुधार होने पर छात्रा ने स्कूल में टॉप करने के साथ ही जिला में टॉप टेन छात्रों में भी अपना स्थान बनाया है. जब छात्रा का परिणाम आया तो वह अपने गणित विषय के नंबर को देख कर हैरान थी. छात्रा को अपने गणित विषय के पेपर को देखते हुए यह उम्मीद थी कि उसे बेहतर अंक इस विषय पर प्राप्त होंगे. छात्रा स्कूल में टॉपर रही है तो ऐसे में स्कूल की प्रिंसिपल नरेन्द्र सूद की ओर से भी मामले में तुंरत संज्ञान लिया गया और मामला बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी के समक्ष उठाया गया.

वीडियो

स्कूल प्रिंसिपल की ओर से हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से अपील की गई कि छात्रा के गणित के पेपर को दोबारा से चेक किया जाए. उन्होंने इस अपील को माना और शगुन का गणित का पेपर चैक किया गया तो छात्रा के अंक 43 से 100 हुए.

छात्रा ने प्रिंसिपल के पूछने पर भी यही बात कही थी कि उसे विश्वास है कि गणित विषय में उसे 100 में से 100 अंक प्राप्त होंगे. छात्रा की पहले की परफॉर्मेंस को अन्य विषयों में मिले अंकों पर ही स्कूल प्रिंसिपल ने इस मुद्दे को शिक्षा बोर्ड के समक्ष उठाया, जिसका परिणाम भी बेहतर निकला. स्कूल प्रिंसिपल नरेंद्र सूद ने छात्रा का पेपर चेक करने पर बोर्ड अधिकारियों का आभार जताया है.

उन्होंने बताया कि छात्रा हर कक्षा में स्कूल की टॉपर रही है और उसके 10वीं कक्षा के परिणाम में अन्य विषय में भी बेहतर अंक थे. मात्र गणित विषय में ही उसे 43 अंक प्राप्त हुए थे जिस पर ना तो क्लास टीचर और ना ही छात्रा को विश्वास हो रहा था. इसी को देखते हुए मामला बोर्ड के समक्ष उठाया गया और बोर्ड ने बिना विलंब किए छात्रा के अंक तालिका में हुई गलती को ठीक किया और उसके अंकों में सुधार किया गया.

गणित विषय के अंकों में हुए सुधार से छात्रा और उसके अभिभावक भी खुश हैं और उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल सहित बोर्ड अध्यक्ष का भी आभार जताया है. भले ही छात्रा के अंकों में सुधार बोर्ड की ओर से किया गया है, लेकिन यह बड़ा सवाल है कि इतनी बड़ी चूक कहां और किस तरह से हुई. इसके लिए कौन जिम्मेवार है.

शिमला: हिमाचल शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में पोर्टमोर स्कूल की एक छात्रा को लापरवाही का खामियाजा भगुतना पड़ा. पेपर चेक करने में बड़ी लापरवाही सामने आई है. शिकायत के बाद गलती को सुधारा गया है. पहले छात्रा को गणित के पेपर में 100 में से 43 नंबर दिए गए थे, लेकिन शिकायत करने पर नंबर बढ़कर 100 कर दिए गए.

इतना ही नहीं अंकों में सुधार होने पर छात्रा ने स्कूल में टॉप करने के साथ ही जिला में टॉप टेन छात्रों में भी अपना स्थान बनाया है. जब छात्रा का परिणाम आया तो वह अपने गणित विषय के नंबर को देख कर हैरान थी. छात्रा को अपने गणित विषय के पेपर को देखते हुए यह उम्मीद थी कि उसे बेहतर अंक इस विषय पर प्राप्त होंगे. छात्रा स्कूल में टॉपर रही है तो ऐसे में स्कूल की प्रिंसिपल नरेन्द्र सूद की ओर से भी मामले में तुंरत संज्ञान लिया गया और मामला बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी के समक्ष उठाया गया.

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स्कूल प्रिंसिपल की ओर से हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष से अपील की गई कि छात्रा के गणित के पेपर को दोबारा से चेक किया जाए. उन्होंने इस अपील को माना और शगुन का गणित का पेपर चैक किया गया तो छात्रा के अंक 43 से 100 हुए.

छात्रा ने प्रिंसिपल के पूछने पर भी यही बात कही थी कि उसे विश्वास है कि गणित विषय में उसे 100 में से 100 अंक प्राप्त होंगे. छात्रा की पहले की परफॉर्मेंस को अन्य विषयों में मिले अंकों पर ही स्कूल प्रिंसिपल ने इस मुद्दे को शिक्षा बोर्ड के समक्ष उठाया, जिसका परिणाम भी बेहतर निकला. स्कूल प्रिंसिपल नरेंद्र सूद ने छात्रा का पेपर चेक करने पर बोर्ड अधिकारियों का आभार जताया है.

उन्होंने बताया कि छात्रा हर कक्षा में स्कूल की टॉपर रही है और उसके 10वीं कक्षा के परिणाम में अन्य विषय में भी बेहतर अंक थे. मात्र गणित विषय में ही उसे 43 अंक प्राप्त हुए थे जिस पर ना तो क्लास टीचर और ना ही छात्रा को विश्वास हो रहा था. इसी को देखते हुए मामला बोर्ड के समक्ष उठाया गया और बोर्ड ने बिना विलंब किए छात्रा के अंक तालिका में हुई गलती को ठीक किया और उसके अंकों में सुधार किया गया.

गणित विषय के अंकों में हुए सुधार से छात्रा और उसके अभिभावक भी खुश हैं और उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल सहित बोर्ड अध्यक्ष का भी आभार जताया है. भले ही छात्रा के अंकों में सुधार बोर्ड की ओर से किया गया है, लेकिन यह बड़ा सवाल है कि इतनी बड़ी चूक कहां और किस तरह से हुई. इसके लिए कौन जिम्मेवार है.

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