शिमला: केंद्र की तीन सदस्यीय टीम ने इस साल सर्दियों में प्राकृतिक आपदाओं एवं बर्फबारी से शिमला जिला में हुए नुकसान का जायजा लिया. इस दौरान टीम ने जिला के विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक की और नुकसान प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.
टीम ने केंद्र सरकार में निदेशक कृषि डॉ. एमएन सिंह, निदेशक व्यय डॉ. एससी मीणा और केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग में उप सचिव एसएस मोदी सम्मिलित थे. जिला उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने बताया कि केंद्र के तीन सदस्य दल ने सर्दियों के मौसम में हुए नुकसान के संबंध में शिमला जिला के खड़ा पत्थर में विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया और नुकसान का आंकलन किया.
उपायुक्त ने कहा कि शिमला जिला में कृषि, बागवानी, लोक निर्माण, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड सहित अन्य विभागों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा कि शिमला जिला में कुल 5,217.74 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. जिला में 47 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में से 44 हजार हैक्टेयर क्षेत्र बागवानी के अधीन है. उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र का 33 प्रतिशत से अधिक और लगभग 7,267 हैक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ है. इससे बागवानी क्षेत्र में 49.96 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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अमित कश्यप ने कहा कि भारी बर्फबारी से मार्च 2019 तक जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में 236 संपर्क मार्ग प्रभावित हुए हैं. इससे लगभग 1,490 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. जिला में बर्फबारी से 65 आवासों और पशुशालाओं को भी नुकसान हुआ है. इन आपदाओं में 63 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है. डीसी ने बताया कि कृषि क्षेत्र में 19.42 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है. वहीं, ग्रामीण विकास विभाग को 1490 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को 5 करोड़ 39 लाख और विद्युत अधोसंरचना के क्षतिग्रस्त होने से 1347 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.
रोहड़ू क्षेत्र में जलापूर्ति की 1008 योजनाओं में से 657 प्रभावित हुई हैं. इन्हें दोबारा शुरू करने के लिए 18.93 करोड़ रुपये की जरूरत है. शिमला वृत में ट्रांसफार्मर और बिजली के खंभे क्षतिग्रस्त होने से लगभग 2.2 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है. नगर निगम शिमला की परिधि में बर्फबारी से 2.5 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है.